पटना: बिहार में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है. मोदी सरकार ने बिहार को तुरंत मदद देने के लिए एक सेंट्रल स्पेशल टीम भेजने का फैसला किया है. केंद्र सरकार ने बिहार में हाई लेवल मल्टी सेंट्रल डिस्क्लेमनेरी टीम देने का फैसला किया है. यह टीम राज्य में कोरोना से उत्पन्न हालात के बाद सरकार की ओर से किए जा रहे कार्यों की भी समीक्षा करेगी. खासतौर से वैसे जिले और इलाके का जहां कोरोना वायरस के ज्यादा मामले सामने आए हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात पर केंद्र सरकार भी अपनी नजर बनाए हुए हैं.
'सेंट्रल टीम आएगी बिहार'
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कोरोना को लेकर चलाए जा रहे राहत कार्यों की समीक्षा के लिए सेंट्रल टीम बिहार आएगी. हालांकि, इसको लेकर अभी तारीख तय नहीं हुआ है. उन्होंने बताया के केंद्र सरकार ने राज्य में बढ़ते कोरोना मामले को लेकर चिंता जाहिर की है, जो सामान्य बात है. राज्य में कोरोना वायरस को लेकर बिहार सरकार के उठाए गए कदम की समीक्षा करेगी. इसके बाद केंद्रीय टीम राज्य को जरूरत के हिसाब से तकनीकी सहायता और अन्य दिशा-निर्देश देगी. टीम अपनी समीक्षा जांच को केंद्र सरकार को सौपेगी.
जांच के लिए बिहार में मात्र चार जांच केंद्र
गौरतलब है कि बिहार में अब तक कोरोना वायरस की जांच के लिए चार ही टेस्टिंग लैब कार्यरत हैं. प्रदेश की सरकार सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कम से कम एक लैब की स्थापना की मांग लगातार केंद्र सरकार से कर रही है. बिहार स्वास्थ्य को सेंट्रल टीम के इस दौरे से काफी उम्मीदें हैं. स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद है कि समीक्षा के बाद टेस्टिंग लैब की संख्या में बढ़ोतरी होगी. विभाग अपनी मांगो को केंद्रीय टीम के अधिकारियों के समक्ष काफी मजबूती से रखेगी.