ETV Bharat / state

पटना में 'बंद' है पुलिस की 'तीसरी आंख'! क्राइम पर कैसे लगेगी लगाम ?

पटना में लगभग 200 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन उनमें 70% सीसीटीवी खराब हैं. इसकी असल वजह मेंटेनेंस की कमी है. वहीं इसे लगाने वाली कंपनी मेंटेनेंस करती थी. लेकिन टर्नओवर पूरा हो जाने के बाद कैमरे एक तरह से बंद पड़ गए हैं. हैरत की बात ये है कि जो कैमरा आपराधिक केस को सुलझाने में 90 फीसदी तक कारगर रहा, उस ओर पुलिस ध्यान ही नहीं दे रही है.

patna CCTV camera not working
patna CCTV camera not working
author img

By

Published : Feb 15, 2021, 5:39 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 7:49 PM IST

पटना: राजधानी में अपराध और अपराधियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे मेंटेनेंस के बिना खराब पड़ी है. निसंदेह सीसीटीवी कैमरा अपराध होने के बाद अपराधी की पहचान और सीसीटीवी के माध्यम से अनुसंधान सही दिशा में हो पाती है. साथ ही अपराध होने से पहले की गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर रखी जाती है.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर DGP के खुलासे के बाद बिहार पुलिस में हड़कंप, एसके सिंघल बोले- होगी जांच

सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य
सीसीटीवी के खौफ से अपराधियों के भी हौसले में कमी आती है. उन्हें भी इस बात का डर होता है कि अगर किसी घटना को वह अंजाम देंगे तो, सीसीटीवी कैमरे के जरिए वह पकड़े जा सकते हैं. 90% मामलों में सीसीटीवी के द्वारा ही घटना को सुलझाया गया है. राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय और जिला प्रशासन द्वारा राजधानी पटना समेत अन्य बड़े शहरों में अपार्टमेंट, कंपलेक्स और मार्केट में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.

patna CCTV camera not working
खराब पड़े हैं कई सीसीटीवी कैमरे

ज्यादातार कैमरे हैं बंद
राजधानी पटना में पहले 198 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे. लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 108 हो गई है. 90 कैमरे बंद पड़े हुए हैं. दरअसल बेल्ट्रॉन द्वारा ऑरेंज कंपनी से करार करके 90 कैमरे लगाए गए थे. इसका मेंटेनेंस ऑरेंज कंपनी करती थी. लेकिन कंपनी का टर्नओवर पूरा होने के बाद कैमरे एक तरह से बंद हो गए हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार मेंटेनेंस के लिए ऑरेंज कंपनी को रुपये दिया जाते थे. फिर भी कैमरे की क्वालिटी ठीक नहीं थी. हालांकि पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार के मुताबिक जिला पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से राजधानी पटना के सड़कों पर लगे कैमरों को ठीक करवाने की कवायद की जा रही है.

ये भी पढ़ें: 'नई दुल्हन को सुनाई जाने वाली गौरव गाथाओं को वापस लाने का आ गया वक्त'

थाना अध्यक्षों को दी गई जिम्मेदारी
पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के द्वारा पटना जिले के सभी थाना अध्यक्षों को पटना जिले के तमाम प्रतिष्ठान पेट्रोल पंप पर अपार्टमेंट और लॉज में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. जिसकी जिम्मेदारी थाना अध्यक्षों को दी गई है. जिसको लेकर हर महीने के हर बुधवार को बैठक करने का निर्देश भी दिया गया है. पहले बुधवार को आभूषण कारोबारियों के साथ, दूसरे बुधवार को पेट्रोल पंप मालिकों के साथ और अंतिम बुधवार को अपार्टमेंट के कमेटी के साथ बैठक करने का निर्देश पटना सिटी के तरफ से हर थानेदार को दिया गया है.

