पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आला अधिकारियों के साथ मद्य निषेध की उच्च स्तरीय समीक्षा (Nitish Kumar Review Meeting) की. मुख्यमंत्री ने शराब माफियाओं पर सख्त कार्रवाई करने और स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव अमीर सुबहानी ने बताया कि पुलिस अब शराब पीने वाले को पकड़ने की बजाए शराब माफियाओं पर शिकंजा कसेगी. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि शराब सेवन करने वालों के बजाए बड़े सप्लायर को पकड़ा जाये.
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''सीएम का सख्त निर्देश है कि पीने वाले से ज्यादा सप्लाई करने वालों को पकड़ने पर फोकस करें. साथ ही सजा भी दिलाई जाए. राज्य के बाहर के माफिया जो बिहार में शराब की सप्लाई कर रहे हैं उन्हें गिरफ्तार किया जाय और उन्हें स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सजा दिलाई जाए.''- आमिर सुबहानी, मुख्यसचिव, बिहार
बाहरी स्टेट में शराब सप्लायर पर कार्रवाई के निर्देश: मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा अवैध शराब की बिक्री पर और सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है. आपूर्ति को रोकने के लिए और भी सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है. मुख्य सचिव ने बताया कि अक्टूबर महीने में 20000 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. जिसमें बिहार के बाहर के 90 शराब माफिया गिरफ्तार किए गए हैं. अब तक 60 हजार सप्लायर भी गिरफ्तार हो चुके हैं. शराब के धंधे में शामिल लोगों के खिलाफ अभियान बिहार में तेज होगा. बिहार में बाहर से सप्लाई करने वाले बड़े माफियाओं को पकड़ने में एक तरफ से मुख्यमंत्री ने पूरी ताकत लगाने का अधिकारियों को निर्देश दिया है.
शराबबंदी के बावजूद धड़ल्ले से तस्करी: बिहार में 2016 से पूर्ण शराब बंदी (liquor prohibition in Bihar) लागू है लेकिन अवैध रूप से बड़े पैमाने पर शराब की आपूर्ति बिहार में हो रही है. पुलिस को शराब के धंधे वाज खुली चुनौती दे रहे हैं. शराब पीने वालों की गिरफ्तारी से जेलों पर भी बोझ पड़ रहा है. हालांकि सरकार ने पिछले दिनों संशोधन कर पीने वालों को जुर्माना देकर छोड़ने की व्यवस्था भी की है. बावजूद गिरफ्तारी कम नहीं हो रही है.