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'कर्मचारियों को पूरा वेतन दे पाना संभव नहीं, मध्यस्ता करें पीयूष गोयल'

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Published : May 8, 2020, 12:13 PM IST

कैट ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण वे कर्मचारियों को पूरा वेतन देने में असमर्थ है. सरकार भी उनकी मदद नहीं कर रही है. ऐसे में उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से गुहार लगाई है.

पीयूष गोयल (फाइल फोटो)
पीयूष गोयल (फाइल फोटो)

पटना: कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से एक बार फिर मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ ट्रेड यूनियन सरकार पर श्रमिकों और कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अप्रैल महीने के लिए अपने कर्मचारियों को पूरी मजदूरी देने के लिए व्यापारियों की असमर्थता का हवाला दिया है. उन्होंने इस मामले में पीयूष गोयल के हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.

कैट ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि का पूर्ण वेतन देने में व्यापारियों, लघु उद्योग और बड़े उद्योगों की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, महासचिव डा. रमेश गांधी व कोषाध्यक्ष अरूण कुमार गुप्ता ने कहा कि पीयूष गोयल को भेजे पत्र में लिखा है कि सरकार की सलाह का पालन करते हुए और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए देश भर के व्यापारियों ने बहुत अधिक वित्तीय बोझ होने के बावजूद अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का पूरा वेतन दिया है.

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व्यापारियों ने जताई चिंता

व्यापारियों ने जताई चिंता
कैट महानगर अध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू व सचिव संजय कुमार बरनवाल दोनों ने कहा है कि यह संतुष्टि का विषय है कि सरकार देश के सभी वर्गों के लोगों को इस विषम परिस्थिति से उबारने के लिए पूर्ण रूप से प्रयत्नशील है. 25 मार्च से कैट की ओर से आयोजित प्रतिदिन हो रही वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश भर के व्यापारी नेताओं ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में जब व्यापारियों के व्यापारिक प्रतिष्ठान 25 मार्च से बंद हैं और व्यापारियों के पास अपनी आय का कोई स्रोत नहीं है. ऐसे में व्यापारी और किसी भी अधिक वित्तीय बोझ को सहन नहीं कर पाएंगे. इस दृष्टि से अप्रैल महीने का पूरा वेतन अपने कर्मचारियों को देना उनके लिए बेहद ही कष्टकारी होगा.

patna
लॉकडाउन के कारण बढ़ी व्यापारियों की परेशानी

'और बुरी तरह प्रभावित हो सकती है अर्थव्यवस्था'
वहीं, कैट संरक्षक शशीशेखर रस्तोगी और टी आर गांधी दोनों ने कहा कि देश भर के व्यापारियों को वर्तमान लॉक डाउन के चलते भारी वित्तीय संकट से गुजरना पड़ रहा है. इस दौर में कर्मचारियों को वेतन का पूरा भुगतान दे पाना संभव नहीं है. धन के प्रवाह के अभाव में ऐसा भुगतान देश के खुदरा व्यापार के लिए विनाशकारी होगा और जिसके कारण अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित होगी.

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कैट का लोगो

कैट अध्यक्ष ने निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
कैट अध्यक्ष वर्मा ने अभी दो दिन पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में इस मुद्दे पर सुझाव दिया था. उन्होंने कहा था कि बेहतर होगा यदि सरकार व्यापारियों को अपने कर्मचारियों के साथ वेतन के आपसी समझौते के अनुसार वेतन का भुगतान करने या व्यापारियों को 30% वेतन का भुगतान करने की अनुमति दे. यह कर्मचारी की आजीविका के लिए पर्याप्त है, अन्यथा वैकल्पिक रूप से सरकार कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में 50% योगदान करे, व्यापारी 25% योगदान दें और बाकी 25% कर्मचारियों द्वारा वहन किया जाए. वर्तमान परिदृश्य के तहत जब कोई व्यापार ही नहीं हो रहा है और व्यापारियों पर अनेक प्रकार के कई वित्तीय दायित्व हैं तो न्याय की दृष्टि से इस गंभीर मुद्दे पर सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक है.

