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बिहार की नदियों की गाद से होगा नेशनल हाईवे का निर्माण, इन जगहों पर बनेंगी सड़कें - NATIONAL HIGHWAYS IN BIHAR

बिहार की नदियों से निकलने वाली गाद से राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होगा. एनएचएआई ने इसके लिए मंजूरी दे दी है.

national highways In Bihar
बिहार में नदियों के गाद से एनएच निर्माण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 30, 2025, 7:59 AM IST

पटना: बिहार की नदियों में बढ़ रही गाद एक बड़ी समस्या बन गई है लेकिन अब इस समस्या के निदान के लिए जल संसाधन विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को गाद प्रयोग के लिए मंजूरी दे दी है. इससे बिहार में नदियों की गाद से नेशनल हाईवे का निर्माण हो सकेगा. गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक और फल्गू जैसी नदियों की गाद का एनएचएआई इस्तेमाल करेगा. जल संसाधन विभाग ने सात नदियों की गाद के उपयोग के लिए एनएचएआई से एनओसी दे दिया है.

गाद के कारण नदियों का तल हो रहा ऊंचा: बिहार की प्रमुख नदियों गंगा, कोसी, गंडक और बूढ़ी गंडक में लगातार गाद जमा हो रही है. इसके कारण नदियों का तल ऊंचा हो गया है, जिससे मानसून के समय बाढ़ की गंभीर समस्या का सामना कई जिलों को करना पड़ता है. खासकर नेपाल से आने वाली नदियां जल के साथ बड़े पैमाने पर गाद लेकर आती है और तबाही मचाती है. अब बिहार सरकार की ओर से गाद के इस्तेमाल को लेकर बड़ी पहल हुई है.

national highways In Bihar
बिहार में नदियों के गाद से एनएच निर्माण (ETV Bharat)

गाद के प्रयोग को लेकर बड़ा फैसला: नीतीश सरकार की ओर से लंबे समय से केंद्र सरकार से गाद नीति बनाने की मांग होती रही है. कई बार मुख्यमंत्री और जल संसाधन विभाग के मंत्री ने केंद्र सरकार को इसके लिए पत्र भी लिखा है. कई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया गया है लेकिन अभी तक गाद को लेकर कोई नीति केंद्र सरकार की तरफ से नहीं बनाई गई है. अभ अब बिहार सरकार ने बिहार में नेशनल हाईवे के निर्माण में गाद के प्रयोग को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है.

तीन परियोजनाओं के लिए पहले चरण में गाद का उपयोग: एनएचएआई के साथ-साथ नदियों के गाद के उपयोग के लिए एनओसी किया है. एक तो इससे नदियों की गाद की समस्या का समाधान होगा. साथ ही उपजाऊ मिट्टी का संरक्षण का काम भी होगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई) और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक हो चुकी है. इसके तहत पहले चरण में तीन नेशनल हाईवे परियोजना के लिए नदियों की गाद का उपयोग किया जा सकेगा.

किन सड़क के लिए होगा गाद का इस्तेमाल: भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली सड़क औरंगाबाद के आमस दरभंगा के दो स्ट्रेज के साथ कोटवा-महेषी-मुजफ्फरपुर और मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया सड़क निर्माण के लिए उपयोग होगा. इस सड़क के 357 किलोमीटर के दायरे में काम चल रहा है. इसमें बूढ़ी गंडक नदी की गाद का उपयोग होगा. इसी तरह आमस दरभंगा के दो इलाके में लगभग 100 किलोमीटर में निर्माण कार्य हो रहा है. शिवरामपुर रामनगर के बीच 54 किलोमीटर, जब की कल्याणपुर बलभद्रपुर के बीच 47 किलोमीटर के दायरे में काम चल रहा है, जहां जरूरत होगी नदियों की गाद का उपयोग किया जा सकेगा.

गाद के इस्तेमाल की बनाई जा रही योजना: जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी के अनुसार नदियों में गार्ड की समस्या बढ़ती जा रही है और इसके निदान के लिए हम लोगों की तरफ से लगातार कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि उसी के तहत इसके इस्तेमाल की योजना बनाई गई है. गाद का इस्तेमाल कैसे और बढ़ा सकते हैं, इस पर लगातार हम लोग मंथन कर रहे हैं. इसके साथ ही गाद नीति को लेकर केंद्र सरकार से उम्मीद है कि जल्द पहल करेगी.

