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BJP पर दबाव की नीतीश नीति, उपेंद्र कुशवाहा को आगे कर बढ़ा रखी है परेशानी - राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी

जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा लगातार बीजेपी के नेताओं पर हमला बोल रहे हैं. विपक्ष इसे बीजेपी पर दबाव बनाने की नीतीश नीति के रूप में देख रहा है. राजद का कहना है कि नीतीश ने बीजेपी को जवाब देने के लिए कुशवाहा को उतारा है. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि नीतीश कुशवाहा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

upendra kushwaha
उपेंद्र कुशवाहा
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Published : Jun 8, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 7:20 PM IST

पटना: विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election)और सरकार बनने के बाद भी बिहार में सियासी खटपट समाप्त नहीं हो रहा है. एनडीए (NDA) के प्रमुख घटक बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के बीच अभी भी बड़े भाई और छोटे भाई की लड़ाई जारी है.

यह भी पढ़ें- Special Status Politics: उपेंद्र कुशवाहा को BJP की दो टूक, छूटभैया नेता बयानबाजी से बाज आएं

लव कुश वोट बैंक मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को उनकी पार्टी सहित जदयू में शामिल करा लिया. अब नीतीश उपेंद्र कुशवाहा के कंधे पर बंदूक रखकर बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. कुशवाहा ऐसे तो महत्वाकांक्षी नेता हैं, लेकिन फिलहाल नीतीश के एजेंडे पर काम कर रहे हैं और बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा रखी है.

बीजेपी के खिलाफ हमलावर हैं उपेंद्र
उपेंद्र फिलहाल नीतीश के सबसे बड़े हथियार बने हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) लगातार किसी ना किसी बहाने नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) और अन्य नेता बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोलने से बचते रहे हैं. ऐसे में नीतीश ने उपेंद्र को लाकर इस कमी को दूर किया है. वह बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ केंद्रीय नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

सीएम पद के उम्मीदवार थे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तीसरे मोर्चे के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन ना तो खुद जीत पाए और ना ही उनकी पार्टी के एक भी उम्मीदवार को जीत मिली. उपेंद्र कुशवाहा महत्वाकांक्षी नेता हैं. एनडीए में भी लंबे समय तक रहे और तब नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. उपेंद्र को एनडीए से बाहर निकलने में नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी.

लव कुश समीकरण के चलते कुशवाहा को साथ लाए नीतीश
उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ चले गए थे. वह महागठबंधन के साथ भी बहुत दिनों तक नहीं रहे. विधानसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा बना लिया. नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद लव कुश समीकरण को जोड़ने की फिर से कोशिश की है. इसके चलते वह उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में ले आए.

etv india infographics
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

नीतीश के खास थे उपेंद्र
नीतीश कुमार के पहले भी उपेंद्र कुशवाहा खास रह चुके हैं. अब एक बार फिर से खास बन रहे हैं. कभी उपेंद्र कुशवाहा के काफी नजदीकी रहे कुशवाहा नेता नागमणि का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा से कुशवाहा समाज नाराज है. नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा से कोई लाभ नहीं होने वाला है.

etv india infographics
ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

नीतीश को नहीं होगा लाभ
"नीतीश कुमार के कहने पर उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. जो उपेंद्र कुशवाहा अपने समाज का नहीं हुआ वह नीतीश कुमार का क्या होगा. नीतीश को भारी गलतफहमी है कि उपेंद्र कुशवाहा को हाईलाइट करने से कुशवाहा समाज का सपोर्ट मिलेगा. कुशवाहा समाज के लोग उपेंद्र कुशवाहा से नफरत कर रहे हैं."- नागमणि, पूर्व मंत्री और कुशवाहा नेता