पटना: कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) के बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से एक बार फिर मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ ट्रेड यूनियन सरकार पर श्रमिकों और कर्मचारियों को पूर्ण वेतन देने के लिए दबाव बढ़ा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अप्रैल महीने के लिए अपने कर्मचारियों को पूरी मजदूरी देने के लिए व्यापारियों की असमर्थता का हवाला दिया है. उन्होंने इस मामले में पीयूष गोयल के हस्तक्षेप का अनुरोध किया है.

कैट ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि का पूर्ण वेतन देने में व्यापारियों, लघु उद्योग और बड़े उद्योगों की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, महासचिव डा. रमेश गांधी व कोषाध्यक्ष अरूण कुमार गुप्ता ने कहा कि पीयूष गोयल को भेजे पत्र में लिखा है कि सरकार की सलाह का पालन करते हुए और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए देश भर के व्यापारियों ने बहुत अधिक वित्तीय बोझ होने के बावजूद अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का पूरा वेतन दिया है.

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व्यापारियों ने जताई चिंता

व्यापारियों ने जताई चिंता
कैट महानगर अध्यक्ष प्रिंस कुमार राजू व सचिव संजय कुमार बरनवाल दोनों ने कहा है कि यह संतुष्टि का विषय है कि सरकार देश के सभी वर्गों के लोगों को इस विषम परिस्थिति से उबारने के लिए पूर्ण रूप से प्रयत्नशील है. 25 मार्च से कैट की ओर से आयोजित प्रतिदिन हो रही वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश भर के व्यापारी नेताओं ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में जब व्यापारियों के व्यापारिक प्रतिष्ठान 25 मार्च से बंद हैं और व्यापारियों के पास अपनी आय का कोई स्रोत नहीं है. ऐसे में व्यापारी और किसी भी अधिक वित्तीय बोझ को सहन नहीं कर पाएंगे. इस दृष्टि से अप्रैल महीने का पूरा वेतन अपने कर्मचारियों को देना उनके लिए बेहद ही कष्टकारी होगा.

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'और बुरी तरह प्रभावित हो सकती है अर्थव्यवस्था'
वहीं, कैट संरक्षक शशीशेखर रस्तोगी और टी आर गांधी दोनों ने कहा कि देश भर के व्यापारियों को वर्तमान लॉक डाउन के चलते भारी वित्तीय संकट से गुजरना पड़ रहा है. इस दौर में कर्मचारियों को वेतन का पूरा भुगतान दे पाना संभव नहीं है. धन के प्रवाह के अभाव में ऐसा भुगतान देश के खुदरा व्यापार के लिए विनाशकारी होगा और जिसके कारण अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित होगी.

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कैट अध्यक्ष ने निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
कैट अध्यक्ष वर्मा ने अभी दो दिन पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे एक पत्र में इस मुद्दे पर सुझाव दिया था. उन्होंने कहा था कि बेहतर होगा यदि सरकार व्यापारियों को अपने कर्मचारियों के साथ वेतन के आपसी समझौते के अनुसार वेतन का भुगतान करने या व्यापारियों को 30% वेतन का भुगतान करने की अनुमति दे. यह कर्मचारी की आजीविका के लिए पर्याप्त है, अन्यथा वैकल्पिक रूप से सरकार कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में 50% योगदान करे, व्यापारी 25% योगदान दें और बाकी 25% कर्मचारियों द्वारा वहन किया जाए. वर्तमान परिदृश्य के तहत जब कोई व्यापार ही नहीं हो रहा है और व्यापारियों पर अनेक प्रकार के कई वित्तीय दायित्व हैं तो न्याय की दृष्टि से इस गंभीर मुद्दे पर सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक है.

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