patna CCTV camera not working
थाना अध्यक्षों को दी गई जिम्मेदारी

पुलिस की बड़ी लापरवाही
सवाल यह उठ रहा है कि एक तरफ पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन आम लोगों से होटल, मॉल, रेस्टोरेंट, अपार्टमेंट, कंपलेक्स और निजी घरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश और अपील कर रही है. वहीं पुलिस विभाग के सहूलियत के लिए लगाए गए कैमरे ही खराब पड़े हुए हैं. जबकि किसी भी मामले का अनुसंधान सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से ही पुलिस द्वारा किया जाता है. ऐसे में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है. सीसीटीवी परियोजना के तहत इस वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य के 1056 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बक्सर: अलग-अलग थाना क्षेत्रों में अपराधियों ने तीन लोगों को मारी गोली

स्टेट सिटी सर्विलांस सिस्टम
एससीआरबी के डीआईजी राजीव रंजन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि सीसीटीवी परियोजना के तहत दो भागों में बांटा गया है. स्टेट सिटी सर्विलांस सिस्टम जिसके तहत राजधानी पटना समेत बिहार के कुछ बड़े शहरों के चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे और एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. जहां से हर जगह के सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर बनाई जा रही है और यह कार्यरत है.

patna CCTV camera not working
जानकारी देते एडीजी जितेंद्र कुमार

"नये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसे मर्ज किया गया है. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बिहार के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं. इसका उद्देश्य है कि थानों में कैदियों के मानवाधिकार का रक्षा करना मानवाधिकार का उल्लंघन ना हो. थाना और थाना परिसर की सुरक्षा कुछ भ्रष्टाचार के जो आरोप आते हैं, उसके रोकथाम को लेकर थाने के कार्यालय कक्ष में. थाने के हाजत में और परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बिहार सरकार के बेल्ट्रॉन के तहत यह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं"- राजीव रंजन, डीआईजी

patna CCTV camera not working
डीआईजी राजीव रंजन

ये भी पढ़ें: पैक्स चुनाव: मसौढ़ी में मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के पास चली गोलियां

नए भवन में समस्या
बिहार के कुल 1056 थानों में से 927 थानों को चिन्हित किया गया है. जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं. 927 थानों में से अब तक कुल 900 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं और यह पूरी तरह से कार्यरत है. सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि थानों में लगे कैमरे के सीसीटीवी फुटेज को 45 दिनों तक सुरक्षित रखना अनिवार्य है. अगर कोई थाने में घटना होती है तो, आवश्यकता पड़ने पर पुलिस मुख्यालय उस थाने से मंगवा कर और देख कर अनुसंधान कर सकते हैं.

डीआईजी राजीव रंजन की मानें तो बाकि बचे 27 थाने, जहां पर अब तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाए हैं. उनमें समस्या नए भवन की आ रही है. कुछ भवन तैयार हो चुके हैं. लेकिन पुराने भवन में ही चल रहे हैं. अब तक शिफ्ट नहीं हो पाया है. इस वजह से थोड़ी समस्या आ रही है.

patna CCTV camera not working
पूर्व डीजीपी अभयानंद

"जल्द ही बचे 27 स्थान सीसीटीवी कैमरे से लैस रहेंगे. थानो में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज फील्ड के आलाधिकारी समय-समय पर देखते रहते हैं. राजधानी पटना समेत कई बड़े शहरों में चौक-चौराहा पर लगे सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों को पकड़ने में बड़ी सहूलियत मिलती है. इसके बावजूद भी राजधानी पटना के सड़कों पर लगे 70% कैमरे मेंटेनेंस के बगैर खराब पड़े हुए हैं. इन सीसीटीवी कैमरे की सुध लेने वाला कोई नहीं है"- राजीव रंजन, डीआईजी

ये भी पढ़ें: कांग्रेस में शामिल हुए जाप के पूर्व जिला अध्यक्ष, तारिक अनवर ने दिलाई सदस्यता


