पटना: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने पीएम मोदी की तरफ से किए गए विशेष राहत पैकेज को ऐतिहासिक बताया है. उन्होंने कहा कि कोरोना ने देश के सामने एक अभूतपूर्व संकट खड़ा किया है, जिससे सामान्य तौर तरीकों से नहीं निपटा जा सकता. इसीलिए अपने संबोधन में पीएम ने विशेष पैकेज के साथ देश के सामने आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य रखा था. साथ ही वितमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज के विभिन्न पहलुओं के माध्यम से देश को एक आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख दिया है.
एमएसएमई होंगे लाभान्वित
पैकेज की प्रशंसा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पैकेज में लोकल ब्रांड को प्रोत्साहन देकर ग्लोबल बनाने पर जोर दिया गया है. लैंड, लेबर और लिक्विडिटी के जरीए भारत में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए 100 करोड़ रुपये टर्नओवर एमएसएमई को 25 करोड़ रुपये तक का लोन देने के साथ-साथ अन्य एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का क्रेडिट फ्री लोन देने का ऐलान किया गया है. इससे 45 लाख एमएसएमई लाभान्वित होंगे.
अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
स्वदेशी की बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ तक की खरीद को ग्लोबल टेंडर से मुक्त कर दिया गया है. वास्तव में मध्यम, सूक्ष्म, लघु उद्योग, कुटीर उद्योग और घरेलू उद्योग हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है. जारी किये गये ब्यौरे से साफं है कि सरकार इन्हें वैश्विक मापदण्डो के अनुरूप विकसित करना चाहती है, जिससे करोड़ो अन्य रोजगार के अवसर उत्पन्न होने के साथ ही अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश
डॉ. जायसवाल ने कहा कि पीएम का ‘आत्मनिर्भर भारत’ का यह संकल्प, आपदा को भी अवसर में बदलने की कोशिश है. अभी कोरोना के कारण पूरा विश्व थमा हुआ है, जैसे-जैसे देश इससे उबरेंगे, लोगों को वस्तुओं की आवश्यकता होगी. बढ़ती मांग की समयानुसार आपूर्ति पूरे दुनिया के लिए एक चुनौती होगी. ऐसी परिस्थिति में जो देश आत्मनिर्भर बन गया वह न केवल खुद की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकेगा बल्कि दूसरे देशों को निर्यात भी कर सकेगा.
देश बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह आत्मनिर्भरता देश को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की कवायद है. लोग देश में निर्मित वस्तुएं खरीदेंगे तो उनका उत्पादन बढे़गा, उत्पादन बढ़ाने पर बाजार में पूंजी का प्रवाह और तेज होगा, कच्चे मालों की भी मांग बढ़ेगी, उत्पादन की अधिकता होने पर विश्व में नये बाजार खोजे जाएंगे और भारत का निर्यात बढेगा. हर हाथ रोजगार मौजूद होगा और भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन कर पूरे विश्व पटल पर उभरेगा.