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बरसात आते ही रफ्तार पर लग जाता है ब्रेक, जान जोखिम में डालकर लोग पार करते हैं नदी

पीपा पुल के हटने से राघोपुर क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरसात के मौसम में यहां लोग जान जोखिम में डालकर नाव से गंगा नदी पार करते हैं.

पटना
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Published : Jul 11, 2019, 9:11 PM IST

पटना: सरकार विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्र आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. बरसात के मौसम में गंगा नदी पर से पीपा पुल को हटा दिया गया है. इससे कई क्षेत्रों के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने को मजबूर हैं.

मामला राघोपुर का है. इस क्षेत्र के विधायक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हैं. पीपा पुल के हटने से जोड़ावनपुर, राघोपुर और रुस्तमपुर के लोगों का जनजीवन बहुत प्रभावित हो जाता है. यहां के लोग वर्षों से एक पक्का पुल का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन यह क्षेत्र दशकों से हाई प्रोफाइल सीट होते हुए भी विकास से अछूता रह गया है.

स्थानीय का बयान

जान जोखिम में डाल लोग जाते हैं गंगा पार
बरसात का मौसम आते ही यहां के लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मौसम में लोग गंगा नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेते हैं. नाव वाले ज्यादा पैसों के लिए हमेशा ओवरलोड कर सवारी को नदी पार कराते हैं. ओवरलोड से कई बार हादसे भी हो चुके हैं. लेकिन इस ओर न प्रशासन का ध्यान है और न ही यहां के लोग सतर्क हैं.

लालू यादव का रहा है परंपरागत सीट
बता दें कि राघोपुर विधानसभा से क्षेत्र लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का परंपरागत सीट रहा है. लालू यादव के मुख्यमंत्री काल में यहां 1993 में पीपा पुल की शुरूआत की गई. लेकिन यह सिर्फ छह महीने ही रहता है. वहीं नीतीश कुमार ने यहां एक पक्का पुल का शिलान्यास किया है. पुल निर्माण का कार्य शुरू भी हो चुका है. इसके लिए लोगों को अभी छह महीना का इंतजार करना पड़ेगा.

पटना: सरकार विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है. लेकिन प्रदेश के कई क्षेत्र आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. बरसात के मौसम में गंगा नदी पर से पीपा पुल को हटा दिया गया है. इससे कई क्षेत्रों के लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नाव से नदी पार करने को मजबूर हैं.

मामला राघोपुर का है. इस क्षेत्र के विधायक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव हैं. पीपा पुल के हटने से जोड़ावनपुर, राघोपुर और रुस्तमपुर के लोगों का जनजीवन बहुत प्रभावित हो जाता है. यहां के लोग वर्षों से एक पक्का पुल का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन यह क्षेत्र दशकों से हाई प्रोफाइल सीट होते हुए भी विकास से अछूता रह गया है.

स्थानीय का बयान

जान जोखिम में डाल लोग जाते हैं गंगा पार
बरसात का मौसम आते ही यहां के लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मौसम में लोग गंगा नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेते हैं. नाव वाले ज्यादा पैसों के लिए हमेशा ओवरलोड कर सवारी को नदी पार कराते हैं. ओवरलोड से कई बार हादसे भी हो चुके हैं. लेकिन इस ओर न प्रशासन का ध्यान है और न ही यहां के लोग सतर्क हैं.

लालू यादव का रहा है परंपरागत सीट
बता दें कि राघोपुर विधानसभा से क्षेत्र लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का परंपरागत सीट रहा है. लालू यादव के मुख्यमंत्री काल में यहां 1993 में पीपा पुल की शुरूआत की गई. लेकिन यह सिर्फ छह महीने ही रहता है. वहीं नीतीश कुमार ने यहां एक पक्का पुल का शिलान्यास किया है. पुल निर्माण का कार्य शुरू भी हो चुका है. इसके लिए लोगों को अभी छह महीना का इंतजार करना पड़ेगा.

Intro:फतुहाँ- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का विधानसभा क्षेत्र राघोपुर का लाइफ लाइन पीपा पुल गंगा नदी के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण आज पीपा पुल खुल चुका है।


Body:इस पीपा पुल के खुल जाने से आज से जनवरी तक यानी 7 महीने तक राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के जोड़ावनपुर, राघोपुर और रुस्तमपुर थाना क्षेत्र के लाखों लोग की रफ्तार धीमी हो चुकी है। राघोपुर क्षेत्र के लोगों को अब अपने घर से कहीं भी जाने के लिए गंगा नदी पार करने के लिए नाव की सवारी करनी होगी या यू कहे कि राघोपुर दियारा का सभी छोटे से बड़े काम सात महीने तक नाव पर सिमट कर रह गई है जिनके पास लजगरी गाड़ी हो या टेंम्पो या कोई भी गाड़िया सभी राघोपुर के सड़क पर दौड़ने या पटना या हाजीपुर जाने से पहले नाव पर ही सवार हो रहे हैं। खतरो से खेलना यहाँ के लोगों की आदत बन गई है। राघोपुर दियारा क्षेत्र में आने जाने वाले लोग का एक मात्र सहारा अब नाव रह गया है। प्रतिदिन राघोपुर दियारा क्षेत्र से गंगा के पार लगभग दस हजार लोगों का आना जाना रहता है और लोग जान जोखिम में डाल कर नाव की सवारी करते हैं ।नाविक भी ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में 60 लोगो की क्षमता वाले नाव पर लगभग 150 लोगों की सवारी कराते हैं ।नाविक द्वारा छमता से अधिक लोगों को नाव की सवारी कराई जाती है।जिसके कारण पहले कई बार हादसे भी हो चुके है ।राघोपुर विधानसभा से क्षेत्र से कई सालों तक बिहार पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव तथा उनकी पत्नी के कब्जे में रहा है । लालू जी और उनकी पत्नी राबड़ी देवी अपने मुख्यमंत्री काल में यहाँ के विधायक रहे हैं। अब उनके बेटे तेजस्वी यादव को यहाँ के लोगों ने विधायक बनाया! राघोपुर क्षेत्र के लोगों कि पूर्व से ही पक्के पुल की मांग रही है! 1993 में लालू जी ने मुख्यमंत्री काल में यहां के लोगों को पीपा पुल दिया लेकिन ये लोगों की समस्या छह महीने इन लोगो को नाव का ही सहारा लेना पड़ता हैं।


Conclusion:हालांकि तेजस्वी यादव यहाँ के लोगों से किए बादे पूरे किए और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिकस लेने का पक्का पुल का शिलान्यास भी किया और पुल बनाने के काम शुरू भी हो चुके हैं पर पुल बनाने में अभी छह साल से ज्यादा समय लग सकते है और जनता तब तक समस्या से झूझती रहेगी। राघोपुर के लोगो का भी बयान कुछ इसी तरह है ! लोग ये तो जानते हैं कि पुल का काम शुरू हो चुका है पर उन्हें भरोषा नहीं है इन्हें अभी भी पुल तैयार होने में संदेह है।
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