"जिस वक्त मैं रिटायर हो रहा था, उस वक्त करीबन पुलिस विभाग के द्वारा राजधानी पटना में डेढ़ सौ कैमरे लगवाए गए थे. हालांकि जरूरत के हिसाब से यह काफी कम थे और भी लगना चाहिए था. हर प्रोजेक्ट के तहत कैमरे लग तो जाते हैं, टेंडर के तहत खरीद भी होती है, लगते भी हैं. लेकिन मेंटेनेंस के बगैर यह बेकार पड़ जाते हैं. राज्य सरकार को टेंडर के समय ही मेंटेनेंस की प्रक्रिया तय करनी होगी. सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से डाटा खंगालना ही समस्या का समाधान नहीं है और अपराध के बाद डाटा खंगाला जाता है. मैन्युअली अधिक से अधिक डाटा खंगाल पाना भी मुमकिन नहीं है. जिस वजह से इस वक्त समय आ गया है कि बिहार पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यूज करें. जिसके तहत वॉइस और पिक्चर रिकॉग्निशन के तहत काम कर अपराधी को पकड़ा जा सकता है. चाहे वह किसी भी राज्य-जिला में क्यों ना छुप कर बैठा हो"- अभयानंद, पूर्व डीजीपी

अपग्रेड करने का काम
पूर्व डीजीपी अभयानंद के अनुसार वह उम्मीद कर रहे थे कि पुलिस विभाग ने अब इन तकनीकों का उपयोग करना चालू कर दिया होगा. वर्ष 2016 के जुलाई में सीसीटीवी के लिए 82 करोड़ 26 लाख रुपये खर्च की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. उसके बाद ही काम शुरू किया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देश के बाद इसमें तेजी लाई गई है. साथ ही उन्हें अपग्रेड करने का काम भी किया जा रहा है. राज्य में बढ़ते क्राइम ग्राफ को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर राजधानी पटना के आवासीय अपार्टमेंट, कमर्शियल कंपलेक्स, बैंक, पेट्रोल पंप, ज्वेलरी शॉप, अस्पताल और सावर्जनिक अनेक स्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्देश जारी किया गया है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: सुशांत सिंह राजपूत के ममेरे भाई को गोली मारकर घायल करने वाला हथियार के साथ गिरफ्तार

मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़े सीसीटीवी कैमरे
सवाल यही उठता है कि राज्य सरकार दूसरों को निर्देश दे रही है. वहीं खुद के लगाये 70% सीसीटीवी कैमरे मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़े हैं. हालांकि सरकार पर सवाल उठना लाजमी है कि जब इतनी भारी संख्या में सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हुए हैं, तो अपराध पर लगाम कैसे लगेगा और अनुसंधान कितना सही ढंग से हो पाएगा. हालांकि इनके मरम्मत का आदेश प्रमंडलीय आयुक्त जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की तरफ से दिया गया है.

तय करनी होगी जिम्मेदारी
बता दें कि सिर्फ सीसीटीवी कैमरे लगा देने से अपराध पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है. सीसीटीवी कैमरे लगाने के बाद भी उसके मेंटेनेंस के लिए राज्य सरकार को कोई योजना जरूर बनानी पड़ेगी. अन्यथा सीसीटीवी कैमरे राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में सरकार द्वारा लगते रहेंगे. लेकिन मेंटेनेंस के बगैर वह खराब पड़ जाएंगे और उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं होगा. जिस कंपनी को सीसीटीवी लगाने का टेंडर दिया जाता है, उन्हें ही उसे मेंटेनेंस करने की भी जिम्मेदारी तय करनी होगी.

ये भी पढ़ें: पटना: बिन बरसात ही सड़क पर जमा पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी

राजधानी पटना के गांधी मैदान में पहले से 21 कैमरे लगाए गए हैं. यहां पर रैली, सरकारी कार्यक्रम आदि होते रहते हैं. इसलिए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यहां पर लगे कैमरे को मेंटेन रखा गया है. इसके अलावा जब बड़े कार्यक्रम होते हैं तो, अतिरिक्त कैमरे भी लगाए जाते हैं.

  • ऑरेंज कंपनी को बेल्ट्रॉन के तहत मिला था काम
  • पूरा होने के बाद कंपनी ने बंद किया काम
  • एडकॉम के 108 सीसीटीवी कैमरे से चल रहा काम
  • ट्रैफिक के कैमरे से मिल रही मदद
  • स्मार्ट सिटी की तरफ से राजधानी में 1300 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं.
  • यह कैमरे पटना शहर के अलावा गंगा के सभी घाटों पर लगाए जाने थे. लेकिन अब तक नहीं लग पाए हैं.