Nagmani
पूर्व मंत्री नागमणि
"नीतीश कुमार के लिए बीजेपी पर दबाव बनाना इस बार मुश्किल इसलिए था क्योंकि उनकी सीटें कम हैं. बीजेपी ने बड़ी पार्टी होते हुए भी उन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया है. नीतीश राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को लाकर बीजेपी को एक झटका दिया है"- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
Professor Ajay Jha
प्रोफेसर अजय झा
"नीतीश कुमार ने बीजेपी को जवाब देने के लिए उपेंद्र कुशवाहा को उतारा है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मंत्री तक नीतीश कुमार के फैसलों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. ऐसे में इस नूरा कुश्ती का अंत इसी बरसात में हो जाएगा."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी
कुशवाहा का इस्तेमाल कर रहे हैं नीतीश"2020 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. बीजेपी ने लगातार कभी लॉ एं ऑडर तो कभी किसी और मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेर रही है. इसके चलते नीतीश अपने पुराने साथियों को जोड़ रहे हैं ताकि बीजेपी पर दबाव बना सकें. इसी रणनीति के तहत उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की एंट्री जदयू में कराई. नीतीश कुशवाहा का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं."- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
Congress spokesperson Rajesh Rathore
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर

उपेंद्र कुशवाहा से नाराज हैं बीजेपी के नेता
उपेंद्र कुशवाहा जब एनडीए से अलग हुए थे तो नीतीश कुमार के साथ बीजेपी पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री से लेकर लगातार बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साधते रहे. बीजेपी नेताओं की नाराजगी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर पहले से है.

बीजेपी ने मंत्री सम्राट चौधरी को मैदान में उतारा
बीजेपी की नाराजगी के बावजूद नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को शामिल कर बीजेपी को मैसेज देने की कोशिश की. अब बीजेपी नेताओं के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा से लगातार जवाब दिलवा रहे हैं. उपेंद्र के ट्वीट और बयान से बीजेपी के अंदर खासी नाराजगी है. बीजेपी ने भी कुशवाहा समाज से आने वाले मंत्री सम्राट चौधरी को उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ बयान देने के लिए उतारा, लेकिन साफ दिख रहा है उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी नेताओं की मुश्किलें बढ़ा रखी है. ऐसे में देखना है यह नूरा कुश्ती कब तक चलती है.

यह भी पढ़ें- Bihar Unlock: 35 दिन बाद अनलॉक हुआ बिहार लेकिन जारी रहेगा नाइट कर्फ्यू

पटना: विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election)और सरकार बनने के बाद भी बिहार में सियासी खटपट समाप्त नहीं हो रहा है. एनडीए (NDA) के प्रमुख घटक बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के बीच अभी भी बड़े भाई और छोटे भाई की लड़ाई जारी है.

यह भी पढ़ें- Special Status Politics: उपेंद्र कुशवाहा को BJP की दो टूक, छूटभैया नेता बयानबाजी से बाज आएं

लव कुश वोट बैंक मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को उनकी पार्टी सहित जदयू में शामिल करा लिया. अब नीतीश उपेंद्र कुशवाहा के कंधे पर बंदूक रखकर बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. कुशवाहा ऐसे तो महत्वाकांक्षी नेता हैं, लेकिन फिलहाल नीतीश के एजेंडे पर काम कर रहे हैं और बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा रखी है.

बीजेपी के खिलाफ हमलावर हैं उपेंद्र
उपेंद्र फिलहाल नीतीश के सबसे बड़े हथियार बने हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) लगातार किसी ना किसी बहाने नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) और अन्य नेता बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोलने से बचते रहे हैं. ऐसे में नीतीश ने उपेंद्र को लाकर इस कमी को दूर किया है. वह बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ केंद्रीय नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

सीएम पद के उम्मीदवार थे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तीसरे मोर्चे के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन ना तो खुद जीत पाए और ना ही उनकी पार्टी के एक भी उम्मीदवार को जीत मिली. उपेंद्र कुशवाहा महत्वाकांक्षी नेता हैं. एनडीए में भी लंबे समय तक रहे और तब नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. उपेंद्र को एनडीए से बाहर निकलने में नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी.

