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MLC की दो सीट की डिमांड पर बीजेपी से नहीं मिला ठोस आश्वासान, नामांकन शुरू लेकिन असमंजस की स्थिति बरकरार - BJP spokesperson Prem Ranjan Patel

बिहार में विधान परिषद चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. एनडीए में सीटों के बंटवारों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने दो सीटों की मांग की है. वहीं, इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. पढे़ं पूरी खबर..

भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल
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Published : Jun 2, 2022, 11:09 PM IST

पटना: राज्य सभा चुनाव के बाद बिहार में विधान परिषद चुनाव (Legislative Council elections in Bihar) होने हैं. विधान परिषद चुनाव को लेकर पहले से दावेदारी शुरू हो गई है. जदयू की ओर से विधान परिषद की 2 सीटों पर दावा किया गया है. वहीं, जदयू के दावों पर भाजपा की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया है. विधान परिषद चुनाव को लेकर अभी एनडीए में शामिल हम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

ये भी पढे़ं-JDU ने MLC की 2 सीटों पर ठोका दावा, बोले मंत्री विजेंद्र यादव- BJP के साथ चल रही है बात

दो सीटों पर भाजपा के पक्ष में अंकगणित: बिहार में विधान परिषद के 7 सीटों के लिए मतदान होने हैं. एनडीए के खाते में 4 सीटें जा रही है. अंक गणित के लिए आज से भाजपा अपने दो उम्मीदवार को जिता सकती है और जदयू अपने एक में उम्मीदवार को जिता सकती है. भाजपा और जदयू को मिलकर चौथे उम्मीदवार को जिताना होगा. चौथी सीट को लेकर जदयू की ओर से दावा ठोका गया है.

जदयू को भाजपा के मदद की दरकार: ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा है कि जदयू को 2 सीटें मिलनी चाहिए. वहीं, विधान परिषद चुनाव को लेकर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि एनडीए के खाते में चार सीटें हैं और चारों सीटों पर एनडीए की जीत होगी. वहीं, चौथे सीट के सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस पर भाजपा और जदयू के प्रदेश स्तर के नेता मिल बैठकर फैसला ले लेंगे.

"4 सीट है एनडीए को. हमलोग बात कर रहे हैं कि 2-2 का हिस्सा हो जाए. दोनों के मिलने से ही एक सीट निकाला जा सकता है. 15 वोट हमको भी बचता है उनको भी बचता है. एक सीट मिलकर निकाला जा सकता है. 2 सीट और एक-एक सीट पर कोई मतभेद नहीं है. दो बीजेपी ले दो हमको दे. हमारी बातचीत हो रही है. सब डिमांड करता है हम भी कर रहे हैं कोई गुनाह थोड़े है. 31 में 1 सीट होता है. यह तो गणित का खेल है."- विजेंद्र यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार

"एनडीए की चार सीटें जो संख्या है. उसके हिसाब से चार सीटें एनडीए की होगी और यहां कोई पार्टी नहीं एनडीए साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और चारों सीट पर एनडीए के उम्मीदवार जीतकर आएंगे. किसके जिम्मे कितनी सीटें जाएंगी, ये आपस में हमारा जो प्रदेश नेतृत्व है, जदयू का जो प्रदेश का नेतृत्व है. वो आपस में बात करके ये तय कर लेंगे की कितनी सीटें पर कौन पार्टी का उम्मीदवार होगा. लेकिन चारों सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी होंगे और एनडीए उसमें सफलता प्राप्त करेगी."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, भाजपा

आज से नामांकन शुरू: विधान परिषद के 7 सीट जुलाई में खाली हो रहे हैं जिसमें से 5 सीट जदयू के हैं और 2 सीट बीजेपी का है. ऐसे में जदयू को 2 सीट मिलने के बाद भी 3 सीट का नुकसान होना तय है. विजेंद्र यादव का भी कहना है जितनी संख्या बल रहेगी उतनी ही सीट मिलेगी. विधान परिषद चुनाव में आरजेडी को फायदा हो रहा है. ऐसे तीनों सीट पर आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार दिए जाने के कारण महागठबंधन खेमे में भी नाराजगी है.

