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चिराग पासवान निकाय चुनाव में नहीं करेंगे गठबंधन, लोजपा के विशेष सूत्रों ने दी जानकारी - Chirag Paswan No Political Alliance In Bihar

बिहार में होने वाले निकाय चुनाव (Bihar Local Body Election) में लोजपा (रामविलास) किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगा. निकाय चुनाव के बाद चिराग पासवान गठबंधन को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Chirag Paswan No Political Alliance In Bihar
Chirag Paswan No Political Alliance In Bihar
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Published : Jan 4, 2022, 4:10 PM IST

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार में होने वाले निकाय चुनाव में लोजपा किसी के साथ गठबंधन (Chirag Paswan No Political Alliance In Bihar) नहीं करेगी. विधानसभा के तर्ज पर लोजपा के सीट पर जो भी उम्मीदवार निकाय चुनाव लड़ना चाहते हैं, वह लड़ सकते हैं.

यह भी पढ़ें- बोचहां विधानसभा उपचुनाव लड़ेगी BJP, मुकेश सहनी की पार्टी को वहां से चुनाव नहीं लड़ने देंगे- अजय निषाद

दरअसल उम्मीद जतायी जा रही थी कि, निकाय चुनाव में लोजपा राजद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी. लेकिन लोजपा को यह पता है कि, निकाय चुनाव की हार जीत से नीतीश कुमार या यूं कहें बिहार सरकार को कुछ होने जाने वाला नहीं है. अगर वह निकाय चुनाव में राजद से गठबंधन कर लेती है तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में राजद उसे कुछ सीट देकर ही सिमटा देगी. जिस वजह से चिराग पासवान एक बेहतर सोच और दूरदर्शी सोच को लेकर ऐसा निर्णय लेने जा रहे हैं. यहां तक कि, पशुपति कुमार पारस के भी बयान से लगता है कि आगामी दिनों में दोनों गुट चाचा भतीजा फिर एक हो सकते हैं.

चिराग पासवान निकाय चुनाव में नहीं करेंगे गठबंधन

यह भी पढ़ें- यूपी चुनाव के लिए बिहार से जाएगी BJP की फौज, मोदी-योगी को जीत दिलाने उतरेंगे कार्यकर्ता

दरअसल, पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉक्टर संजय की मानें तो चिराग पासवान (Chirag Paswan Strategy On UP Election) ने अकेले उत्तर प्रदेश चुनाव में बिहार विधानसभा की तरह ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. लोजपा उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद ही यह निर्णय लेगी कि, वह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी या एनडीए के साथ चुनाव लड़ेगी.

यह भी पढ़ें- BJP के संयुक्त कार्य समिति की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने दिए टास्क- 'UP के लिए हो जाएं तैयार'

एक तरफ जहां चिराग पासवान लगातार नीतीश सरकार और जेडीयू पर निशाना साधते है तो, वहीं दूसरी ओर उनका बीजेपी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर जग जाहिर है. यहां तक कि बीजेपी भी खुलकर चिराग पासवान के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचती दिखती है.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में जेडीयू और बीजेपी साथ चुनाव लड़ेगी या अकेले अकेले चुनाव, अभी निर्णय नहीं हुआ है. सीटों को लेकर विचार विमर्श चल रहा है. कहीं ना कहीं चिराग पासवान के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम और जदयू और भाजपा चुनाव कैसे लड़ती है उसे देखने के बाद ही वह अपना निर्णय लेंगे.

पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है कि, चिराग पासवान का मानना है कि एनडीए घटक दल में भाजपा और जदयू के बीच जिस तरह से लगातार कई मुद्दों पर जैसे स्पेशल स्टेटस, जनगणना जैसे मुद्दों पर अलग-अलग राय है, इससे उन्हें यह लगता है कि भाजपा जदयू कभी भी अलग हो सकती है. जिस वजह से चिराग पासवान मांझी और सहनी के तरह बार-बार दल बदल नहीं करना चाहते हैं.

इन सभी कारणों के कारण ही चिराग पासवान निकाय चुनाव में गठबंधन से परहेज कर रहे हैं. चिराग पासवान को उम्मीद है कि अगला लोकसभा चुनाव वह भाजपा के साथ मिलकर लड़ेंगे या उस समय निर्णय लेंगे कि वह एनडीए के साथ रहेंगे या महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे.

