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पटना में रेलवे की तमाम कोशिशों के बावजूद टिकट दलाल हावी - यात्रियों को मंहगे दामों पर बेच जा रहे टिकट

बिहार की राजधानी पटना में आरक्षण टिकट पर दलालों का गैंग हावी है. दलाल ऑनलाइन बेवसाइट पर लूपहोल्स का फायदा उठाकर सर्वर को पहले स्लो करते हैं और फिर टिकट बुक कर लेते हैं.

टिकट
टिकट
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Published : Feb 6, 2021, 9:50 AM IST

पटना: रेलवे की दशा और दिशा सुधारने के लिए रेल मंत्री से लेकर अधिकारी तक जुटे हैं. समय-समय पर आरक्षण और जनरल टिकटों की अवैध बिक्री रोकने के लिए छापेमारी भी की जाती है. लेकिन पटना रेलवे स्टेशन पर आरक्षण काउंटर के पास दलालों का ही राज चलता है. यहां से अगर टिकट चाहिए तो दलालों से संपर्क करना आपकी मजबूरी है.

देखें रिपोर्ट
लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिलती टिकट
पटना जंक्शन पूर्व मध्य रेल का बेहद ही महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है. आरक्षण टिकट काउंटर पर यात्रियों को घंटों लाइन में लगने रहने के बावजूद टिकट नहीं मिल पाता. ऐसा इसलिए क्योंकि जानकारी के मुताबिक दलाल भी लाइन में लगे हुए होते हैं और काउंटर पर बैठे कर्मचारियों के साथ मिलीभगत होती है. लिहाजा पहले दलालों को टिकट मिल जाता है. आम यात्री लाइन में लगे रह जाते हैं और मायूसी हाथ लगती है.
पटना जंक्शन
पटना जंक्शन

दुगने दाम में बेचे जा रहे हैं टिकट

टिकट दलाल रेलवे की साइट से टिकट बुककर यात्रियों को दुगने दाम में बेचते हैं. साइबर एक्सपर्ट को मानना है कि हैकर सर्वर को स्लो कर अपना काम आसानी से कर लते हैं. टिकट की कालाबाजारी को रोकने के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर एक ही पते पर अलग-अलग आईडी बनाने वालों को जांच की जाती है. लेकिन तमाम सख्ती के बाद भी कालाबाजारी रेल विभाग नहीं रोक पा रहा है.

आरक्षण काउंटर
आरक्षण काउंटर

ये भी पढ़ें- प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने के आरोप में RPF ने दो व्यक्तियों को किया गिरफ्तार

प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का करते हैं इस्तेमाल
सूत्रों की मानें तो टिकट केंद्रों और मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर से प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर टिकट की दलाली की जा रही है. वहीं बेरोजगार आईटी एक्सपर्ट भी अब इस धंधे में शामिल हो रहे हैं. जिससे आरपीएफ के साथ-साथ आईआरसीटी की भी चुनौती बढ़ गयी है.

"रेलवे की साइट और आईआरसीटी की साइट पर लोग जब तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं. उस समय हैकर्स सर्वर को हैक कर लेते हैं. दरअसल, लूपहोल्स का फायदा उठाकर दलाल सॉफ्टवेयर को स्लो कर देते हैं. जिससे आम यात्री को टिकट लेने से वंचित रह जाते हैं. दलाल खुद एक नाम से कई टिकट बुक करके यात्रियों से मन मुताबिक दाम लेते हैं." -अभिनव कुमार, साइबर एक्सपर्ट

ये भी पढ़ें- अब हाथ झुलाते जाएं स्टेशन, आपका सामान घर से बर्थ तक पहुंचाएगा रेलवे

पिछले साल तीन करोड़ के टिकट के साथ हुई थी गिरफ्तारी
दलालों पर नकेल कसने के लिए रेलवे प्रशासन लगातार मुस्तैद है . समय-समय पर दलालों को पकड़ा भी जाता है. इसके बावजूद भी राजधानी पटना में दलालों का गैंग तेजी से फल-फूल रहा हैं. पिछले साल तीन करोड़ के अवैध ई-टिकट के साथ आरपीएफ ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बावजूद भी फर्जी तरीके से टिकट बनाने वाले गैंग सक्रिय है. इस गैंग पर लगाम लगाना रेलवे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

"इस तरह के मामले लगातार आते हैं, जिसको लेकर रेलवे प्रशासन सजग है और लगातार छापेमारी भी की जाती है. ऐसे लोगों को गिरफ्तारी भी की जाती है और आईआरसीटीसी की वेबसाइट को अपग्रेड भी किया गया है. जिससे कि दलालों पर नकेल कसा जा सके. कई और भी काम वेबसाइट पर चल रहे हैं जिससे कि आने वाले दिनों में यात्रियों की परेशानी नहीं होगी. यात्रियों को स्वयं के ही आईडी से टिकट बुक करवायें और दलाल के बहकावे में ना आएं. आईआरसीटी के एप्स को भी अपडेट किया गया है. जिससे यात्रियों की परेशानी न हो." -राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल

