पटना: राज्य में 4,500 असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर बहाली को लेकर अभ्यर्थी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इस बहाली के लिए तय की गई नियमावली और उसमें जो आहर्ता है उसको लेकर राज्य के अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है. इसी को लेकर शुक्रवार को दरभंगा हाउस के गेट पर अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
बता दे कि बिहार में आगामी सहायक प्राध्यापक की भर्ती के लिए यूजीसी के नियमावली में फेरबदल की गई है. अभ्यर्थियों का कहना है कि इन बदलावों के कारण बिहार के छात्र बेरोजगार रह जाएंगे और दूसरे राज्यों के छात्र आसानी से यहां की जॉब ले जाएंगे. उनका कहना है कि यूजीसी के नियमावली के अनुसार एक सौ नंबर शॉर्टलिस्ट करने के लिए होते हैं. जबकि बिहार में सभी नंबर को जोड़ कर सिर्फ ज्यादा नंबर वालों को ही जॉब दिया जाएगा. जिस कारण यहां के छात्र बुरी तरह से पिछड़ जाएंगे.
छात्रों को दी जाए विशेष सुविधा
विरोध कर रहे छात्रों की मांग है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अन्य 16 राज्यों की तरह यहां के छात्रों के लिए भी विशेष सुविधा दी जाए. उनका कहना है कि दूसरे राज्यों में यहां के छात्रों को नाम मात्र ही जॉब मिल पाएगी. साथ ही उनका कहना है कि पीएचडी और नेट को समकक्ष रखा जाए और उसके आधार पर लगभग समान नंबर दिए जाए.
परीक्षा के आधार पर हो बहाली
प्रदर्शन कर रही सहायक प्राध्यापिका सुनीता कुमारी ने बताया कि यूजीसी के गाइडलाइन के साथ भी बिहार सरकार छेड़छाड़ कर रही है. इस तरह हम लोगों के भविष्य के साथ नाइंसाफी की जा रही है. जिसके खिलाफ आज हम लोग यहां प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं सहायक प्राध्यापक राहुल कुमार ने बताया कि अगर यही असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी परीक्षा के माध्यम से लिया जाए तो बहुत अच्छा होगा और सभी को अवसर मिल पाएगा. अन्यथा हम लोग बिछड़ जाएंगे और हम लोगों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा