पटनाः केंद्र की राजनीति में दस्तक देने के लिए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पाला बदला और वह महागठबंधन का हिस्सा हो गए. महागठबंधन नेता 54 से 55% वोट बैंक का दंभ भरने लगे सात दलों के गठबंधन ने नीतीश और तेजस्वी यादव के आत्मविश्वास को बढ़ा दिया है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर लंबे चौड़े दावे भी किए जाने लगे हैं. 3 महीने नहीं बीते कि भाजपा की ओर से भी महागठबंधन को चुनौती देने के लिए एक्शन प्लान (BJP Strategy for Muslim Dalit Backward Voters In Bihar) सामने आ गया.
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"नरेंद्र मोदी के बयान के बाद से देश की सियासत में करवट ली है और पसमांदा समुदाय से लोगों को बिहार में भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. संवाद से दूरियां घट रही है." -फिरोज मंसूरी, पसमांदा नेता
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी चिंता की है अगर हमें हिस्सेदारी मिली और हमारा विकास हुआ तो हम जिस तरीके से कांग्रेस को वोट देते आ रहे थे उसी तरीके से भाजपा को ही वोट दे सकते हैं."-हिमायू अंसारी, मोमिन फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष
"हमें संवाद स्थापित कर रहे हैं और पसमांदा के साथ-साथ अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले लोगों को भी नजदीक लाने की कोशिश में जुटे हैं." संजय पासवान, भाजपा विधान पार्षद
"भाजपा मुसलमानों के विरुद्ध राजनीति करती आ रही है पसमांदा मुसलमान उनके बहकावे में आने वाले नहीं हैं वोट बैंक की राजनीति के लिए भाजपा के लोग प्रशंसकों को ठग रहे हैं.-एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
"अति पिछड़ा समुदाय नीतीश कुमार के साथ है भाजपा के दाव पेच में अति पिछड़ा समाज पहुंचने वाला नहीं है नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों का ख्याल रखा है."- परिमल कुमार, जदयू प्रवक्ता
"महागठबंधन से निपटने के लिए भाजपा ने भी 54 55% वोट बैंक को साधने की तैयारी की है. भाजपा ने एक तीर से दो निशाना साधा है. एक ओर जहां राजद के वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारी है तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार को भी कमजोर करने की कोशिश भाजपा की है. यह भविष्य के गर्भ में है कि भाजपा को इस दिशा में कितनी कामयाबी मिलती है."-कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
आरएसएस को बिहार फतह की बड़ी जिम्मेदारीः भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश और तेजस्वी के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया और राज्य के अंदर दलित पसमांदा और अति पिछड़ा गठजोड़ बनाने की कवायद शुरू कर दी गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कंधों पर प्लान को धरातल पर लाने की जिम्मेदारी है. भारतीय जनता पार्टी के नेता भी सहयोगी की भूमिका में हैं.
महागठबंधन में भाजपा के मास्टर स्ट्रोक से बेचैनीः भाजपा के मास्टर स्ट्रोक से महागठबंधन खेमे में बेचैनी है. राजद और जदयू नेता भाजपा के प्लान को एक सिरे से खारिज कर रहे हैं. महागठबंधन नेताओं का मानना है कि भाजपा अपने मंसूबे में कामयाब होने वाली नहीं है.
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