पटना: दानापुर जंक्शन पर पुराने और बेकार पड़े ट्रेन के डिब्बे को रचनात्मक तरीके से इस्तेमाल करते हुए कैंटीन खोली गई है. इसे कोच कैफेटेरिया नाम दिया गया है. यहां लोग खाना खाने के साथ नया एक्सपीरिएंस लेने पहुंच रहे हैं.
पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर कोचिंग डिपो में कर्मचारियों का ख्याल रखते हुए कैंटीन खोली गई है. डिब्बे में ट्रेन से जुड़ी कई पुरानी तस्वीरें लगाई गईं हैं. कैंटीन खुल जाने से कर्मचारियों को रेल परिसर के बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है. आम लोग भी नए तरीके से बने कैंटीन को देखने आते हैं और यहां के खाना का आनंद लेते हैं.
1994 बनी थी बोगी
जिस बोगी में कैंटीन खोली गई है उसका निर्माण 1994 में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री पेरंबूर चेन्नई में हुआ था. 2002 से यह कोच दानापुर मंडल में काम कर रहा था. 2007 में इसे लिलुआ वर्कशॉप भेजा गया था. जहां इसे शौचालय रहित कोच के रूप में रूपांतरित कर दिया गया था. तब से यह कोच मोकामा सटल में इस्तेमाल किया गया. इसे सबसे अंत में दानापुर तिलैया पैसेंजर ट्रेन में इस्तेमाल किया गया. 2019 में इसका कार्यकाल समाप्त हो गया. इसके बाद से यह दानापुर जंक्शन पर पड़ा था. गौरतलब है कि ट्रेन के डिब्बे का कार्यकाल 25 साल होता है, जिसके बाद उसे उपयोग में नहीं लाया जाता.
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"कोरोना के कारण थोड़ी परेशानी बढ़ी है. धीरे-धीरे लोग अब पहुंच रहे हैं. व्यंजन भी बढ़ाया जा रहा है."- विशाल, कैंटीन प्रबंधक