पटना: बिहार सरकार ने राजधानी के अशोक राजपथ में गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए एनआईटी मोड़ तक बनने वाले एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण करवाने का निर्णय लिया है. इस फ्लाईओवर के निर्माण से अशोक राजपथ स्थित कॉलेज, चर्च और प्रसिद्ध खुदाबख्श लाइब्रेरी के कुछ हिस्से को तोड़ा जाएगा. इसका जमकर विरोध किया जा रहा है. वहीं, नागरिक समाज ने लाइब्रेरी के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मानव श्रृंखला का निर्माण कर विरोध दर्ज किया.
सोशलिस्ट निवेदिता झा ने कहा कि खुदाबख्श लाइब्रेरी हमारे देश का ऐतिहासिक धरोहर है. सरकार ने फ्लाईओवर बनाने के नाम पर इसे तोड़ने का फैसला लिया है, जो कि सरासर गलत है. खुदा बख्श लाइब्रेरी के साथ ही बीएन कॉलेज, अशोक राजपथ स्थित चर्च , पटना विश्वविद्यालय के कई भागों के भवनों को भी फ्लाई ओवर ब्रिज बनाने के दौरान तोड़ा जा सकता है. लेकिन फ्लाईओवर बनाने के लिए अनेक वैकल्पिक मौजूद हैं, फिर भी सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को नुकसान पहुंचा कर फ्लाईओवर बनाना चाहती है.
सरकार से फैसला वापस लेने की अपील
इसलिए हम सभी सरकार के इस फैसले के विरोध में मानव श्रृंखला बनाई है. सरकार से हम अपील करते हैं कि सरकार अपने इस फैसले को वापस लें और ऐतिहासिक भवनों को नुकसान ना पहुंचाएं. अगर सरकार इसके बाद भी नहीं मानी तो हम आंदोलन करेंगे. वो आंदोलन सरकार के फैसले वापस लेने तक जारी रहेगा. अगर जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन भी करेंगे.
18 अप्रैल को होगी बैठक
इसके अलावा निवेदिता झा ने बताया कि नागरिक समाज ने इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र भी लिखा है और आने वाले समय में जल्द ही हम ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान भी चलाएंगे. आगामी 18 अप्रैल को इस मामले को लेकर एक बैठक की जाएगी और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.