पटनाः पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर चुनाव में जेडीयू के खराब प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने का अभियान आज से शुरू हो रहा है. अब जदयू के क्षेत्रीय प्रभारी 22 दिसंबर तक विधानसभा क्षेत्रों में बूथ वार उम्मीदवारों को मिले वोटों की समीक्षा करेंगे.
जेडीयू बिहार विधानसभा चुनाव में 43 सीटों पर सिमट गई थी और तीसरे नंबर की पार्टी बन गई. जदयू के कई मंत्री भी चुनाव हार गए हैं. विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद से ही नीतीश कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार मंथन कर रहे हैं. हारे उम्मीदवारों से फीडबैक ले रहे हैं. अब जदयू के क्षेत्रीय प्रभारी 12 से 22 दिसंबर तक विधानसभा क्षेत्रों में बूथ वार उम्मीदवारों को मिले वोटों की समीक्षा करेंगे.
नीतीश के निर्देश पर जदयू में मंथन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी को कई सीटों पर मिली करारी हार की वजह जानने के लिए क्षेत्रीय प्रभारियों को बूथ स्तर तक जाकर रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह के नेतृत्व में 8 दिसंबर को ही बैठक में यह तय हुआ था कि क्षेत्रीय प्रभारी 72 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर बूथ स्तर तक मिले वोटों की समीक्षा करेंगे. क्षेत्रीय संगठन प्रभारी अपने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे.
22 दिसंबर तक चलेगी समीक्षा
72 सीटों पर समीक्षा पार्टी नेताओं के अनुसार तीन स्तर पर होगी. प्रखंड स्तर पर, पंचायत स्तर पर और फिर बूथ स्तर पर समीक्षा होगी. पार्टी उम्मीदवारों पर मिले बूथ स्तर तक के वोट के सभी प्रभारी अपने क्षेत्र में आज से जाएंगे. 22 दिसंबर तक यह समीक्षा चलेगी और सभी क्षेत्रीय प्रभारी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपेंगे.
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पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी साफ कहा था कि पार्टी हर स्तर पर समीक्षा कर रही है. हम भी लगातार पार्टी के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं, कार्यकर्ताओं से फीडबैक ले रहे हैं और बड़े स्तर पर भी इसकी समीक्षा भी होगी तो अब यह समीक्षा शुरू हो चुकी है.
43 सीट पर ही जदयू को मिली जीत
बता दें कि बिहार विधानसभा में जदयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन केवल 43 सीटों पर ही जीत हासिल हुई. लोजपा ने जदयू के खिलाफ सभी 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारा था और उसका भी काफी असर रहा. अब क्षेत्रीय प्रभारी के रिपोर्ट के बाद ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. पार्टी सूत्रों की मानें तो इस रिपोर्ट के आधार पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से भी बातचीत होगी.