7 सीटों पर होना है इलेक्शन: बिहार से 7 सीटें खाली हो रही हैं. 2 जून से नामांकन शुरू हो गया है. नामांकन करने की अंतिम तिथि 19 जून 2022 है. जबकि स्कूटनी की तारीख 10 जून 2022 तय की गई है. प्रत्याशी अपने नाम वापस 13 जून 2022 तक ले सकते हैं. 20 जून को मतदान होंगे. मतदान सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा. 20 जून 2022 को मतगणना होगी. 22 जून तक चुनावी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.

जदयू को नुकसान!: बिहार विधानसभा की सात सीटों पर होने वाले चुनाव में 7 में से 6 सीटें एनडीए के खाते में है और एक सीट वीआईपी पास है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का भी कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है. अब जो वर्तमान में बिहार की राजनीतिक स्थिति है उसमें एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है. नए राजनीतिक समीकरण में जदयू को सबसे ज्यादा नुकसान होना तय है. नए समीकरण के मुताबिक एनडीए को 4 और आरजेडी की महागठबंधन को 3 सीटें हासिल होती दिख रही हैं. इस हिसाब से देखें तो इस चुनाव में सबसे ज्यादा घाटा एनडीए में शामिल जेडीयू को उठाना पड़ सकता है.

विधान परिषद की स्थिति: 2016 में सातों सीटों का समीकरण कुछ इस प्रकार से था. उस समय जदयू के पास 2 आरजेडी के पास 2, बीजेपी कांग्रेस और वीआईपी के पास एक एक सीट थी. बाद में आरजेडी के विधान पार्षद और कांग्रेस के एक मात्र एमएलसी जदयू में शामिल हो गए. वहीं आरजेडी के दो विधायक जीतने के बाद उसके पास 14 वोट बचते हैं. जिसके बाद वाम दलों के 16 वोटों को जोड़ने के बाद ये आंकड़ा 30 हो जाता है. ऐसे में आरजेडी तीसरे सीट पर दावेदारी कर सकती है. वहीं नंबर के अनुसार अपने विधायकों को जीताने के बाद भाजपा के पास 15 व जदयू के पास 14 वोट बचेंगे. हम के चार व एक निर्दलीय वोट को जोड़कर एनडीए की चौथी सीट भी तय मानी जा रही है. बता दें कि विधानसभा में भाजपा के 77, राजद के 76, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 12, सीपीआई के दो, एमआईएमआईएम के पांच, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चार, सीपीएम के दो और निर्दलीय विधायकों की संख्या एक है.

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पटना: राज्य सभा चुनाव के बाद बिहार में विधान परिषद चुनाव (Legislative Council elections in Bihar) होने हैं. विधान परिषद चुनाव को लेकर पहले से दावेदारी शुरू हो गई है. जदयू की ओर से विधान परिषद की 2 सीटों पर दावा किया गया है. वहीं, जदयू के दावों पर भाजपा की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया है. विधान परिषद चुनाव को लेकर अभी एनडीए में शामिल हम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

ये भी पढे़ं-JDU ने MLC की 2 सीटों पर ठोका दावा, बोले मंत्री विजेंद्र यादव- BJP के साथ चल रही है बात

दो सीटों पर भाजपा के पक्ष में अंकगणित: बिहार में विधान परिषद के 7 सीटों के लिए मतदान होने हैं. एनडीए के खाते में 4 सीटें जा रही है. अंक गणित के लिए आज से भाजपा अपने दो उम्मीदवार को जिता सकती है और जदयू अपने एक में उम्मीदवार को जिता सकती है. भाजपा और जदयू को मिलकर चौथे उम्मीदवार को जिताना होगा. चौथी सीट को लेकर जदयू की ओर से दावा ठोका गया है.

जदयू को भाजपा के मदद की दरकार: ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा है कि जदयू को 2 सीटें मिलनी चाहिए. वहीं, विधान परिषद चुनाव को लेकर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि एनडीए के खाते में चार सीटें हैं और चारों सीटों पर एनडीए की जीत होगी. वहीं, चौथे सीट के सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस पर भाजपा और जदयू के प्रदेश स्तर के नेता मिल बैठकर फैसला ले लेंगे.

