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सवाल : दागियों से परहेज नहीं, फिर क्यों तेजस्वी ने मांगी थी लोगों से माफी?

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Published : Oct 10, 2020, 5:29 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 7:50 PM IST

चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियां बाहुबली और आपराधिक छवि वाले नेताओं को अपने साथ रखने में परहेज करते हों. लेकिन बात जब चुनाव की आती है तो यही राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए इन मानकों को तोड़ने में कोई गुरेज नहीं करती. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी जीत के आंकड़े को छूने के लिए लगभग सभी दलों ने दिल खोलकर दागी नेताओं पर अपना प्यार लुटाया है.

विधानसभा चुनाव
विधानसभा चुनाव

पटना: इस बार के विधानसभा चुनाव में भी अधिकतर पार्टियों ने बाहुबली, दागियों को टिकट देने में कोई कोताही नहीं बरती है. यदि किसी कारणवश दागी को कहीं से चुनाव लड़ने में परेशानी हो रही है, तो पार्टियों ने ऐसे नेताओं के परिजन को दिलखोल कर टिकट दिया है. क्योंकि बात जब सत्ता के सर्वोच्च तक पहुंचने की हो तो जीत के अंकगणित के आंकड़े को छूने के लिए पार्टियों के लिए 'दाग अच्छे हैं'.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'लालू काल के लिए तेजस्वी ने मांगी थी माफी'
बता दें कि महज 3 महीने पहले ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी के सार्वजनीक मंच से लालू काल के कथित 'जंगलराज' के लिए लोगों से माफी मांगी थी. वे जनसभाओं में भी लगातार यह कह रहे हैं कि बिहार की जनता उन्हें मौका दें, ताकि वे कुछ करके दिखाएं. तेजस्वी को इतना कुछ इसलिए कहना पड़ा और लोगों के बीच सफाई देनी पड़ी क्योंकि, कथित जंगल राज के खात्मे के नाम पर ही नीतीश कुमार सत्ता में आए थे.

तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)

जदयू-राजद ने एक-दूसरे पर साधा निशाना
इस मामले पर जदयू नेता अभिषेक झा ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस पार्टी को अपराधियों और भ्रष्टाचार और दुष्कर्म के मामलों के आरोपित से परहेज नहीं है. उसके शासन काल को आसानी से समझा जा सकता है. वहीं, जदयू नेता के इस बयान पर पलटवार करते हुए राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जब कोई दागी नेता बीजेपी या जदयू में शामिल होता है तो उसके सभी दाग धुल जाते हैं और अगर वही नेता को राजद टिकट देती है, राजग के नेता सवाल पूछते हैं. उन्होंने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि 'जिनके घर खुद शीशे के बने हों,वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते.

अभिषेक झा, जदयू नेता
अभिषेक झा, जदयू नेता
मृत्युंजय तिवारी, राजद नेता
मृत्युंजय तिवारी, राजद नेता

इन दागी नेताओं को मिला है टिकट
गौरतलब है कि चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के आका बाहुबल, आपराधिक छवि जैसे नेताओं को अपने साथ रखने में परहेज करते हों, लेकिन बात जब चुनाव की आती है तो यही राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए इन मानकों को तोड़ने में कोई गुरेज नहीं करती. इस बार के चुनाव में अभी तक जिन दागी नेताओं का नाम सामने आया है. उनमें प्रमुख तौर पर अनंत सिंह, रामा सिंह की पत्नी, आनंद मोहन की पत्नी और बेटा, राजबल्लभ यादव की पत्नी, अरुण यादव की पत्नी, शहाबुद्दीन की पत्नी और प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह जैसे नाम शामिल हैं. इनमें से अधिकतर नाम को राजद की ओर से टिकट दिया गया है. ऐसे में सबसे अहम सवाल यह उठता है कि जब राजद को ऐसे ही दागी नेताओं को एक बार फिर से टिकट देना था. तो तेजस्वी यादव ने किस बात के लिए जनता से माफी मांगी थी.

