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दरभंगा: महाराजा कामेश्वर सिंह की 113वीं जयंती पर समारोह का आयोजन

प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि 'गांधी जी' की इसी विशेषता की वजह से भारत मे राष्ट्रवाद अभिजात्य वर्ग से निकल कर आम जन तक पहुंचा. उन्होंने आगे कहा कि गांधी के विचारों को फैलाने वाले अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई. 'गांधी जी' ने आजादी के लिए कई बड़े आंदोलन किए.

Maharaja Kameshwar Singh
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Published : Nov 28, 2020, 10:40 PM IST

दरभंगा: महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन की ओर से महाराजा कामेश्वर सिंह की 113वीं जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में कामेश्वर सिंह स्मृति व्याख्यान के तहत जाने-माने इतिहासकार प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने 'राष्ट्रवाद का भारतीय संदर्भ, ऐतिहासिक आयाम' विषय पर भाषण दिया.

'राष्ट्रवाद का भारतीय संदर्भ' पर बोलते हुए प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने एक ब्रिटिश इतिहासकार जुडेज ब्राउन के हवाले से कहा कि महात्मा गांधी जैसा मध्यस्थ दुनिया में बहुत कम हुए हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश इतिहासकार ने कहा है कि गांधी ऐसी बातें करते थे जिन्हें दो विरोधी विचारधारा वाले लोग एक साथ पसंद करते थे और आखिरकार दोनों में नजदीकी हो जाती थी. प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि 'गांधी जी' की इसी विशेषता की वजह से भारत मे राष्ट्रवाद अभिजात्य वर्ग से निकल कर आम जन तक पहुंचा. उन्होंने आगे कहा कि गांधी के विचारों को फैलाने वाले अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई. 'गांधी जी' ने आजादी के लिए कई बड़े आंदोलन किए.

देखें रिपोर्ट...

महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन के सीईओ श्रुतिकर झा ने कहा कि जयंती समारोह में बिहार हेरिटेज सीरीज के तहत मिथिला दर्पण नामक पुस्तक का द्वितीय संस्करण रिलीज किया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा मौजूद रहे. इनके अलावा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रामचंद्र झा और देश के प्रख्यात रक्षा वैज्ञानिक डॉ. मानस बिहारी वर्मा समेत कई गणमान्य लोग कार्यक्रम में मौजूद थे.

दरभंगा: महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन की ओर से महाराजा कामेश्वर सिंह की 113वीं जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में कामेश्वर सिंह स्मृति व्याख्यान के तहत जाने-माने इतिहासकार प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने 'राष्ट्रवाद का भारतीय संदर्भ, ऐतिहासिक आयाम' विषय पर भाषण दिया.

'राष्ट्रवाद का भारतीय संदर्भ' पर बोलते हुए प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने एक ब्रिटिश इतिहासकार जुडेज ब्राउन के हवाले से कहा कि महात्मा गांधी जैसा मध्यस्थ दुनिया में बहुत कम हुए हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश इतिहासकार ने कहा है कि गांधी ऐसी बातें करते थे जिन्हें दो विरोधी विचारधारा वाले लोग एक साथ पसंद करते थे और आखिरकार दोनों में नजदीकी हो जाती थी. प्रो. रत्नेश्वर मिश्र ने कहा कि 'गांधी जी' की इसी विशेषता की वजह से भारत मे राष्ट्रवाद अभिजात्य वर्ग से निकल कर आम जन तक पहुंचा. उन्होंने आगे कहा कि गांधी के विचारों को फैलाने वाले अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई. 'गांधी जी' ने आजादी के लिए कई बड़े आंदोलन किए.

देखें रिपोर्ट...

महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह कल्याणी फाउंडेशन के सीईओ श्रुतिकर झा ने कहा कि जयंती समारोह में बिहार हेरिटेज सीरीज के तहत मिथिला दर्पण नामक पुस्तक का द्वितीय संस्करण रिलीज किया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा मौजूद रहे. इनके अलावा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रामचंद्र झा और देश के प्रख्यात रक्षा वैज्ञानिक डॉ. मानस बिहारी वर्मा समेत कई गणमान्य लोग कार्यक्रम में मौजूद थे.

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