पटना: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच अति पिछड़ा और निषाद वोट बैंक को लेकर जोर-आजमाइश चल रही है. बिहार में 5 से 4 फीसदी वोट निषाद समाज का है. निषाद समुदाय में कुल 21 जातियां हैं. निषाद वोट बैंक पर दावा करने वाले मुकेश सहनी 25 जुलाई से 'निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा' पर निकल रहे हैं. इस दौरान वह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के 80 जिलों का दौरा करेंगे और अपने वोटर को संकल्प दिलाएंगे. अभियान की शुरुआत फूलन देवी के शहादत दिवस के मौके पर करने जा रहे हैं.
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मुकेश सहनी बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगे!: पहले चर्चा थी कि चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के साथ-साथ मुकेश सहनी भी एनडीए का हिस्सा बनेंगे लेकिन अब तस्वीरें साफ हो गई है. ऐसा लगता है कि अब मुकेश सहनी और बीजेपी के बीच गठबंधन नहीं होगा. खबर है कि सहनी के शर्तों को मानने को भारतीय जनता पार्टी तैयार नहीं है.
मुकेश सहनी के खिलाफ बीजेपी की रणनीति: ऐसे में बीजेपी ने भी जवाबी कार्रवाई की तैयारी कर ली है. मुकेश साहनी जहां फूलन देवी के जरिए आधार मजबूत करना चाहते हैं, वहीं बीजेपी शहीद जुब्बा सहनी के जरिए आंदोलन खड़ा करना चाहती है. पार्टी की ओर से शहीद जुब्बा सहनी की जयंती को जिला स्तर पर मनाने का फैसला लिया गया है. स्वतंत्रता आंदोलन के नायक जुब्बा सहनी के जरिए बीजेपी दरअसल सहनी वोटरों को नजदीक लाने की कोशिश करेगी.
जुब्बा सहनी की जयंती मनाएगी बीजेपी: इस बारे में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू ने कहा कि हमलोग 'सबका साथ सबका विकास' के सिद्धांत पर काम करते हैं. शहीद जुब्बा सहनी स्वतंत्रता सेनानी थे. लिहाजा उनकी जयंती को पार्टी बड़े ही धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही है. जिला स्तर पर शहीद जुब्बा सहनी की जन्म जयंती कार्यक्रम को पार्टी मनाएगी.
"जो भी बिहार के महापुरुष हैं, राजनीतिक दल होने के नाते हमारी पार्टी के लोग उनकी जयंती धूमधाम से मनाते हैं. इसी कड़ी में शहीद जुब्बा सहनी के जन्मदिवस को हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे"- सिद्धार्थ शंभू, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी
फूलन देवी वीआईपी की आईकॉन: उधर, विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि हम फूलन देवी के शहादत दिवस के मौके पर अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. 3 राज्यों में अपने वोटरों के बीच जाएंगे और उन्हें संकल्प दिलाएंगे. सहनी ने फूलन देवी को आईकॉन बनाया है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?: वहीं, राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि निषाद वोट बैंक को साधने के लिए बीजेपी और मुकेश सहनी की ओर से जोर आजमाइश की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी ने जहां स्वतंत्रता आंदोलन के नायक शहीद जुब्बा सहनी को माध्यम बनाया है तो वहीं, मुकेश सहनी फूलन देवी के जरिए चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं. जनता को तय करना है कि वह चुनाव में किसका साथ देगी.
"भारतीय जनता पार्टी हर उस कॉर्नर को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है, जिसकी मदद से उस वोट को साधा जा सके. जहां मुकेश सहनी फूलन देवी को आधार बनाकर बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक निषाद समाज को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बीजेपी शहीद जुब्बा सहनी की जयंती के बहाने निषाद समाज को मैसेज देने की कोशिश कर रहे हैं"- डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
कौन थे जुब्बा सहनी?: शहीद जुब्बा सहनी स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जुब्बा ने 16 अगस्त 1942 को मुजफ्फरपुर के मीनापुर थाना क्षेत्र में अंग्रेज अधिकारी लुईस वालर को आग में जिंदा झोंक दिया था. 11 मार्च 1944 को उनको अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी दे दी थी.