पटना: राजधानी में मेट्रो परियोजना में एक के बाद एक अड़ंगे सामने आ रहे हैं. केंद्र सरकार के निर्देश पर पांच महीने बाद राज्य सरकार ने आईएएस अधिकारी आनंद किशोर को पटना मेट्रो के एमडी के रूप में नियुक्ति किया था. अब केंद्र सरकार ने अध्यक्ष का तबादला कर दिया है. इसका असर मेट्रो परियोजना पर असर पड़ना तय माना जा रहा है.
एमडी की नियुक्ति के बाद अध्यक्ष की कुर्सी खाली होने की वजह से पांच महीने से प्रस्तावित पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड की निदेशक मंडल की बैठक फिर से अधर में लटक गया है. अध्यक्ष के ट्रांसफर होने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमेशा से ही बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करती आ रही है. प्रधानमंत्री मोदी नहीं चाहते हैं कि नीतीश कुमार की एक भी महत्वाकांक्षी परियोजना समय पर पूरी हो.
मेट्रो चलने में लगेगा काफी समय
हम प्रवक्ता विजय यादव ने कहा कि पटना में मेट्रो चलने में अभी काफी समय लगेगा. मेट्रो परियोजना नीतीश कुमार का भले ही ड्रीम प्रोजेक्ट हो, लेकिन प्रधानमंत्री नीतीश कुमार की एक भी परियोजना को समय पर पूरा नहीं होने देंगे.
मेट्रो परियोजना में नहीं होगी कोई कोताही
हम प्रवक्ता के सवाल पर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि यह तो एक रुटीन ट्रांसफर है. पटना मेट्रो परियोजना के काम में कोई कोताही नहीं होगी. परियोजना चल रही है और अध्यक्ष के नियुक्ति के लिए हम केंद्र सरकार से बात करेंगे.
कब तक पूरा होगा सीएम का ड्रीम प्रोजेक्ट?
बता दें कि पटना मेट्रो के काम के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत है. इस कारण पीएमआरसीएल का अध्यक्ष केंद्र सरकार नियुक्त करती है, जबकि एमडी की नियुक्ति की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थी. अब 12 मई को केंद्र सरकार ने पटना मेट्रो के अध्यक्ष शिवदास मीणा का तबादला केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कर दिया. ऐसे में सवाल उठने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट पटना मेट्रो आखिर कब तक पूरा होगा.