पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 1,121 करोड़ रुपये की लागत की 130 किलोमीटर लंबी चार राज्य उच्च पथों का लोकार्पण किया. पटना के पहले डबल डेकर एलिवेटेड रोड के उद्घाटन की भी चर्चा थी, लेकिन अब अलग से उसके लिए कार्यक्रम आयोजित होगा.
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इसके अंतर्गत 332.00 करोड़ रुपये लागत की 41.1 किलोमीटर लंबी राज्य उच्च पथ संख्या 84 (घोघा- पंजवारा पथ), 220.72 करोड़ रुपये लागत की 29.55 किलोमीटर लंबी राज्य उच्च पथ संख्या 85 (अकबरनगर-अमरपुर पथ), 504 करोड़ रुपये लागत की 55 किलोमीटर लंबी राज्य उच्च पथ संख्या 102 (बिहियां-जगदीशपुर- पीरो-बिहटा पथ) और 64.60 करोड़ रुपये लागत की 4.55 किलोमीटर लंबी राज्य उच्च पथ संख्या 91 (बीरपुर-उदाकिशुनगंज पथ) के अंतर्गत बिहारीगंज बाइपास शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पथ निर्माण विभाग द्वारा कई अन्य योजनाओं पर भी तेजी से काम किया जा रहा है. पहले हमलोगों ने बिहार के किसी भी हिस्से से 6 घंटे में पटना आने का लक्ष्य रखा था. इसे प्राप्त कर लिया गया. अब 5 घंटे के लक्ष्य पर काम हो रहा है. हमलोगों के सत्ता संभालने से पहले 2005 तक सड़कों की क्या स्थिति थी? आवागमन में कितनी असुविधा थी? यह सभी जानते हैं. जबसे हमलोगों को बिहार में काम करने का मौका मिला है तब से कई सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया. केंद्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. मैं उनकी सरकार में मंत्री था. उस दौरान भी केंद्र सरकार के द्वारा राज्य में कई पथों का निर्माण कराया गया.'
नीतीश कुमार ने कहा, 'पथ निर्माण विभाग द्वारा कई योजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार के सहयोग से और राज्य सरकार द्वारा कई पथों, पुल-पुलियों का निर्माण होने से राज्य की जनता को आवागमन में काफी सुविधा हो रही है. शुरू में हमलोगों ने राज्य के सुदूर इलाके से 6 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने का लक्ष्य तय किया था जो पूरा कर लिया गया. अब 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. गाड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सड़कों का चैड़ीकरण किया जा रहा है.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य उच्च पथों को बेहतर ढंग से बनाया गया है. उसका 7-10 मीटर चौड़ीकरण किया जा रहा है. कई राज्य उच्च पथ को फोरलेन में बदला गया है. आज राज्य उच्च पथ संख्या 84, 85, 102 और 91 का लोकार्पण किया गया. इससे लोगों को आवागमन में और सहूलियत होगी. बाहर के लोग जब बिहार से गुजरते हैं तो यहां के सड़कों की प्रशंसा करते हैं. यहां की कानून व्यवस्था की भी प्रशंसा करते हैं. सात निश्चय-2 के अंतर्गत सुलभ संपर्कता प्रदान करने हेतु शहरी क्षेत्रों में बाईपास का निर्माण किया जा रहा है. जिन शहरी क्षेत्रों में जमीन की उपलब्धता में कमी है वहां फ्लाईओवर का निर्माण कराया जा रहा है. पथ निर्माण विभाग ने ऐसे 120 स्थानों को चिह्नित किया है, जहां बाइपास निर्माण की योजना है.'
सीएम ने कहा, 'सड़कों और पुल-पुलियों का निर्माण के साथ-साथ उनका मेंटेनेंस जरूर हो. इसे लोक शिकायत निवारण अधिनियम में भी शामिल किया गया है ताकि मेंटेनेंस नहीं होने की शिकायत आने पर दोषियों पर कार्रवाई हो सके. मुझे खुशी हुई है कि आज कार्यक्रम के दौरान राज्य उच्च पथ परियोजना से संबंधित वृतचित्र में पथों के किनारे वृक्षारोपण के संबंध में भी जानकारी दी गई है. सड़कों के दोनों किनारे अधिक से अधिक संख्या में न सिर्फ वृक्षारोपण हो बल्कि उनकी देखभाल भी हो. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र बहुत कम रह गया. राज्य के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया है.'
नीतीश ने कहा, 'जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत भी हरियाली को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है. पथ निर्माण विभाग के द्वारा कई और पथों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. बिहटा-सरमेरा पथ काफी बेहतर बना है. इससे पश्चिम से पूर्व बिहार की संपर्कता बेहतर हुई है. अटल पथ और पाटली पथ भी बेहतर बना है. घोघा-पंजवारा पथ, अकबरनगर-अमरपुर पथ, बिहियां-जगदीशपुर-पीरो-बिहटा पथ और बिहारीगंज बाइपास के निर्माण से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी.
"सड़कों का मेंटेनेंस विभाग द्वारा ही कराया जाए, इससे लगातार निगरानी भी होगी और खर्च भी कम होगा. पथों और पुलों के बेहतर ढ़ंग से मेंटेन रहने पर राज्य की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी. मुझे विश्वास है कि विभाग के अभियंता पूरी मेहनत के साथ इस पर काम करेंगे. अगर सड़कों के निर्माण और उसके मेंटेनेंस में अभियंता गंभीरता दिखाएंगे तो लोगों के बीच उनका सम्मान और बढ़ेगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने भी संबोधित किया. वीडियो कन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज, सांसद दिनेश चंद्र यादव, सांसद गिरधारी यादव, कई विधायक और विभागीय अधिकारी जुड़े हुए थे.
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