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जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारियों को चीफ जस्टिस ने लगाई फटकार, पूछा- कब मिलेगा भू-मालिकों को मुआवजा

उच्च न्यायालय पटना ने मंगलवार को पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 83 के निर्माण के मामले पर पटना सुनवाई करते हुए पटना, गया और जहानाबाद के जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है.

पटना
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने फटकार लगाई
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Published : Nov 24, 2020, 6:11 PM IST

पटना: उच्च न्यायालय पटना ने मंगलवार को पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 83 के निर्माण के मामले पर पटना सुनवाई करते हुए पटना, गया और जहानाबाद के जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है. जनहित याचिका पर सुनवाई करने के दौरान चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि भू-मालिकों के हर्जाने पर प्रशासन ने अब तक क्या किया है.

प्रतिज्ञा नामक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि जिन किसानों की जमीन सड़क निर्माण में चली गई है. उन्हें प्रशासन ने अभी तक मुआवजे की राशि क्यों नहीं दी.

वहीं, माननीय उच्च न्यायालय को प्रशासन के तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया कि नेशनल हाईवे के निर्माण कार्य को विभिन्न एजेंसियों के बीच बांट दिया गया है. वहीं, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि भूमि अधिग्रहण का 90 फीसदी काम हो गया है. सरकार जल्द ही सभी लोगों को मुआवजा जल्द दे देगी, जिनकी जमीन सड़क बनाने में चली गई है.

वहीं, भू मालिकों की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि बहुत सारे भू-मालिकों को क्षतिपूर्ति की राशि अबतक नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर कोर्ट में अगली सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित है.

पटना: उच्च न्यायालय पटना ने मंगलवार को पटना-गया-डोभी राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 83 के निर्माण के मामले पर पटना सुनवाई करते हुए पटना, गया और जहानाबाद के जिलाधिकारियों से जवाब-तलब किया है. जनहित याचिका पर सुनवाई करने के दौरान चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पूछा कि भू-मालिकों के हर्जाने पर प्रशासन ने अब तक क्या किया है.

प्रतिज्ञा नामक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि जिन किसानों की जमीन सड़क निर्माण में चली गई है. उन्हें प्रशासन ने अभी तक मुआवजे की राशि क्यों नहीं दी.

वहीं, माननीय उच्च न्यायालय को प्रशासन के तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया कि नेशनल हाईवे के निर्माण कार्य को विभिन्न एजेंसियों के बीच बांट दिया गया है. वहीं, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि भूमि अधिग्रहण का 90 फीसदी काम हो गया है. सरकार जल्द ही सभी लोगों को मुआवजा जल्द दे देगी, जिनकी जमीन सड़क बनाने में चली गई है.

वहीं, भू मालिकों की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कहा कि बहुत सारे भू-मालिकों को क्षतिपूर्ति की राशि अबतक नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर कोर्ट में अगली सुनवाई 27 नवंबर को निर्धारित है.

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