पटना: बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर (Baba Saheb Bhim Rao Ambedkar) की मृत्यु के पीछे साजिश बताकर पूर्व सीएम और हम प्रमुख जीतनराम मांझी (HAM chief Jitan Ram Manjhi) ने नई बहस छेड़ दी है. हालांकि उनकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ही उनके इस बयान से सहमत नहीं दिख रही है. बीजेपी प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि उनकी बातों से हमलोग सहमत नहीं हैं, क्योंकि हर कोई जानता है कि बाबा साहेब की मृत्यु स्वभाविक थी. ऐसे में किसी भी नेता का सोच समझकर इस तरह का बयान देना चाहिए.
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काफी उम्रदराज हो गए हैं मांझी: विनोद शर्मा ने कहा कि जीतनराम मांझी ऊंचे कद के नेता हैं और काफी उम्रदराज भी हो गए हैं. पता नहीं कहां से उनको ये बात पता चली है लेकिन अभी तक कहीं से भी सुनने में नहीं आया है कि बाबा साहेब की मौत के पीछे कोई साजिश है. उन्होंने कहा कि देखिए हर कोई जानता है कि बाबा साहेब की मौत स्वभाविक मौत थी. लिहाजा मेरा मानना है कि किसी भी नेता को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.
"मांझी जी बड़े नेता है और काफी उम्रदराज भी हो गए हैं. बाबा साहेब की मृत्यु पर जो वो बात कह रहे हैं, वो कहीं से भी ठीक नहीं है. पता नही बाबा साहेब की मौत को लेकर कहां से वो ये बोल रहे हैं, जबकि आज तक किसी ने ऐसा नहीं कहा था. हम सब जानते हैं कि बाबा साहेब की मौत स्वाभाविक थी"- विनोद शर्मा, प्रवक्ता, बिहार बीजेपी
धार्मिक जुलूस पर रोक ठीक नहीं: वहीं, मांझी के धार्मिक जुलूस और प्रदर्शन को लेकर दिए बयान पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि भारत के सविधान में सभी को अपना धार्मिक कार्यक्रम करने का अधिकार है. धार्मिक अनुष्ठान में लोग अपनी भावना को सामूहिक रूप से व्यक्त करते हैं और जिस तरह की बात मांझी कर रहे हैं, वो गलत है.
बाबा साहेब की मृत्यु साजिश का हिस्सा: आपको बताएं कि रविवार को पूर्वी चंपारण जिला के केसरिया में अंबेडकर जयंती समारोह का आयोजन किया गया था. जहां पहुंचे पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. उसके बाद समारोह को संबोधित करते हुए मांझी ने बाबा साहेब के अनुयायियों से अत्याचार और अनाचार से लड़ने का आह्वान किया. इस दौरान उन्होंने बाबा साहेब की मौत को साजिश का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब की मृत्यु स्वभाविक नहीं थी. उनकी मृत्यु एक साजिश के तहत हुई है, क्योंकि बाबा साहेब दलितों को उनका अधिकार दिलाने के लिए उन्हें संगठित कर रहे थे.
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