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पटना: संसदीय समिति के सामने पेश होने से अमेजन के इंकार को कैट ने बताया दुस्साहस - कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के खिलाफ विरोध

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) समेत पूरे देश में आवाज उठ रहा है. अमेजन के प्रतिनिधियों से डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर 28 अक्टूबर को पेश होने को कहा था, लेकिन जवाब में अमेजन ने अपनी उपस्थिति से साफ इंकार कर दिया.

protest against e-commerce companies
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के खिलाफ विरोध
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Published : Oct 26, 2020, 10:23 AM IST

पटना: देश में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार समेत पूरे देश में आवाज उठता रहा है. भारत के रिटेल बजार पर उनकी गलत नीतियों और मन माने रवैये के कारण पड़ते नकारात्मक प्रभाव की ओर विभिन्न फोरम पर ध्यान भी आकर्षित करता रहा है. इसके बावजूद भी अभी तक उन पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि अब 'अमेजन' जैसी ई-कॉमर्स कंपनी ने डाटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश होने से साफ इंकार कर दिया है.

अमेजन ने अपनी उपस्थिति से किया इंकार
अमेजन के प्रतिनिधियों से डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर 28 अक्टूबर को पेश होने को कहा था. लेकिन जवाब में अमेजन ने अपनी उपस्थिति से साफ इंकार कर दिया. अमेजन के इस रवैये को कैट ने एक बड़ा दुस्साहस बताते हुए कहा की इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. अमेजन और अन्य ई कॉमर्स कंपनियां कानूनों को न मानने की आदत में शामिल हैं. यह कंपनियां खुले रूप से सरकार की एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन करती आ रही है. इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इनके हौंसले बेहद बुलंद हो गए हैं.

रिटेल सेक्टर के व्यापारी को नुकसान
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि कैट ने अमेजन और उसके जैसी अन्य विदेशी ई-कॉमर्स पोर्टल की अनैतिक कार्य प्रणाली के खिलाफ समय-समय पर आवाज उठाई है. इनकी दबंगई के कारण देश के रिटेल सेक्टर के व्यापारी भारी नुकसान झेल रहें है. यदि यही चलता रहा तो वे सड़क पर आने की नौबत दूर नहीं है. इन्हीं मनमाने रवैये पर नकेल कसने के लिए कैट लगातार सरकार से एक मजबूत ई-कॉमर्स पॉलिसी और एक रेगुलेटरी बॉडी के गठन की मांग करता रहा है.

इसके बाद मौजूदा हालात में ये अब और भी जरूरी हो गया है कि जब अमेजन जैसी विदेशी कंपनियां हमारे देश के संसद की संयुक्त समिति का सम्मान नहीं करती है. इसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि इसलिए कैट एक बार फिर सरकार से इनके इसी गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है. सरकार से अनुरोध के करता है कि देश को जल्द से ई-कॉमर्स पॉलिसी की सौगात दी. ई-कॉमर्स पोर्टल को मॉनिटर करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी का गठन करे.

पटना: देश में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार समेत पूरे देश में आवाज उठता रहा है. भारत के रिटेल बजार पर उनकी गलत नीतियों और मन माने रवैये के कारण पड़ते नकारात्मक प्रभाव की ओर विभिन्न फोरम पर ध्यान भी आकर्षित करता रहा है. इसके बावजूद भी अभी तक उन पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इसका नतीजा ये हुआ कि अब 'अमेजन' जैसी ई-कॉमर्स कंपनी ने डाटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर संसद की संयुक्त समिति के सामने पेश होने से साफ इंकार कर दिया है.

अमेजन ने अपनी उपस्थिति से किया इंकार
अमेजन के प्रतिनिधियों से डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर 28 अक्टूबर को पेश होने को कहा था. लेकिन जवाब में अमेजन ने अपनी उपस्थिति से साफ इंकार कर दिया. अमेजन के इस रवैये को कैट ने एक बड़ा दुस्साहस बताते हुए कहा की इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है. अमेजन और अन्य ई कॉमर्स कंपनियां कानूनों को न मानने की आदत में शामिल हैं. यह कंपनियां खुले रूप से सरकार की एफडीआई पॉलिसी का उल्लंघन करती आ रही है. इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है, इनके हौंसले बेहद बुलंद हो गए हैं.

रिटेल सेक्टर के व्यापारी को नुकसान
कैट बिहार चैप्टर के चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि कैट ने अमेजन और उसके जैसी अन्य विदेशी ई-कॉमर्स पोर्टल की अनैतिक कार्य प्रणाली के खिलाफ समय-समय पर आवाज उठाई है. इनकी दबंगई के कारण देश के रिटेल सेक्टर के व्यापारी भारी नुकसान झेल रहें है. यदि यही चलता रहा तो वे सड़क पर आने की नौबत दूर नहीं है. इन्हीं मनमाने रवैये पर नकेल कसने के लिए कैट लगातार सरकार से एक मजबूत ई-कॉमर्स पॉलिसी और एक रेगुलेटरी बॉडी के गठन की मांग करता रहा है.

इसके बाद मौजूदा हालात में ये अब और भी जरूरी हो गया है कि जब अमेजन जैसी विदेशी कंपनियां हमारे देश के संसद की संयुक्त समिति का सम्मान नहीं करती है. इसका अंदाजा लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है कि इसलिए कैट एक बार फिर सरकार से इनके इसी गैर जिम्मेदाराना रवैये के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है. सरकार से अनुरोध के करता है कि देश को जल्द से ई-कॉमर्स पॉलिसी की सौगात दी. ई-कॉमर्स पोर्टल को मॉनिटर करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी का गठन करे.

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