पटना: राजधानी में अपराध और अपराधियों पर नजर रखने के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे मेंटेनेंस के बिना खराब पड़ी है. निसंदेह सीसीटीवी कैमरा अपराध होने के बाद अपराधी की पहचान और सीसीटीवी के माध्यम से अनुसंधान सही दिशा में हो पाती है. साथ ही अपराध होने से पहले की गतिविधियों पर सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर रखी जाती है.

ये भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर DGP के खुलासे के बाद बिहार पुलिस में हड़कंप, एसके सिंघल बोले- होगी जांच

सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य
सीसीटीवी के खौफ से अपराधियों के भी हौसले में कमी आती है. उन्हें भी इस बात का डर होता है कि अगर किसी घटना को वह अंजाम देंगे तो, सीसीटीवी कैमरे के जरिए वह पकड़े जा सकते हैं. 90% मामलों में सीसीटीवी के द्वारा ही घटना को सुलझाया गया है. राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय और जिला प्रशासन द्वारा राजधानी पटना समेत अन्य बड़े शहरों में अपार्टमेंट, कंपलेक्स और मार्केट में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.

patna CCTV camera not working
खराब पड़े हैं कई सीसीटीवी कैमरे

ज्यादातार कैमरे हैं बंद
राजधानी पटना में पहले 198 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे. लेकिन अब इसकी संख्या घटकर 108 हो गई है. 90 कैमरे बंद पड़े हुए हैं. दरअसल बेल्ट्रॉन द्वारा ऑरेंज कंपनी से करार करके 90 कैमरे लगाए गए थे. इसका मेंटेनेंस ऑरेंज कंपनी करती थी. लेकिन कंपनी का टर्नओवर पूरा होने के बाद कैमरे एक तरह से बंद हो गए हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार मेंटेनेंस के लिए ऑरेंज कंपनी को रुपये दिया जाते थे. फिर भी कैमरे की क्वालिटी ठीक नहीं थी. हालांकि पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र कुमार के मुताबिक जिला पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से राजधानी पटना के सड़कों पर लगे कैमरों को ठीक करवाने की कवायद की जा रही है.

ये भी पढ़ें: 'नई दुल्हन को सुनाई जाने वाली गौरव गाथाओं को वापस लाने का आ गया वक्त'

थाना अध्यक्षों को दी गई जिम्मेदारी
पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के द्वारा पटना जिले के सभी थाना अध्यक्षों को पटना जिले के तमाम प्रतिष्ठान पेट्रोल पंप पर अपार्टमेंट और लॉज में सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. जिसकी जिम्मेदारी थाना अध्यक्षों को दी गई है. जिसको लेकर हर महीने के हर बुधवार को बैठक करने का निर्देश भी दिया गया है. पहले बुधवार को आभूषण कारोबारियों के साथ, दूसरे बुधवार को पेट्रोल पंप मालिकों के साथ और अंतिम बुधवार को अपार्टमेंट के कमेटी के साथ बैठक करने का निर्देश पटना सिटी के तरफ से हर थानेदार को दिया गया है.

patna CCTV camera not working
थाना अध्यक्षों को दी गई जिम्मेदारी

पुलिस की बड़ी लापरवाही
सवाल यह उठ रहा है कि एक तरफ पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन आम लोगों से होटल, मॉल, रेस्टोरेंट, अपार्टमेंट, कंपलेक्स और निजी घरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश और अपील कर रही है. वहीं पुलिस विभाग के सहूलियत के लिए लगाए गए कैमरे ही खराब पड़े हुए हैं. जबकि किसी भी मामले का अनुसंधान सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से ही पुलिस द्वारा किया जाता है. ऐसे में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हो रही है. सीसीटीवी परियोजना के तहत इस वित्तीय वर्ष के अंत तक राज्य के 1056 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बक्सर: अलग-अलग थाना क्षेत्रों में अपराधियों ने तीन लोगों को मारी गोली

