पटना: राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच केंद्र सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की लगातार उपलब्धता और आपूर्ति को लेकर सक्रिय रहने का निर्देश दिया है. केंद्र सरकार ने बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए आवश्यक गाइड लाइन जारी की है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग इसकी आपूर्ति में जुट गया है.
केंद्र ने 3 नोडल अफसर तैनात किए
केंद्र सरकार ने कोरोना के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत को देखते हुए 3 अफसरों को बिहार के लिए नोडल अफसर बनाया है. पेट्रोलियम एक्सप्लोसिव सेफ्टी अफसर के जिम्मे ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति की मॉनिटरिंग का काम होगा जबकि ऑल इंडिया इंडस्ट्रियल गैसेज मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन को ऑक्सीजन की खरीद और बिहार के मेडिकल ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरर रिफिलर्स को मेडिकल गैस रीफिल की आपूर्ति का नोडल अफसर बनाया गया है.
केंद्र के निर्देश पर राज्य ने भी टीम बनाई
केंद्रीय टीम का गठन होने के साथ ही राज्य ने आदेश के अनुरूप सरकारी अस्पतालों के लिए टीम बना दी है. राज्य स्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अफसर को नोडल बनाया है. इनके साथ स्टेट ड्रग अफसर भी होंगे. इनके अलावा जिलों और मेडिकल कॉलेज के लिए भी अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं.
50 ऑक्सीजन सिलेंडर का बफर स्टॉक रखने का निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने टीम गठन के साथ निर्देश दिए हैं कि हर सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन की निरंतर शृंखला बनाई रखी जाए. अनुमंडल अस्पतालों के लिए 50 ऑक्सीजन सिलेंडर, आइसोलेशन सेंटर के लिए भी 50 सिलेंडर का बफर स्टॉक रखने को कहा गया है.
कोरोना अस्पताल के हर बेड पर ऑक्सीजन की आपूर्ति
इस व्यवस्था के अलावा राज्य के तीन प्रमुख कोरोना अस्पताल के कुल 2344 बेड पर लगातार ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं जबकि अन्य मेडिकल कॉलेजों में 50 फीसद बेड के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश है.