  • तेजस्वी ने रामविलास पासवान को दी श्रद्धांजलि, कहा- बेटे और शिष्य का था रिश्ताhttps://t.co/0DPFCE8OSy

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पटना: इस बार के विधानसभा चुनाव में भी अधिकतर पार्टियों ने बाहुबली, दागियों को टिकट देने में कोई कोताही नहीं बरती है. यदि किसी कारणवश दागी को कहीं से चुनाव लड़ने में परेशानी हो रही है, तो पार्टियों ने ऐसे नेताओं के परिजन को दिलखोल कर टिकट दिया है. क्योंकि बात जब सत्ता के सर्वोच्च तक पहुंचने की हो तो जीत के अंकगणित के आंकड़े को छूने के लिए पार्टियों के लिए 'दाग अच्छे हैं'.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'लालू काल के लिए तेजस्वी ने मांगी थी माफी'
बता दें कि महज 3 महीने पहले ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी के सार्वजनीक मंच से लालू काल के कथित 'जंगलराज' के लिए लोगों से माफी मांगी थी. वे जनसभाओं में भी लगातार यह कह रहे हैं कि बिहार की जनता उन्हें मौका दें, ताकि वे कुछ करके दिखाएं. तेजस्वी को इतना कुछ इसलिए कहना पड़ा और लोगों के बीच सफाई देनी पड़ी क्योंकि, कथित जंगल राज के खात्मे के नाम पर ही नीतीश कुमार सत्ता में आए थे.

तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)
तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)

जदयू-राजद ने एक-दूसरे पर साधा निशाना
इस मामले पर जदयू नेता अभिषेक झा ने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस पार्टी को अपराधियों और भ्रष्टाचार और दुष्कर्म के मामलों के आरोपित से परहेज नहीं है. उसके शासन काल को आसानी से समझा जा सकता है. वहीं, जदयू नेता के इस बयान पर पलटवार करते हुए राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जब कोई दागी नेता बीजेपी या जदयू में शामिल होता है तो उसके सभी दाग धुल जाते हैं और अगर वही नेता को राजद टिकट देती है, राजग के नेता सवाल पूछते हैं. उन्होंने एनडीए पर तंज कसते हुए कहा कि 'जिनके घर खुद शीशे के बने हों,वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते.

अभिषेक झा, जदयू नेता
अभिषेक झा, जदयू नेता
मृत्युंजय तिवारी, राजद नेता
मृत्युंजय तिवारी, राजद नेता

इन दागी नेताओं को मिला है टिकट
गौरतलब है कि चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के आका बाहुबल, आपराधिक छवि जैसे नेताओं को अपने साथ रखने में परहेज करते हों, लेकिन बात जब चुनाव की आती है तो यही राजनीतिक पार्टियां जीत के लिए इन मानकों को तोड़ने में कोई गुरेज नहीं करती. इस बार के चुनाव में अभी तक जिन दागी नेताओं का नाम सामने आया है. उनमें प्रमुख तौर पर अनंत सिंह, रामा सिंह की पत्नी, आनंद मोहन की पत्नी और बेटा, राजबल्लभ यादव की पत्नी, अरुण यादव की पत्नी, शहाबुद्दीन की पत्नी और प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह जैसे नाम शामिल हैं. इनमें से अधिकतर नाम को राजद की ओर से टिकट दिया गया है. ऐसे में सबसे अहम सवाल यह उठता है कि जब राजद को ऐसे ही दागी नेताओं को एक बार फिर से टिकट देना था. तो तेजस्वी यादव ने किस बात के लिए जनता से माफी मांगी थी.

  • तेजस्वी ने रामविलास पासवान को दी श्रद्धांजलि, कहा- बेटे और शिष्य का था रिश्ताhttps://t.co/0DPFCE8OSy

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Last Updated : Oct 10, 2020, 7:50 PM IST
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