"4 सीट है एनडीए को. हमलोग बात कर रहे हैं कि 2-2 का हिस्सा हो जाए. दोनों के मिलने से ही एक सीट निकाला जा सकता है. 15 वोट हमको भी बचता है उनको भी बचता है. एक सीट मिलकर निकाला जा सकता है. 2 सीट और एक-एक सीट पर कोई मतभेद नहीं है. दो बीजेपी ले दो हमको दे. हमारी बातचीत हो रही है. सब डिमांड करता है हम भी कर रहे हैं कोई गुनाह थोड़े है. 31 में 1 सीट होता है. यह तो गणित का खेल है."- विजेंद्र यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार

"एनडीए की चार सीटें जो संख्या है. उसके हिसाब से चार सीटें एनडीए की होगी और यहां कोई पार्टी नहीं एनडीए साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी और चारों सीट पर एनडीए के उम्मीदवार जीतकर आएंगे. किसके जिम्मे कितनी सीटें जाएंगी, ये आपस में हमारा जो प्रदेश नेतृत्व है, जदयू का जो प्रदेश का नेतृत्व है. वो आपस में बात करके ये तय कर लेंगे की कितनी सीटें पर कौन पार्टी का उम्मीदवार होगा. लेकिन चारों सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी होंगे और एनडीए उसमें सफलता प्राप्त करेगी."- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, भाजपा

आज से नामांकन शुरू: विधान परिषद के 7 सीट जुलाई में खाली हो रहे हैं जिसमें से 5 सीट जदयू के हैं और 2 सीट बीजेपी का है. ऐसे में जदयू को 2 सीट मिलने के बाद भी 3 सीट का नुकसान होना तय है. विजेंद्र यादव का भी कहना है जितनी संख्या बल रहेगी उतनी ही सीट मिलेगी. विधान परिषद चुनाव में आरजेडी को फायदा हो रहा है. ऐसे तीनों सीट पर आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार दिए जाने के कारण महागठबंधन खेमे में भी नाराजगी है.

7 सीटों पर होना है इलेक्शन: बिहार से 7 सीटें खाली हो रही हैं. 2 जून से नामांकन शुरू हो गया है. नामांकन करने की अंतिम तिथि 19 जून 2022 है. जबकि स्कूटनी की तारीख 10 जून 2022 तय की गई है. प्रत्याशी अपने नाम वापस 13 जून 2022 तक ले सकते हैं. 20 जून को मतदान होंगे. मतदान सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा. 20 जून 2022 को मतगणना होगी. 22 जून तक चुनावी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा.

जदयू को नुकसान!: बिहार विधानसभा की सात सीटों पर होने वाले चुनाव में 7 में से 6 सीटें एनडीए के खाते में है और एक सीट वीआईपी पास है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी का भी कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है. अब जो वर्तमान में बिहार की राजनीतिक स्थिति है उसमें एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है. नए राजनीतिक समीकरण में जदयू को सबसे ज्यादा नुकसान होना तय है. नए समीकरण के मुताबिक एनडीए को 4 और आरजेडी की महागठबंधन को 3 सीटें हासिल होती दिख रही हैं. इस हिसाब से देखें तो इस चुनाव में सबसे ज्यादा घाटा एनडीए में शामिल जेडीयू को उठाना पड़ सकता है.

विधान परिषद की स्थिति: 2016 में सातों सीटों का समीकरण कुछ इस प्रकार से था. उस समय जदयू के पास 2 आरजेडी के पास 2, बीजेपी कांग्रेस और वीआईपी के पास एक एक सीट थी. बाद में आरजेडी के विधान पार्षद और कांग्रेस के एक मात्र एमएलसी जदयू में शामिल हो गए. वहीं आरजेडी के दो विधायक जीतने के बाद उसके पास 14 वोट बचते हैं. जिसके बाद वाम दलों के 16 वोटों को जोड़ने के बाद ये आंकड़ा 30 हो जाता है. ऐसे में आरजेडी तीसरे सीट पर दावेदारी कर सकती है. वहीं नंबर के अनुसार अपने विधायकों को जीताने के बाद भाजपा के पास 15 व जदयू के पास 14 वोट बचेंगे. हम के चार व एक निर्दलीय वोट को जोड़कर एनडीए की चौथी सीट भी तय मानी जा रही है. बता दें कि विधानसभा में भाजपा के 77, राजद के 76, जदयू के 45, कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 12, सीपीआई के दो, एमआईएमआईएम के पांच, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के चार, सीपीएम के दो और निर्दलीय विधायकों की संख्या एक है.

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