पटना: जमीन के बदले नौकरी मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को सीबीआई की तरफ से समन (CBI summons Tejashwi Prasad Yadav) दिए जाने की बात पर शिवानंद तिवारी ने कहा कि इस मामले में तेजस्वी प्रसाद का नाम कभी आया ही नहीं था. शिवानंद तिवारी ने कहा कि इनके नाम की कभी चर्चा ही नहीं हुई. जिस वक्त का यह मसला है, तेजस्वी प्रसाद उस वक्त नाबालिग थे. शिवानंद तिवारी ने ये बातें शनिवार को मीडिया से रूबरू होते हुए कहीं.
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तेजस्वी के नाम पर चर्चा भी नहीं: राजद नेता ने कहा कि 2008-09 में लालू प्रसाद का रेल मंत्री का टर्म पूरा हुआ. इस मामले में तेजस्वी अभियुक्त हैं, इसकी कभी भी चर्चा नहीं हुई थी. आज अचानक पता चल रहा है कि तेजस्वी को समन जारी कर दिया गया है. सबको पता है कि उनकी पत्नी गर्भवती हैं. उनकी पत्नी अस्पताल में दाखिल हैं और आप उनको समन कर रहे हैं. शिवानंद तिवारी का यह भी कहना था कि यह मामला केवल तेजस्वी तक सीमित नहीं है, बीजेपी पूरे लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है.
घेरने की कोशिश: शिवानंद तिवारी का कहना था कि आज के अखबार में खबर छपी है कि बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने सवाल उठाया था कि राहुल गांधी ने विदेश में जाकर देश को अपमानित करने वाली बात कही है. उनकी सदस्यता खत्म होनी चाहिए. इसी आशय का बयान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दे चुके हैं. उनका भी यही कहना था कि आपने कैसे विदेश में ये बातें कहीं. शिवानंद तिवारी ने कहा कि तमाम लोगों को घेरने की कोशिश हो रही है.
''यह वक्त देश के लिए, लोकतंत्र के लिए बहुत गंभीर है. लोकतंत्र को बचाना है तो पूरे विपक्ष को आपने अहम को छोड़ना होगा और एक साथ आना होगा. जिस तरीके से अंग्रेजों के खिलाफ देश एकत्र हुआ, उसी तरीके से लोकतंत्र को बचाने के लिए सबको फिर से एकत्र होना पड़ेगा. नहीं तो ये सरकार सबको एक एक कर के निपटाते जाएगी और यह दिख रहा है"- शिवानंद तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आरजेडी