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केंद्र ने ठुकराई नीतीश सरकार की अनुशंसा, 'जाति' की सियासत करने वालों को झटका

डबल इंजन की सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुशंसा के बावजूद मल्लाह समाज को अनुसुचित जाति में शामिल किए जाने की मांग को केंद्र ने ठुकरा दिया है. इस पर समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि उम्मीद थी कि इस बार हमें एससी में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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Published : Mar 10, 2021, 5:11 PM IST

Updated : Mar 10, 2021, 5:17 PM IST

पटना: केंद्र सरकार ने मल्लाह समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को ठुकरा दिया है. इससे इस समाज से ताल्लुक रखने वाले नेता मायूस हैं. बिहार में एनडीए में शामिल दल ही केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ अवाज उठा रहे हैं.

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने मल्लाह, निषाद, बिंद, बेलदार, चौये, तीतर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट और नोनिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के अनुशंसा की थी. एथनोग्राफी अध्ययन रिपोर्ट के साथ जनजातीय कार्यालय मंत्रालय केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन आज 2 साल के बाद केंद्र सरकार ने मल्लाह जाति को एससी (अनुसूचित जाति) की सूची में शामिल करने के बिहार सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

ये भी पढ़ें: सभी जिलों में खुलेगा मेगा स्किल सेंटर, 60 ITI केंद्रों में टाटा की सहयोग से शुरू होगी ट्रेनिंग

'भारत के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से तय मानक या इसके हिसाब से इन प्रस्तावों को जांचा गया. आरजीआई ने एक दूसरे संदर्भ में भी मल्लाह जाति को एससी की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था, इसलिए यह प्रस्ताव (बिहार सरकार का) भी खारिज कर दिया गया': रतन लाल कटारिया, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री

पढ़ें: मल्लाह को SC में शामिल करने को केन्द्र ने ठुकराया तो बोले नीतीश के मंत्री- हमारी उपेक्षा हुई

बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों जगहों पर एनडीए की सरकार है. हमलोगों को भरोसा था कि इस बार इस पर मुहर लगेगी. हमलोगों को एससी में शामिल किया जाएगा. पर ऐसा नहीं हुआ. हमारे समाज की उपेक्षा हुई है.

ये भी पढ़ें: हम देते हैं नेपाल को तेल, फिर भी वहां सस्ता, यहां महंगा क्यों? समझिए

'इथनोग्राफी रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से बताया गया था कि इस समाज की डेढ़ करोड़ की आबादी है. इनकी राजनीतिक, शैक्षणिक, सामाजिक स्थिति बहुत दयनीय है'- मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री

पटना: केंद्र सरकार ने मल्लाह समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग को ठुकरा दिया है. इससे इस समाज से ताल्लुक रखने वाले नेता मायूस हैं. बिहार में एनडीए में शामिल दल ही केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ अवाज उठा रहे हैं.

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश ने मल्लाह, निषाद, बिंद, बेलदार, चौये, तीतर, खुलवट, सुरहिया, गोढ़ी, वनपर, केवट और नोनिया जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के अनुशंसा की थी. एथनोग्राफी अध्ययन रिपोर्ट के साथ जनजातीय कार्यालय मंत्रालय केंद्र सरकार को भेजा था. लेकिन आज 2 साल के बाद केंद्र सरकार ने मल्लाह जाति को एससी (अनुसूचित जाति) की सूची में शामिल करने के बिहार सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.

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'भारत के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से तय मानक या इसके हिसाब से इन प्रस्तावों को जांचा गया. आरजीआई ने एक दूसरे संदर्भ में भी मल्लाह जाति को एससी की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया था, इसलिए यह प्रस्ताव (बिहार सरकार का) भी खारिज कर दिया गया': रतन लाल कटारिया, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री

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बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्य दोनों जगहों पर एनडीए की सरकार है. हमलोगों को भरोसा था कि इस बार इस पर मुहर लगेगी. हमलोगों को एससी में शामिल किया जाएगा. पर ऐसा नहीं हुआ. हमारे समाज की उपेक्षा हुई है.

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'इथनोग्राफी रिपोर्ट में भी स्पष्ट रूप से बताया गया था कि इस समाज की डेढ़ करोड़ की आबादी है. इनकी राजनीतिक, शैक्षणिक, सामाजिक स्थिति बहुत दयनीय है'- मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री

Last Updated : Mar 10, 2021, 5:17 PM IST
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