लव कुश समीकरण के चलते कुशवाहा को साथ लाए नीतीश
उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ चले गए थे. वह महागठबंधन के साथ भी बहुत दिनों तक नहीं रहे. विधानसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा बना लिया. नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद लव कुश समीकरण को जोड़ने की फिर से कोशिश की है. इसके चलते वह उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में ले आए.

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

नीतीश के खास थे उपेंद्र
नीतीश कुमार के पहले भी उपेंद्र कुशवाहा खास रह चुके हैं. अब एक बार फिर से खास बन रहे हैं. कभी उपेंद्र कुशवाहा के काफी नजदीकी रहे कुशवाहा नेता नागमणि का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा से कुशवाहा समाज नाराज है. नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा से कोई लाभ नहीं होने वाला है.

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ईटीवी भारत इन्फोग्राफिक्स

नीतीश को नहीं होगा लाभ
"नीतीश कुमार के कहने पर उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. जो उपेंद्र कुशवाहा अपने समाज का नहीं हुआ वह नीतीश कुमार का क्या होगा. नीतीश को भारी गलतफहमी है कि उपेंद्र कुशवाहा को हाईलाइट करने से कुशवाहा समाज का सपोर्ट मिलेगा. कुशवाहा समाज के लोग उपेंद्र कुशवाहा से नफरत कर रहे हैं."- नागमणि, पूर्व मंत्री और कुशवाहा नेता

Nagmani
पूर्व मंत्री नागमणि
"नीतीश कुमार के लिए बीजेपी पर दबाव बनाना इस बार मुश्किल इसलिए था क्योंकि उनकी सीटें कम हैं. बीजेपी ने बड़ी पार्टी होते हुए भी उन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया है. नीतीश राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को लाकर बीजेपी को एक झटका दिया है"- प्रोफेसर अजय झा, राजनीतिक विशेषज्ञ
Professor Ajay Jha
प्रोफेसर अजय झा
"नीतीश कुमार ने बीजेपी को जवाब देने के लिए उपेंद्र कुशवाहा को उतारा है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर मंत्री तक नीतीश कुमार के फैसलों पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. ऐसे में इस नूरा कुश्ती का अंत इसी बरसात में हो जाएगा."- मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता, आरजेडी
RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी
कुशवाहा का इस्तेमाल कर रहे हैं नीतीश"2020 के चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. बीजेपी ने लगातार कभी लॉ एं ऑडर तो कभी किसी और मुद्दे पर नीतीश कुमार को घेर रही है. इसके चलते नीतीश अपने पुराने साथियों को जोड़ रहे हैं ताकि बीजेपी पर दबाव बना सकें. इसी रणनीति के तहत उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की एंट्री जदयू में कराई. नीतीश कुशवाहा का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं."- राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता
Congress spokesperson Rajesh Rathore
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर

उपेंद्र कुशवाहा से नाराज हैं बीजेपी के नेता
उपेंद्र कुशवाहा जब एनडीए से अलग हुए थे तो नीतीश कुमार के साथ बीजेपी पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री से लेकर लगातार बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साधते रहे. बीजेपी नेताओं की नाराजगी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर पहले से है.

बीजेपी ने मंत्री सम्राट चौधरी को मैदान में उतारा
बीजेपी की नाराजगी के बावजूद नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को शामिल कर बीजेपी को मैसेज देने की कोशिश की. अब बीजेपी नेताओं के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा से लगातार जवाब दिलवा रहे हैं. उपेंद्र के ट्वीट और बयान से बीजेपी के अंदर खासी नाराजगी है. बीजेपी ने भी कुशवाहा समाज से आने वाले मंत्री सम्राट चौधरी को उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ बयान देने के लिए उतारा, लेकिन साफ दिख रहा है उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी नेताओं की मुश्किलें बढ़ा रखी है. ऐसे में देखना है यह नूरा कुश्ती कब तक चलती है.

यह भी पढ़ें- Bihar Unlock: 35 दिन बाद अनलॉक हुआ बिहार लेकिन जारी रहेगा नाइट कर्फ्यू

Last Updated : Jun 8, 2021, 7:20 PM IST
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