पटना: हर बार बलगम के साथ खून आने का मतलब टीबी की शिकायत होना ही नहीं होता. जी हां, ज्यादातर मरीजों को लगता है कि अगर उन्हें बलगम के साथ खून आया तो उनको टीबी है. यहां तक की ज्यादातर डॉक्टर भी यही कयास लगाते हैं और मरीज को टीबी की दवाइयां देने लगते हैं. फिर भी मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं होता है.
लोगों को इस बाबत जागरुक करने और डॉक्टरों को इलाज से पहले सही बीमारी की पहचान सिखाने के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. जिसमें दिल्ली से आए पल्मोनरी स्पेशलिस्ट डॉ राज्यपाल ने स्पष्ट शब्दों में बताया कि बलगम के साथ खून आना टीबी की पहचान नहीं है.
कैसे करें पहचान?
डॉ. राज्यपाल ने बताया कि खून में संक्रमण किसी भी कारण से हो सकता है. बिहार जैसे राज्यों में खासकर खेतों में काम करने वाले किसानों में यह ज्यादा देखने को मिलता है. डॉक्टर राज्यपाल कि मानें तो टीबी के लक्षण में अक्सर डॉक्टर्स कंफ्यूज हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि हाल ही के दिनों में टीबी के मामले में शोध के बाद दो नये टेस्ट बाजार में आए हैं. एक एपीबीए और दूसरा आईजीजी. दोनों टेस्ट अब पटना में उपलब्ध हैं. डॉ. ने बताया कि खून जांच की यह एडवांस जांच पद्धति है, जो टीबी के टेस्ट के लिए काफी असरदार है. शोधकर्ताओं कि माने तो खून में संक्रमण के कई कारण हैं. इसलिए उसे समझना जरूरी है.