पटनाः बिहार में कुढ़नी उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है. ऐसे तो जेडीयू ने पहले से ही अपने मंत्रियों की पूरी फौज यहां उतार दी है. विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अभी तक चुनाव प्रचार से दूरी बना रखी थी. अब तेजस्वी यादव ललन सिंह के साथ चुनाव प्रचार (Campaign program of Tejashwi Yadav and Lalan Singh) में जाएंगे. साथ ही जीतन राम मांझी और अब्दुल बारी सिद्दकी भी साथ रहेंगे.
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दो दिसंबर को नीतीश कुमार करेंगे प्रचारः तेजस्वी यादव का कार्यक्रम 2 दिसंबर को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ कुढ़नी में है. कुढ़नी में 5 दिसंबर को मतदान होना है. ऐसे में अब चुनाव प्रचार के लिए बहुत ज्यादा समय बचा नहीं है. अंतिम समय में महागठबंधन के शीर्ष नेताओं ने अपनी ताकत झोंकने का फैसला लिया है. कुढ़नी में मुख्य मुकाबला बीजेपी और जेडीयू के बीच है. वैसे तो यह आरजेडी का सीटिंग सीट था, लेकिन आरजेडी ने सीट जेडीयू को दिया है.
एआईएमआईएम और वीआईपी ने बढ़ाई परेशानीः आरजेडी के विधायक अनिल सहनी की सदस्यता समाप्त होने के बाद यह सीट खाली हुआ है. वहीं एआईएमआईएम और वीआईपी ने उम्मीदवार उतारकर कुढ़नी की लड़ाई दिलचस्प बना दिया है. इसलिए महागठबंधन के शीर्ष नेता एकजुटता दिखाने की आज से कोशिश करेंगे. तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार में उतरने से यादव और मुस्लिम वोट जेडीयू उम्मीदवार के पक्ष में लाने की कोशिश होगी.
सहनी और भूमिहार वोट का बंटवारा तयः कुढ़नी उपचुनाव में कुशवाहा वैश्य, सहनी, यादव, भूमिहार और अल्पसंख्यक वोट महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है. आरजेडी के पूर्व विधायक अनिल सहनी भी महागठबंधन के फैसले से नाराज हैं. ऐसे में साहनी वोट का बंटवारा होना तय है. वहीं एआईएमआईएम ने गोपालगंज के बाद कुढ़नी में भी उम्मीदवार उतारकर महागठबंधन की परेशानी बढ़ा दी है. एआईएमआईएम ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के सदस्य और पूर्व जिला पार्षद गुलाम मुर्तजा अंसारी को मैदान में उतारा है. ऐसे में मुस्लिम वोट का बंटवारा होना तय है.
जेडीयू और बीजेपी दोनों डैमेज कंट्रोल में जुटीः वीआईपी ने भूमिहार समाज से आने वाले नीलाभ को टिकट दिया है. नीलाभ चार बार विधायक रह चुके साधु शरण साही के पोते हैं. ऐसे में भूमिहार वोट का बंटवारा होना भी तय माना जा रहा है. इस कारण से न केवल महागठबंधन बल्कि बीजेपी खेमे में भी परेशानी बढ़ी हुई है. डैमेज कंट्रोल के लिए दोनों तरफ से प्रयास हो रहे हैं. यहां बीजेपी ने अपने भूमिहार नेताओं को चुनाव प्रचार में उतारा है.
तेजस्वी यादव साधेंगे अल्पसंख्यक वोटः अल्पसंख्यक वोट का बंटवारा ना हो, इसके लिए जेडीयू इसके लिए अपने मुस्लिम नेताओं को विशेष टास्क दिया है. अब तेजस्वी यादव के माध्यम से भी यादव और मुसलमान वोट को अपने पक्ष में करने की कोशिश जेडीयू करने में लगा है. इसलिए तेजस्वी यादव का 2 दिन का कार्यक्रम तैयार हुआ है. तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही 2 दिसंबर को चुनाव प्रचार में जाएंगे. मुख्यमंत्री का एक दिन का कार्यक्रम तैयार हुआ है.
महागठबंधन एकजुटता दिखाने का कर रही प्रयासः इससे पहले गोपालगंज और मोकामा विधानसभा उपचुनाव में अस्वस्थ होने के कारण मुख्यमंत्री ने चुनाव प्रचार नहीं किया था. इस को लेकर कई तरह की चर्चा भी होती रही. लेकिन अब तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार का एक साथ कार्यक्रम बन गया है. इसमें महागठबंधन की एकजुटता दिखाने की पूरी कोशिश होगी.