स्टेट सिटी सर्विलांस सिस्टम
एससीआरबी के डीआईजी राजीव रंजन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि सीसीटीवी परियोजना के तहत दो भागों में बांटा गया है. स्टेट सिटी सर्विलांस सिस्टम जिसके तहत राजधानी पटना समेत बिहार के कुछ बड़े शहरों के चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने थे और एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. जहां से हर जगह के सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से नजर बनाई जा रही है और यह कार्यरत है.

patna CCTV camera not working
जानकारी देते एडीजी जितेंद्र कुमार

"नये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इसे मर्ज किया गया है. इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बिहार के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं. इसका उद्देश्य है कि थानों में कैदियों के मानवाधिकार का रक्षा करना मानवाधिकार का उल्लंघन ना हो. थाना और थाना परिसर की सुरक्षा कुछ भ्रष्टाचार के जो आरोप आते हैं, उसके रोकथाम को लेकर थाने के कार्यालय कक्ष में. थाने के हाजत में और परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बिहार सरकार के बेल्ट्रॉन के तहत यह सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं"- राजीव रंजन, डीआईजी

patna CCTV camera not working
डीआईजी राजीव रंजन

ये भी पढ़ें: पैक्स चुनाव: मसौढ़ी में मतदान के दौरान पोलिंग बूथ के पास चली गोलियां

नए भवन में समस्या
बिहार के कुल 1056 थानों में से 927 थानों को चिन्हित किया गया है. जहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं. 927 थानों में से अब तक कुल 900 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं और यह पूरी तरह से कार्यरत है. सभी थानों को निर्देश दिया गया है कि थानों में लगे कैमरे के सीसीटीवी फुटेज को 45 दिनों तक सुरक्षित रखना अनिवार्य है. अगर कोई थाने में घटना होती है तो, आवश्यकता पड़ने पर पुलिस मुख्यालय उस थाने से मंगवा कर और देख कर अनुसंधान कर सकते हैं.

डीआईजी राजीव रंजन की मानें तो बाकि बचे 27 थाने, जहां पर अब तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाए हैं. उनमें समस्या नए भवन की आ रही है. कुछ भवन तैयार हो चुके हैं. लेकिन पुराने भवन में ही चल रहे हैं. अब तक शिफ्ट नहीं हो पाया है. इस वजह से थोड़ी समस्या आ रही है.

patna CCTV camera not working
पूर्व डीजीपी अभयानंद

"जल्द ही बचे 27 स्थान सीसीटीवी कैमरे से लैस रहेंगे. थानो में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज फील्ड के आलाधिकारी समय-समय पर देखते रहते हैं. राजधानी पटना समेत कई बड़े शहरों में चौक-चौराहा पर लगे सीसीटीवी कैमरे से अपराधियों को पकड़ने में बड़ी सहूलियत मिलती है. इसके बावजूद भी राजधानी पटना के सड़कों पर लगे 70% कैमरे मेंटेनेंस के बगैर खराब पड़े हुए हैं. इन सीसीटीवी कैमरे की सुध लेने वाला कोई नहीं है"- राजीव रंजन, डीआईजी

ये भी पढ़ें: कांग्रेस में शामिल हुए जाप के पूर्व जिला अध्यक्ष, तारिक अनवर ने दिलाई सदस्यता


"जिस वक्त मैं रिटायर हो रहा था, उस वक्त करीबन पुलिस विभाग के द्वारा राजधानी पटना में डेढ़ सौ कैमरे लगवाए गए थे. हालांकि जरूरत के हिसाब से यह काफी कम थे और भी लगना चाहिए था. हर प्रोजेक्ट के तहत कैमरे लग तो जाते हैं, टेंडर के तहत खरीद भी होती है, लगते भी हैं. लेकिन मेंटेनेंस के बगैर यह बेकार पड़ जाते हैं. राज्य सरकार को टेंडर के समय ही मेंटेनेंस की प्रक्रिया तय करनी होगी. सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से डाटा खंगालना ही समस्या का समाधान नहीं है और अपराध के बाद डाटा खंगाला जाता है. मैन्युअली अधिक से अधिक डाटा खंगाल पाना भी मुमकिन नहीं है. जिस वजह से इस वक्त समय आ गया है कि बिहार पुलिस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को यूज करें. जिसके तहत वॉइस और पिक्चर रिकॉग्निशन के तहत काम कर अपराधी को पकड़ा जा सकता है. चाहे वह किसी भी राज्य-जिला में क्यों ना छुप कर बैठा हो"- अभयानंद, पूर्व डीजीपी

