पटना: बिहार में नवरात्रि के साथ ही चैती छठ पूजा (Chaiti Chhath Puja In Ular) का भी खास महत्व होता है. भगवान भास्कर को अर्ध्य देकर लोग (Worship of Bhaskar) आराधना करते हैं. सूर्य भगवान को व्रतधारियों के द्वारा पहली अर्घ्य शाम और दूसरी अर्घ्य अगले सुबह सुर्योदय के समय दिया जाता है.
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पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल के दुल्हिनबाज़ार प्रखंड स्थित उलार सूर्य मंदिर (Ular Sun Temple Dulhinbazar Block) में भी पूजा की तैयारी कर ली गई है. जिला प्रशासन ने इसको लेकर बेहतर इंतजाम किया है. सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चाक चौबंद (Security Fully Chalked Out In Ular Temple) है. कोरोना के खात्मे के बाद अब सभी पर्व त्योहार धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है. दो साल बाद प्राचीन उलार सूर्य मंदिर में चैती छठ को लेकर न्यास समिति की तरफ से तैयारी की गई थी. जिला प्रशासन की तरफ से उलार सूर्य मंदिर के पोखर में भी टीम तैनात कर दी गई है. छठ व्रतधारी घाट पर जाने की तैयारी में हैं. इस साल छठ पूजा में लोग मन्नत को भी पूरी करने की तैयारी में हैं. बैंड बाजे के साथ छठ व्रतधारी और उनका पूरा परिवार उलार धाम पूजा के लिए पहुंच रहे हैं. कोरोना काल समाप्त होने के बाद राज्य सरकार ने भी सभी रोक हटा दिया है.
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वही उलार सूर्य मंदिर के महंत अवध बिहारी दास (Mahant Avadh Bihari Das Ular Sun Temple) ने बताया कि चैती छठ का अलग ही इतिहास है. उलार सूर्य मंदिर काफी पौराणिक मंदिर है. छठ पर्व में मन्नत उतारने दूर-दराज से लोग यहां पहुंचते हैं. इस साल चैती छठ पर जिला प्रशासन और मंदिर समिति की तरफ से आयोजन किया गया है. छठ व्रतधारियों के लिए व्यवस्था की गई है. पुजारी ने बताया कि छठ पूजा के दौरान देश और प्रदेश से लोग पूजा करने इस धाम में पहुंचते हैं. 12 सूर्य मंदिरों में से एक सूर्य मंदिर उलार धाम भी है. जो यहां सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं उनकी मन्नत पूरी होती है.
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