पटना: रेलवे की दशा और दिशा सुधारने के लिए रेल मंत्री से लेकर अधिकारी तक जुटे हैं. समय-समय पर आरक्षण और जनरल टिकटों की अवैध बिक्री रोकने के लिए छापेमारी भी की जाती है. लेकिन पटना रेलवे स्टेशन पर आरक्षण काउंटर के पास दलालों का ही राज चलता है. यहां से अगर टिकट चाहिए तो दलालों से संपर्क करना आपकी मजबूरी है.

देखें रिपोर्ट
लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिलती टिकट
पटना जंक्शन पूर्व मध्य रेल का बेहद ही महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है. आरक्षण टिकट काउंटर पर यात्रियों को घंटों लाइन में लगने रहने के बावजूद टिकट नहीं मिल पाता. ऐसा इसलिए क्योंकि जानकारी के मुताबिक दलाल भी लाइन में लगे हुए होते हैं और काउंटर पर बैठे कर्मचारियों के साथ मिलीभगत होती है. लिहाजा पहले दलालों को टिकट मिल जाता है. आम यात्री लाइन में लगे रह जाते हैं और मायूसी हाथ लगती है.
पटना जंक्शन
पटना जंक्शन

दुगने दाम में बेचे जा रहे हैं टिकट

टिकट दलाल रेलवे की साइट से टिकट बुककर यात्रियों को दुगने दाम में बेचते हैं. साइबर एक्सपर्ट को मानना है कि हैकर सर्वर को स्लो कर अपना काम आसानी से कर लते हैं. टिकट की कालाबाजारी को रोकने के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर एक ही पते पर अलग-अलग आईडी बनाने वालों को जांच की जाती है. लेकिन तमाम सख्ती के बाद भी कालाबाजारी रेल विभाग नहीं रोक पा रहा है.

आरक्षण काउंटर
आरक्षण काउंटर

ये भी पढ़ें- प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने के आरोप में RPF ने दो व्यक्तियों को किया गिरफ्तार

प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का करते हैं इस्तेमाल
सूत्रों की मानें तो टिकट केंद्रों और मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर से प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर टिकट की दलाली की जा रही है. वहीं बेरोजगार आईटी एक्सपर्ट भी अब इस धंधे में शामिल हो रहे हैं. जिससे आरपीएफ के साथ-साथ आईआरसीटी की भी चुनौती बढ़ गयी है.

"रेलवे की साइट और आईआरसीटी की साइट पर लोग जब तत्काल टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं. उस समय हैकर्स सर्वर को हैक कर लेते हैं. दरअसल, लूपहोल्स का फायदा उठाकर दलाल सॉफ्टवेयर को स्लो कर देते हैं. जिससे आम यात्री को टिकट लेने से वंचित रह जाते हैं. दलाल खुद एक नाम से कई टिकट बुक करके यात्रियों से मन मुताबिक दाम लेते हैं." -अभिनव कुमार, साइबर एक्सपर्ट

ये भी पढ़ें- अब हाथ झुलाते जाएं स्टेशन, आपका सामान घर से बर्थ तक पहुंचाएगा रेलवे

पिछले साल तीन करोड़ के टिकट के साथ हुई थी गिरफ्तारी
दलालों पर नकेल कसने के लिए रेलवे प्रशासन लगातार मुस्तैद है . समय-समय पर दलालों को पकड़ा भी जाता है. इसके बावजूद भी राजधानी पटना में दलालों का गैंग तेजी से फल-फूल रहा हैं. पिछले साल तीन करोड़ के अवैध ई-टिकट के साथ आरपीएफ ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बावजूद भी फर्जी तरीके से टिकट बनाने वाले गैंग सक्रिय है. इस गैंग पर लगाम लगाना रेलवे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

"इस तरह के मामले लगातार आते हैं, जिसको लेकर रेलवे प्रशासन सजग है और लगातार छापेमारी भी की जाती है. ऐसे लोगों को गिरफ्तारी भी की जाती है और आईआरसीटीसी की वेबसाइट को अपग्रेड भी किया गया है. जिससे कि दलालों पर नकेल कसा जा सके. कई और भी काम वेबसाइट पर चल रहे हैं जिससे कि आने वाले दिनों में यात्रियों की परेशानी नहीं होगी. यात्रियों को स्वयं के ही आईडी से टिकट बुक करवायें और दलाल के बहकावे में ना आएं. आईआरसीटी के एप्स को भी अपडेट किया गया है. जिससे यात्रियों की परेशानी न हो." -राजेश कुमार, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल

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