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लालू की जमानत रोकने के लिए सीबीआई ने लगाया एड़ी चोटी का दम, दिया धारा 427 का हवाला

लालू प्रसाद को जमानत न मिल पाए इसके लिए सीबीआई ने तैयारी तेज कर दी है. सीबीआई की ओर से इस संबंध में हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है. सीबीआई ने अपने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया है कि लालू प्रसाद की ओर से दायर की गई जमानत याचिका में जो आधार दिया गया है, वह सही नहीं है. उनकी आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है.

पटना
लालू की जमानत रोकने के लिए सीबीआई ने लगाया ऐड़ी चोटी का दम
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Published : Nov 24, 2020, 10:40 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 10:57 PM IST

रांची: लालू प्रसाद को जमानत न मिल पाए इसके लिए सीबीआई ने तैयारी तेज कर दी है. सीबीआई की ओर से इस संबंध में हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है. सीबीआई ने अपने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया है कि लालू प्रसाद की ओर से दायर की गई जमानत याचिका में जो आधार दिया गया है, वह सही नहीं है. इसलिए उन्हें अभी जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें-नक्सलियों पर इनाम का शिकंजा, सीएम ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला देते हुए अपने जवाब में कहा है कि, इस धारा के आधार पर लालू प्रसाद को जमानत नहीं दिया जा सकता है. सीबीआई की निचली अदालत से दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जो सजा दी गई है, उसमें कहा गया है कि दोषी को दो धाराओं में अलग-अलग दोषी पाया गया है. दोनों में अलग-अलग 7-7 साल की सजा दी गई है, जो सजा अलग-अलग चलेगी. इसके अलावा अन्य कई तर्क दिए गए हैं, जिसके आधार पर कहा गया है कि उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. उन्होंने इसी मामले में सजायाफ्ता ओपी दिवाकर के केस का हवाला भी दिया गया है. इसी आधार पर उनकी भी जमानत याचिका झारखंड हाई कोर्ट से खारिज की गई थी, हालांकि उन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल गई.

सीबीआई ने तेज की अपनी तैयारी, ताकि लालू को न मिले जमानत

क्या है धारा 427
सीबीआई के अनुसार, लालू प्रसाद को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है. CRPC की धारा 427 में प्रावधान के अनुसार किसी व्यक्ति को एक से अधिक मामलों में दोषी करार देकर सजा सुनाया जाता है और अदालत सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं देती है, तो उस व्यक्ति की एक सजा की अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी दूसरी सजा शुरू होगी.

रांची: लालू प्रसाद को जमानत न मिल पाए इसके लिए सीबीआई ने तैयारी तेज कर दी है. सीबीआई की ओर से इस संबंध में हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया गया है. सीबीआई ने अपने जवाब के माध्यम से अदालत को बताया है कि लालू प्रसाद की ओर से दायर की गई जमानत याचिका में जो आधार दिया गया है, वह सही नहीं है. इसलिए उन्हें अभी जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

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झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सीबीआई ने सीआरपीसी की धारा 427 का हवाला देते हुए अपने जवाब में कहा है कि, इस धारा के आधार पर लालू प्रसाद को जमानत नहीं दिया जा सकता है. सीबीआई की निचली अदालत से दुमका कोषागार से अवैध निकासी मामले में जो सजा दी गई है, उसमें कहा गया है कि दोषी को दो धाराओं में अलग-अलग दोषी पाया गया है. दोनों में अलग-अलग 7-7 साल की सजा दी गई है, जो सजा अलग-अलग चलेगी. इसके अलावा अन्य कई तर्क दिए गए हैं, जिसके आधार पर कहा गया है कि उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. उन्होंने इसी मामले में सजायाफ्ता ओपी दिवाकर के केस का हवाला भी दिया गया है. इसी आधार पर उनकी भी जमानत याचिका झारखंड हाई कोर्ट से खारिज की गई थी, हालांकि उन्हें बाद में सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल गई.

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क्या है धारा 427
सीबीआई के अनुसार, लालू प्रसाद को चार मामले में अलग-अलग सजा हुई है. CRPC की धारा 427 में प्रावधान के अनुसार किसी व्यक्ति को एक से अधिक मामलों में दोषी करार देकर सजा सुनाया जाता है और अदालत सभी सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं देती है, तो उस व्यक्ति की एक सजा की अवधि समाप्त होने के बाद ही उसकी दूसरी सजा शुरू होगी.

Last Updated : Nov 24, 2020, 10:57 PM IST
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