यह भी पढ़ें- संजय जायसवाल बोले- 'यूपी से बिहार का बेटी रोटी का नाता, चुनाव में जुटेंगे BJP कार्यकर्ता'

अगर वह निकाय चुनाव में महागठबंधन के साथ गठबंधन कर लेते हैं तो आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पास कोई ऑप्शन नहीं रह जाएगा. डॉक्टर संजय का मानना है कि बीजेपी हिंदुत्व की बात करने वाली पार्टी है. ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगी कि, चिराग पासवान महागठबंधन के साथ चले जाएं. बिहार में पासवान वोटर्स चिराग पासवान पर विश्वास करते हैं और बीजेपी को यह पता है कि दलित वोटर को दरकिनार कर वह कभी भी सत्ता में नहीं आ सकती है.

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पटना: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार में होने वाले निकाय चुनाव में लोजपा किसी के साथ गठबंधन (Chirag Paswan No Political Alliance In Bihar) नहीं करेगी. विधानसभा के तर्ज पर लोजपा के सीट पर जो भी उम्मीदवार निकाय चुनाव लड़ना चाहते हैं, वह लड़ सकते हैं.

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दरअसल उम्मीद जतायी जा रही थी कि, निकाय चुनाव में लोजपा राजद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी. लेकिन लोजपा को यह पता है कि, निकाय चुनाव की हार जीत से नीतीश कुमार या यूं कहें बिहार सरकार को कुछ होने जाने वाला नहीं है. अगर वह निकाय चुनाव में राजद से गठबंधन कर लेती है तो आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में राजद उसे कुछ सीट देकर ही सिमटा देगी. जिस वजह से चिराग पासवान एक बेहतर सोच और दूरदर्शी सोच को लेकर ऐसा निर्णय लेने जा रहे हैं. यहां तक कि, पशुपति कुमार पारस के भी बयान से लगता है कि आगामी दिनों में दोनों गुट चाचा भतीजा फिर एक हो सकते हैं.

चिराग पासवान निकाय चुनाव में नहीं करेंगे गठबंधन

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दरअसल, पॉलिटिकल एक्सपर्ट डॉक्टर संजय की मानें तो चिराग पासवान (Chirag Paswan Strategy On UP Election) ने अकेले उत्तर प्रदेश चुनाव में बिहार विधानसभा की तरह ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. लोजपा उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद ही यह निर्णय लेगी कि, वह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेगी या एनडीए के साथ चुनाव लड़ेगी.

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एक तरफ जहां चिराग पासवान लगातार नीतीश सरकार और जेडीयू पर निशाना साधते है तो, वहीं दूसरी ओर उनका बीजेपी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर जग जाहिर है. यहां तक कि बीजेपी भी खुलकर चिराग पासवान के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचती दिखती है.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के चुनाव में जेडीयू और बीजेपी साथ चुनाव लड़ेगी या अकेले अकेले चुनाव, अभी निर्णय नहीं हुआ है. सीटों को लेकर विचार विमर्श चल रहा है. कहीं ना कहीं चिराग पासवान के विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश चुनाव के परिणाम और जदयू और भाजपा चुनाव कैसे लड़ती है उसे देखने के बाद ही वह अपना निर्णय लेंगे.

पॉलिटिकल एक्सपर्ट का कहना है कि, चिराग पासवान का मानना है कि एनडीए घटक दल में भाजपा और जदयू के बीच जिस तरह से लगातार कई मुद्दों पर जैसे स्पेशल स्टेटस, जनगणना जैसे मुद्दों पर अलग-अलग राय है, इससे उन्हें यह लगता है कि भाजपा जदयू कभी भी अलग हो सकती है. जिस वजह से चिराग पासवान मांझी और सहनी के तरह बार-बार दल बदल नहीं करना चाहते हैं.

इन सभी कारणों के कारण ही चिराग पासवान निकाय चुनाव में गठबंधन से परहेज कर रहे हैं. चिराग पासवान को उम्मीद है कि अगला लोकसभा चुनाव वह भाजपा के साथ मिलकर लड़ेंगे या उस समय निर्णय लेंगे कि वह एनडीए के साथ रहेंगे या महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ेंगे.

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अगर वह निकाय चुनाव में महागठबंधन के साथ गठबंधन कर लेते हैं तो आगामी लोकसभा चुनाव में उनके पास कोई ऑप्शन नहीं रह जाएगा. डॉक्टर संजय का मानना है कि बीजेपी हिंदुत्व की बात करने वाली पार्टी है. ऐसे में वह कभी नहीं चाहेगी कि, चिराग पासवान महागठबंधन के साथ चले जाएं. बिहार में पासवान वोटर्स चिराग पासवान पर विश्वास करते हैं और बीजेपी को यह पता है कि दलित वोटर को दरकिनार कर वह कभी भी सत्ता में नहीं आ सकती है.

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