नई दिल्ली/ पटना: बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकता है. लेकिन एनडीए में सब कुछ ठीक नहीं है. जदयू और लोजपा के बीच की तनातनी काफी बढ़ गई है. सूत्रों के अनुसार बिहार में लोजपा एनडीए से अलग होकर 143 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ सकती है. हर सीट पर जदयू के खिलाफ उम्मीदवार दे सकती है. वहीं, केंद्र में रामविलास पासवान मंत्री बने रह सकते हैं. केंद्र में लोजपा एनडीए में बनी रह सकती है.
आज लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चिराग पासवान के नेतृत्व में लोजपा के सांसदों और पूर्व सांसदों की बैठक चिराग के दिल्ली आवास पर चल रही है. विधानसभा चुनाव की रणनीति, एनडीए की मौजूदा स्थिति, बिहार एनडीए से अलग होकर लड़ना है, तो किस तरह तैयारी हो? इत्यादि पर चर्चा हो रही है. मौजूदा सांसदों और पूर्व सांसदों की क्या राय है? वो चिराग जानने की कोशिश कर रहे हैं
रामविलास पासवान नहीं हैं मौजूद
आज की बैठक में लोजपा संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान मौजूद नहीं हैं. वो अस्पताल में हैं. उनकी तबीयत ठीक नहीं है. आज की बैठक में लोजपा सांसद पशुपति पारस भी नहीं हैं. उनको कोरोना हो गया है. वो अस्पताल में हैं. लोजपा सांसद महबूब अली कैसर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए हैं. बैठक में बिहार लोजपा अध्यक्ष व सांसद प्रिंस राज पासवान, चंदन सिंह, वीना देवी, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, काली पांडे मौजूद हैं.
बीजेपी मजबूती से चिराग के साथ है
बता दें चिराग पासवान कई बार सीएम नीतीश के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं. जदयू के तरफ से उन पर भी कई बार पलटवार हो चुका है. नीतीश कुमार पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी को एनडीए में ले आए हैं. इससे भी चिराग नाराज हैं. सूत्रों के अनुसार बिहार एनडीए में रहकर चिराग पासवान चाहते हैं कि 43 सीटों पर लोजपा चुनाव लड़े. अपने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट को एनडीए के घोषणा पत्र में शामिल कराना चाहते हैं. राज्यपाल कोटे से 12 विधान पार्षदों का विधान परिषद में मनोनयन होना है, उसमें भी चिराग चाहते हैं कि 2 सीट लोजपा को मिले. लेकिन इन सब चीजों के लिए जदयू तैयार नहीं हो रही है. वहीं, बीजेपी मजबूती से चिराग के साथ है.