ETV Bharat / state

बलगम के साथ खून आना ही नहीं है TB की निशानी, सही जांच जरूरी

डॉक्टर राज्यपाल कि मानें तो टीबी के लक्षण में अक्सर डॉक्टर्स कंफ्यूज हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही के दिनों में टीबी के मामले में शोध के बाद दो नये टेस्ट बाजार में आए हैं.

पटना में आयोजित कार्यशाला
author img

By

Published : May 26, 2019, 7:51 PM IST

पटना: हर बार बलगम के साथ खून आने का मतलब टीबी की शिकायत होना ही नहीं होता. जी हां, ज्यादातर मरीजों को लगता है कि अगर उन्हें बलगम के साथ खून आया तो उनको टीबी है. यहां तक की ज्यादातर डॉक्टर भी यही कयास लगाते हैं और मरीज को टीबी की दवाइयां देने लगते हैं. फिर भी मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं होता है.

लोगों को इस बाबत जागरुक करने और डॉक्टरों को इलाज से पहले सही बीमारी की पहचान सिखाने के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें दिल्ली से आए पल्मोनरी स्पेशलिस्ट डॉ राज्यपाल ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि बलगम के साथ खून आना टीबी की पहचान नहीं है.

जानकारी देते डॉक्टर राज्यपाल

कैसे करें पहचान?
डॉ. राज्यपाल ने बताया कि खून में संक्रमण किसी भी कारण से हो सकता है. बिहार जैसे राज्यों में खासकर खेतों में काम करने वाले किसानों में यह ज्यादा देखने को मिलता है. डॉक्टर राज्यपाल कि मानें तो टीबी के लक्षण में अक्सर डॉक्टर्स कंफ्यूज हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही के दिनों में टीबी के मामले में शोध के बाद दो नये टेस्ट बाजार में आए हैं. एक एपीबीए और दूसरा आईजीजी. दोनों टेस्ट अब पटना में उपलब्ध हैं. डॉ. ने बताया कि खून जांच की यह एडवांस जांच पद्धति है, जो टीबी के टेस्ट के लिए काफी असरदार है. शोधकर्ताओं कि माने तो खून में संक्रमण के कई कारण हैं. इसलिए उसे समझना जरूरी है.

पटना: हर बार बलगम के साथ खून आने का मतलब टीबी की शिकायत होना ही नहीं होता. जी हां, ज्यादातर मरीजों को लगता है कि अगर उन्हें बलगम के साथ खून आया तो उनको टीबी है. यहां तक की ज्यादातर डॉक्टर भी यही कयास लगाते हैं और मरीज को टीबी की दवाइयां देने लगते हैं. फिर भी मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं होता है.

लोगों को इस बाबत जागरुक करने और डॉक्टरों को इलाज से पहले सही बीमारी की पहचान सिखाने के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें दिल्ली से आए पल्मोनरी स्पेशलिस्ट डॉ राज्यपाल ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि बलगम के साथ खून आना टीबी की पहचान नहीं है.

जानकारी देते डॉक्टर राज्यपाल

कैसे करें पहचान?
डॉ. राज्यपाल ने बताया कि खून में संक्रमण किसी भी कारण से हो सकता है. बिहार जैसे राज्यों में खासकर खेतों में काम करने वाले किसानों में यह ज्यादा देखने को मिलता है. डॉक्टर राज्यपाल कि मानें तो टीबी के लक्षण में अक्सर डॉक्टर्स कंफ्यूज हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही के दिनों में टीबी के मामले में शोध के बाद दो नये टेस्ट बाजार में आए हैं. एक एपीबीए और दूसरा आईजीजी. दोनों टेस्ट अब पटना में उपलब्ध हैं. डॉ. ने बताया कि खून जांच की यह एडवांस जांच पद्धति है, जो टीबी के टेस्ट के लिए काफी असरदार है. शोधकर्ताओं कि माने तो खून में संक्रमण के कई कारण हैं. इसलिए उसे समझना जरूरी है.

Intro:हर वो मरीज को बलगम के साथ खुन आना टीबी नहीं होता है,यह एक भ्रांति है,और कभी कभी डॉक्टर भी कंफ्यूज हो जाते है और मरीज को टीबी की दवा देने लगते है लेकिन मरीज की तबीयत में कोई सुधार नहीं होता है,ईसी पर आज ईटीवी भारत पर दिल्ली से आये पल्मोनरी स्पेशलिस्ट डॉ राज्यपाल बता रहे है


Body:खून में संक्रमण किसी भी कारण से हो सकता है,खासकर खेतों में काम करने वाले किसानों को ज्यादा देखने को मिलता है,डॉक्टर राज्यपाल कि माने तो टीबी के लक्षण मामले में कभी कभार डॉ भी कंफ्यूज हो जाते है और मरीजों को टीबी की दवा चलानी लगते है जो गलत है,हाल के दिनों में टीबी के मामले में शोध के बाद दो नये टेस्ट बाजार में आया है एक एपीबीए,और दुसरा आईजीजी,दोनो अब पटना में जांच उपलब्ध हो चुका है,खून जांच कि यह एडवांस जांच आई है,जो टीबी के टेस्ट के लिए काफी असरदार माना जा रहा है,


Conclusion:आमतौर पर पर आज भी गांवों मे बलगम से खून आना और खांसना टीबी समझने लगते है और टीबी जांच करवाने लगते है,शोधकर्ताओं कि माने तो खून के संक्रमण के कई कारण है,इसलिए उसे समझना जरूरी है


बाईट:--डॉक्टर राज्यपाल, पल्मोनरी स्पेशलिस्ट, टीबी पर शोध कर रहे चिकित्सक, दिल्ली
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.