ये भी पढे़ं: 60 साल बाद बिहार में 4 नए बराज बनाए जाएंगे, क्या इससे उत्तर बिहार में थम जाएगी बाढ़, क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

पटना: बिहार की नदियों में बढ़ रही गाद एक बड़ी समस्या बन गई है लेकिन अब इस समस्या के निदान के लिए जल संसाधन विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को गाद प्रयोग के लिए मंजूरी दे दी है. इससे बिहार में नदियों की गाद से नेशनल हाईवे का निर्माण हो सकेगा. गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक और फल्गू जैसी नदियों की गाद का एनएचएआई इस्तेमाल करेगा. जल संसाधन विभाग ने सात नदियों की गाद के उपयोग के लिए एनएचएआई से एनओसी दे दिया है.

गाद के कारण नदियों का तल हो रहा ऊंचा: बिहार की प्रमुख नदियों गंगा, कोसी, गंडक और बूढ़ी गंडक में लगातार गाद जमा हो रही है. इसके कारण नदियों का तल ऊंचा हो गया है, जिससे मानसून के समय बाढ़ की गंभीर समस्या का सामना कई जिलों को करना पड़ता है. खासकर नेपाल से आने वाली नदियां जल के साथ बड़े पैमाने पर गाद लेकर आती है और तबाही मचाती है. अब बिहार सरकार की ओर से गाद के इस्तेमाल को लेकर बड़ी पहल हुई है.

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बिहार में नदियों के गाद से एनएच निर्माण (ETV Bharat)

गाद के प्रयोग को लेकर बड़ा फैसला: नीतीश सरकार की ओर से लंबे समय से केंद्र सरकार से गाद नीति बनाने की मांग होती रही है. कई बार मुख्यमंत्री और जल संसाधन विभाग के मंत्री ने केंद्र सरकार को इसके लिए पत्र भी लिखा है. कई बैठकों में इस मुद्दे को उठाया गया है लेकिन अभी तक गाद को लेकर कोई नीति केंद्र सरकार की तरफ से नहीं बनाई गई है. अभ अब बिहार सरकार ने बिहार में नेशनल हाईवे के निर्माण में गाद के प्रयोग को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है.

तीन परियोजनाओं के लिए पहले चरण में गाद का उपयोग: एनएचएआई के साथ-साथ नदियों के गाद के उपयोग के लिए एनओसी किया है. एक तो इससे नदियों की गाद की समस्या का समाधान होगा. साथ ही उपजाऊ मिट्टी का संरक्षण का काम भी होगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई) और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक हो चुकी है. इसके तहत पहले चरण में तीन नेशनल हाईवे परियोजना के लिए नदियों की गाद का उपयोग किया जा सकेगा.

किन सड़क के लिए होगा गाद का इस्तेमाल: भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाली सड़क औरंगाबाद के आमस दरभंगा के दो स्ट्रेज के साथ कोटवा-महेषी-मुजफ्फरपुर और मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया सड़क निर्माण के लिए उपयोग होगा. इस सड़क के 357 किलोमीटर के दायरे में काम चल रहा है. इसमें बूढ़ी गंडक नदी की गाद का उपयोग होगा. इसी तरह आमस दरभंगा के दो इलाके में लगभग 100 किलोमीटर में निर्माण कार्य हो रहा है. शिवरामपुर रामनगर के बीच 54 किलोमीटर, जब की कल्याणपुर बलभद्रपुर के बीच 47 किलोमीटर के दायरे में काम चल रहा है, जहां जरूरत होगी नदियों की गाद का उपयोग किया जा सकेगा.

गाद के इस्तेमाल की बनाई जा रही योजना: जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी के अनुसार नदियों में गार्ड की समस्या बढ़ती जा रही है और इसके निदान के लिए हम लोगों की तरफ से लगातार कोशिश हो रही है. उन्होंने कहा कि उसी के तहत इसके इस्तेमाल की योजना बनाई गई है. गाद का इस्तेमाल कैसे और बढ़ा सकते हैं, इस पर लगातार हम लोग मंथन कर रहे हैं. इसके साथ ही गाद नीति को लेकर केंद्र सरकार से उम्मीद है कि जल्द पहल करेगी.

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