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पटना: हांगकांग से बढ़ रहे आयात पर CAIT ने पियूष गोयल से की जांच की मांग

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Published : Jul 14, 2020, 6:08 PM IST

कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने पियूष गोयल को एक पत्र भेजा है. इसके जरिये कैट ने हांगकांग से बढ़ रहे आयात पर जांच की मांग की है.

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कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)

पटना: कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हांगकांग से भारत में हो रहे आयात में अप्रत्याशित बढ़त पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. भारतीय बाजार में चीनी सामान के बढ़त को बनाये रखने के लिए चीन का एक सामरिक प्रयास के रूप में इसे देखते हुए कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजा है. इसके जरिये भारत में हांगकांग से माल आयात पर करीबी जांच करने का आग्रह किया गया है.

एंटी-डंपिंग ड्यूटी की कवायद शुरू
कैट ने गोयल से यह भी आग्रह किया है कि जिन देशों को ट्रांसशिपमेंट हब बनाकर चीन अपना सामान भारत भेज सकता है. साथ में भारत के मुक्त व्यापार समझौते, संधियां और व्यापार से संबंधित अन्य समझौते को भी नए सिरे से देखा जाना चाहिए. यदि उनमें कोई छिद्र है, तो उनको तुरंत बंद करना चाहिए. इस बीच कैट ने केंद्र सरकार की ओर मापने वाले टेप के, जो चीन से अन्य देशों के मार्फत बहुतायत में आ रहे हैं. उस पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की कवायद शुरू करने के लिए इस कदम की सराहना की है.

भारत का आयात 17 बिलियन डॉलर
पीयूष गोयल को भेजे अपने पत्र में कैट ने कहा है कि भारत चीन के साथ अपने व्यापार के अंतर को कम करने में सफल हुआ है. लेकिन पिछले तीन वर्षों में हांगकांग के साथ व्यापारिक संबंध में व्यापार संतुलन अधिशेष से घाटे में बदल गया है. पिछले वित्त वर्ष में हांगकांग से भारत का आयात 17 बिलियन डॉलर था. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार उपकरण और कंप्यूटर हार्डवेयर कुल मिलाकर लगभग 8 बिलियन डॉलर थे. जबकि 2017-18 में यह 10.67 बिलियन डॉलर था.

चीन से आयात में गिरावट
हांगकांग के साथ तेजी से बढ़ते आयात से इस संभावना को बल मिलता है कि चीन के अपने निर्यात मार्गों को बदलने की तैयारी में है. जबकि भारत-चीन पर अपनी आयात निर्भरता को कम करना चाहता है. कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी और अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि हांगकांग से आयात के आंकड़ों का एक करीबी विश्लेषण स्पष्ट रूप से बताता है कि जिन सभी प्रमुख वस्तुओं में चीन से आयात में गिरावट आई है.

चीन का सोचा समझा षड्यंत्र
लगभग उन्हीं सब वस्तुओं में हांगकांग के साथ हुए व्यापार में वृद्धि आई है. ये वस्तुएं मुख्य रूप से विद्युत मशीनरी और उपकरण, फल, खनिज और लोहा और अन्य सामान हैं. ऐसा लगता है कि चीन से भारत को कम निर्यात और इसी अवधि के दौरान हांगकांग से भारत में व्यापार बढ़ोतरी चीन का एक सोचा समझा षड्यंत्र है.

ध्यान देने की जरूरत
इस विश्लेषण में यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विद्युत उत्पाद, परमाणु रिएक्टर, खनिज ईंधन, लोहा और स्टील जैसे अन्य उत्पाद मुख्य रूप से चीन में उत्पादित होते हैं और हांगकांग में नहीं. इसलिए ऐसा लगता है कि भारत में प्रवेश करने वाली वस्तुओं का आयात मार्ग बदल रहा है. जिस पर ध्यान देने की तत्काल जरूरत है.

पटना: कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने हांगकांग से भारत में हो रहे आयात में अप्रत्याशित बढ़त पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. भारतीय बाजार में चीनी सामान के बढ़त को बनाये रखने के लिए चीन का एक सामरिक प्रयास के रूप में इसे देखते हुए कंफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को एक पत्र भेजा है. इसके जरिये भारत में हांगकांग से माल आयात पर करीबी जांच करने का आग्रह किया गया है.

एंटी-डंपिंग ड्यूटी की कवायद शुरू
कैट ने गोयल से यह भी आग्रह किया है कि जिन देशों को ट्रांसशिपमेंट हब बनाकर चीन अपना सामान भारत भेज सकता है. साथ में भारत के मुक्त व्यापार समझौते, संधियां और व्यापार से संबंधित अन्य समझौते को भी नए सिरे से देखा जाना चाहिए. यदि उनमें कोई छिद्र है, तो उनको तुरंत बंद करना चाहिए. इस बीच कैट ने केंद्र सरकार की ओर मापने वाले टेप के, जो चीन से अन्य देशों के मार्फत बहुतायत में आ रहे हैं. उस पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की कवायद शुरू करने के लिए इस कदम की सराहना की है.

भारत का आयात 17 बिलियन डॉलर
पीयूष गोयल को भेजे अपने पत्र में कैट ने कहा है कि भारत चीन के साथ अपने व्यापार के अंतर को कम करने में सफल हुआ है. लेकिन पिछले तीन वर्षों में हांगकांग के साथ व्यापारिक संबंध में व्यापार संतुलन अधिशेष से घाटे में बदल गया है. पिछले वित्त वर्ष में हांगकांग से भारत का आयात 17 बिलियन डॉलर था. जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार उपकरण और कंप्यूटर हार्डवेयर कुल मिलाकर लगभग 8 बिलियन डॉलर थे. जबकि 2017-18 में यह 10.67 बिलियन डॉलर था.

चीन से आयात में गिरावट
हांगकांग के साथ तेजी से बढ़ते आयात से इस संभावना को बल मिलता है कि चीन के अपने निर्यात मार्गों को बदलने की तैयारी में है. जबकि भारत-चीन पर अपनी आयात निर्भरता को कम करना चाहता है. कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी और अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि हांगकांग से आयात के आंकड़ों का एक करीबी विश्लेषण स्पष्ट रूप से बताता है कि जिन सभी प्रमुख वस्तुओं में चीन से आयात में गिरावट आई है.

चीन का सोचा समझा षड्यंत्र
लगभग उन्हीं सब वस्तुओं में हांगकांग के साथ हुए व्यापार में वृद्धि आई है. ये वस्तुएं मुख्य रूप से विद्युत मशीनरी और उपकरण, फल, खनिज और लोहा और अन्य सामान हैं. ऐसा लगता है कि चीन से भारत को कम निर्यात और इसी अवधि के दौरान हांगकांग से भारत में व्यापार बढ़ोतरी चीन का एक सोचा समझा षड्यंत्र है.

ध्यान देने की जरूरत
इस विश्लेषण में यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विद्युत उत्पाद, परमाणु रिएक्टर, खनिज ईंधन, लोहा और स्टील जैसे अन्य उत्पाद मुख्य रूप से चीन में उत्पादित होते हैं और हांगकांग में नहीं. इसलिए ऐसा लगता है कि भारत में प्रवेश करने वाली वस्तुओं का आयात मार्ग बदल रहा है. जिस पर ध्यान देने की तत्काल जरूरत है.

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