अपग्रेड करने का काम
पूर्व डीजीपी अभयानंद के अनुसार वह उम्मीद कर रहे थे कि पुलिस विभाग ने अब इन तकनीकों का उपयोग करना चालू कर दिया होगा. वर्ष 2016 के जुलाई में सीसीटीवी के लिए 82 करोड़ 26 लाख रुपये खर्च की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. उसके बाद ही काम शुरू किया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देश के बाद इसमें तेजी लाई गई है. साथ ही उन्हें अपग्रेड करने का काम भी किया जा रहा है. राज्य में बढ़ते क्राइम ग्राफ को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर राजधानी पटना के आवासीय अपार्टमेंट, कमर्शियल कंपलेक्स, बैंक, पेट्रोल पंप, ज्वेलरी शॉप, अस्पताल और सावर्जनिक अनेक स्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का निर्देश जारी किया गया है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें: सुशांत सिंह राजपूत के ममेरे भाई को गोली मारकर घायल करने वाला हथियार के साथ गिरफ्तार

मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़े सीसीटीवी कैमरे
सवाल यही उठता है कि राज्य सरकार दूसरों को निर्देश दे रही है. वहीं खुद के लगाये 70% सीसीटीवी कैमरे मेंटेनेंस के अभाव में खराब पड़े हैं. हालांकि सरकार पर सवाल उठना लाजमी है कि जब इतनी भारी संख्या में सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हुए हैं, तो अपराध पर लगाम कैसे लगेगा और अनुसंधान कितना सही ढंग से हो पाएगा. हालांकि इनके मरम्मत का आदेश प्रमंडलीय आयुक्त जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की तरफ से दिया गया है.

तय करनी होगी जिम्मेदारी
बता दें कि सिर्फ सीसीटीवी कैमरे लगा देने से अपराध पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है. सीसीटीवी कैमरे लगाने के बाद भी उसके मेंटेनेंस के लिए राज्य सरकार को कोई योजना जरूर बनानी पड़ेगी. अन्यथा सीसीटीवी कैमरे राजधानी पटना समेत अन्य जिलों में सरकार द्वारा लगते रहेंगे. लेकिन मेंटेनेंस के बगैर वह खराब पड़ जाएंगे और उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं होगा. जिस कंपनी को सीसीटीवी लगाने का टेंडर दिया जाता है, उन्हें ही उसे मेंटेनेंस करने की भी जिम्मेदारी तय करनी होगी.

ये भी पढ़ें: पटना: बिन बरसात ही सड़क पर जमा पानी, लोगों की बढ़ी परेशानी

राजधानी पटना के गांधी मैदान में पहले से 21 कैमरे लगाए गए हैं. यहां पर रैली, सरकारी कार्यक्रम आदि होते रहते हैं. इसलिए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यहां पर लगे कैमरे को मेंटेन रखा गया है. इसके अलावा जब बड़े कार्यक्रम होते हैं तो, अतिरिक्त कैमरे भी लगाए जाते हैं.

  • ऑरेंज कंपनी को बेल्ट्रॉन के तहत मिला था काम
  • पूरा होने के बाद कंपनी ने बंद किया काम
  • एडकॉम के 108 सीसीटीवी कैमरे से चल रहा काम
  • ट्रैफिक के कैमरे से मिल रही मदद
  • स्मार्ट सिटी की तरफ से राजधानी में 1300 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं.
  • यह कैमरे पटना शहर के अलावा गंगा के सभी घाटों पर लगाए जाने थे. लेकिन अब तक नहीं लग पाए हैं.
Last Updated : Feb 16, 2021, 7:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.