पटनाः बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र (Winter Session Of Bihar Assembly) के आखिरी दिन भी छपरा शराब कांड छाया हुआ है. मामले में बीजेपी की ओर से पहले हाफ में हंगामा किया गया. दूसरे हाफ मे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा सदस्य वेल में पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (Assembly Speaker Awadh Bihari Choudhary) की ओर से बोलने का मौका नहीं दिया गया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के साथ सभी भाजपा सदस्यों ने 2 मिनट मौन रखा और सदन से वॉक आउट (BJP Walk Out From Bihar Assembly) कर गये.
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"छपरा शराब कांड पर हम लोगों ने न्यायिक जांच की मांग की है, लेकिन सरकार कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं है. हम लोगों ने तो यहां तक मांग किया कि 2 मिनट का मौन रखा जाए लेकिन उस पर भी तैयार नहीं हुई. यह सत्ता संरक्षित नरसंहार है. अभी तक मुख्य अपराधी तक सरकार नहीं पहुंची है. जिनके संरक्षण में यह धंधा हो रहा है वे क्या जांच करेंगे. हमारी मांग है कि मामले में हाईकोर्ट के जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच करायी जाय."-विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधान सभा
नीतीश कुमार नैतिक जिम्मेदारी लेकर त्यागपत्र देंः बीजेपी के सदस्यों ने सदन से बाहर बोधि वृक्ष के पास भी दो मिनट का मौन रखा. इस दौरान मीडिया से बातें करते हुए नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये. जहरीली शराब से जिनकी मौत हुई है या फिर अपराधियों की गोली से मौत का मामला. यह कानून व्यवस्था फेल होने का मामला है. बिहार सरकार के मंत्री और गृह मंत्री होने के नाते सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को भी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से त्याग पत्र दे देना चाहिए.
न्यायिक जांच की मांग नहीं हुई पूरी, इसलिए किया गया बहिष्कारः विजय सिन्हा ने कहा कि शराब के सप्लायर और उत्पादन करने वालों को बचाया जा रहा है. इसलिए सरकार न्यायिक जांच से भाग रही है. इसलिए हम लोगों ने सदन का बहिष्कार किया है. इस दौरान सरकार से शराब से मृत लोगों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए.