पटना: विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election)और सरकार बनने के बाद भी बिहार में सियासी खटपट समाप्त नहीं हो रहा है. एनडीए (NDA) के प्रमुख घटक बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के बीच अभी भी बड़े भाई और छोटे भाई की लड़ाई जारी है.
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लव कुश वोट बैंक मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को उनकी पार्टी सहित जदयू में शामिल करा लिया. अब नीतीश उपेंद्र कुशवाहा के कंधे पर बंदूक रखकर बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साध रहे हैं. कुशवाहा ऐसे तो महत्वाकांक्षी नेता हैं, लेकिन फिलहाल नीतीश के एजेंडे पर काम कर रहे हैं और बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा रखी है.
बीजेपी के खिलाफ हमलावर हैं उपेंद्र
उपेंद्र फिलहाल नीतीश के सबसे बड़े हथियार बने हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) लगातार किसी ना किसी बहाने नीतीश सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा करते रहे हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह (RCP Singh) और अन्य नेता बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोलने से बचते रहे हैं. ऐसे में नीतीश ने उपेंद्र को लाकर इस कमी को दूर किया है. वह बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं के साथ केंद्रीय नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.
सीएम पद के उम्मीदवार थे कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में तीसरे मोर्चे के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन ना तो खुद जीत पाए और ना ही उनकी पार्टी के एक भी उम्मीदवार को जीत मिली. उपेंद्र कुशवाहा महत्वाकांक्षी नेता हैं. एनडीए में भी लंबे समय तक रहे और तब नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था. उपेंद्र को एनडीए से बाहर निकलने में नीतीश कुमार की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी.
लव कुश समीकरण के चलते कुशवाहा को साथ लाए नीतीश
उपेंद्र कुशवाहा लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ चले गए थे. वह महागठबंधन के साथ भी बहुत दिनों तक नहीं रहे. विधानसभा चुनाव में तीसरा मोर्चा बना लिया. नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद लव कुश समीकरण को जोड़ने की फिर से कोशिश की है. इसके चलते वह उपेंद्र कुशवाहा को जदयू में ले आए.
नीतीश के खास थे उपेंद्र
नीतीश कुमार के पहले भी उपेंद्र कुशवाहा खास रह चुके हैं. अब एक बार फिर से खास बन रहे हैं. कभी उपेंद्र कुशवाहा के काफी नजदीकी रहे कुशवाहा नेता नागमणि का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा से कुशवाहा समाज नाराज है. नीतीश कुमार को उपेंद्र कुशवाहा से कोई लाभ नहीं होने वाला है.
नीतीश को नहीं होगा लाभ
"नीतीश कुमार के कहने पर उपेंद्र कुशवाहा बीजेपी के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. जो उपेंद्र कुशवाहा अपने समाज का नहीं हुआ वह नीतीश कुमार का क्या होगा. नीतीश को भारी गलतफहमी है कि उपेंद्र कुशवाहा को हाईलाइट करने से कुशवाहा समाज का सपोर्ट मिलेगा. कुशवाहा समाज के लोग उपेंद्र कुशवाहा से नफरत कर रहे हैं."- नागमणि, पूर्व मंत्री और कुशवाहा नेता
उपेंद्र कुशवाहा से नाराज हैं बीजेपी के नेता
उपेंद्र कुशवाहा जब एनडीए से अलग हुए थे तो नीतीश कुमार के साथ बीजेपी पर भी कई तरह के आरोप लगाए थे. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री से लेकर लगातार बीजेपी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साधते रहे. बीजेपी नेताओं की नाराजगी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर पहले से है.
बीजेपी ने मंत्री सम्राट चौधरी को मैदान में उतारा
बीजेपी की नाराजगी के बावजूद नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को शामिल कर बीजेपी को मैसेज देने की कोशिश की. अब बीजेपी नेताओं के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा से लगातार जवाब दिलवा रहे हैं. उपेंद्र के ट्वीट और बयान से बीजेपी के अंदर खासी नाराजगी है. बीजेपी ने भी कुशवाहा समाज से आने वाले मंत्री सम्राट चौधरी को उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ बयान देने के लिए उतारा, लेकिन साफ दिख रहा है उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी नेताओं की मुश्किलें बढ़ा रखी है. ऐसे में देखना है यह नूरा कुश्ती कब तक चलती है.
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