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'लालू परिवार CBI के साथ ही CM नीतीश के शिकंजे में फंसा, FIR उन्होंने ही कराया था'- BJP का खुलासा

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Published : Oct 8, 2022, 12:11 PM IST

सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में राबड़ी देवी समेत 16 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है. बीजेपी ने इसका सूत्रधार सीएम नीतीश कुमार और उनकी टीम को बताया है. बीजेपी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा कि लालू परिवार कानूनी शिकंजे में ही नहीं बल्कि नीतीश के शिकंजे में भी फंसा चुका है. पढ़ें.

Land For Jobs Scam
Land For Jobs Scam

पटना: जमीन के बदले नौकरी ( Land For Jobs Scam) देने के मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत उनके परिवार पर जांच एजेंसियों का शिकंजा (BJP On Charge Sheet Against Lalu Yadav ) कसता जा रहा है. आरजेडी जांच एजेंसी पर लगातार हमलावर है और बीजेपी पर निशाना साध रही है. वहीं बीजेपी ने लालू परिवार पर शिकंजा कसने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह (BJP Spokesperson Dr Ram Sagar Singh) ने कहा है कि लालू परिवार कानूनी शिकंजे के साथ साथ नीतीश के शिकंजे में भी फंस गए हैं. जमीन दो नौकरी लो और जमीन दो होटल लो एफआईआर के सूत्रधार तो नीतीश की टीम ही थी.

पढ़ें- Land For Job Scam: लालू यादव के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट

'लालू परिवार पर एफआईआर के सूत्रधार नीतीश कुमार': बीजेपी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार और उनकी टीम के लोगों ने लालू परिवार पर एफआईआर कराया था. लालू परिवार पर एक बार फिर सीबीआई ने शिकंजा कस दिया है. नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. सीबीआई के एक्शन के बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई है और राजद हमलावर दिख रही है.

"सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया हे. आगे आईआरटीसी में तेजस्वी पर भी आरोप पत्र दाखिल होंगे. फिर लालू परिवार को जेल यात्रा कराकर नीतीश कुमार बड़ी चालाकी से सत्ता और राजद पर कब्जा कर लेंगे. सटा कर मारने की कला के नीतीश कुमार माहिर खिलाड़ी रहे हैं. अलग अलग समय में अनेकों विरोधियों को अपने साथ मिलाकर उसकी राजनीतिक लीला समाप्त कर दी है."- डॉ राम सागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

'सटाकर मारते हैं सीएम नीतीश कुमार': राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, हेमा सहित अन्य लोगों के विरूद्ध सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दिया है. जिस दिन नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच गठबंधन हुआ उसी समय हमलोगों ने सार्वजनिक रूप से यह आशंका जाहिर की थी कि मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल इनके विरुद्ध कर सकती है. हमारी आशंका सही साबित हुई है. लेकिन इन कार्रवाइयों से हम दबने वाले नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान विरोधी कट्टर पंथी ताकतों को सत्ता से अपदस्थ करने के लिए हम और मजबूत संकल्प और ताकत के साथ अपने अभियान को आगे बढ़ायेंगे.

रेल मंत्री रहते घोटाला करने का आरोप : आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. लालू यादव के अलावा, उनके परिवार के सदस्यों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है. बता दें कि साल 2004 से साल 2009 के बीच लालू रेलमंत्री थे.

लालू के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी : ये मामला सबसे पहले तब उजागर हुआ था जब एक साथ लालू यादव के कई ठिकानों पर सीबीआई ने रेड डाला था. यही नहीं उनके करीबीयों के ठिकानों को भी खंगाला गया था. जिसको लेकर जमकर बवाल भी हुआ था.


कैसे लालू परिवार को मिला लाभ?: अज्ञात सरकारी सेवकों और गैर सरकारी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. दरअसल आरोप है कि साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने कई लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दिया और इसके एवज में जमीन लिखवाई थी. यह नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में दिलाई गई थी.


पटना: जमीन के बदले नौकरी ( Land For Jobs Scam) देने के मामले में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत उनके परिवार पर जांच एजेंसियों का शिकंजा (BJP On Charge Sheet Against Lalu Yadav ) कसता जा रहा है. आरजेडी जांच एजेंसी पर लगातार हमलावर है और बीजेपी पर निशाना साध रही है. वहीं बीजेपी ने लालू परिवार पर शिकंजा कसने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह (BJP Spokesperson Dr Ram Sagar Singh) ने कहा है कि लालू परिवार कानूनी शिकंजे के साथ साथ नीतीश के शिकंजे में भी फंस गए हैं. जमीन दो नौकरी लो और जमीन दो होटल लो एफआईआर के सूत्रधार तो नीतीश की टीम ही थी.

पढ़ें- Land For Job Scam: लालू यादव के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट

'लालू परिवार पर एफआईआर के सूत्रधार नीतीश कुमार': बीजेपी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार और उनकी टीम के लोगों ने लालू परिवार पर एफआईआर कराया था. लालू परिवार पर एक बार फिर सीबीआई ने शिकंजा कस दिया है. नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में लालू परिवार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. सीबीआई के एक्शन के बाद बिहार में सियासत शुरू हो गई है और राजद हमलावर दिख रही है.

"सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया हे. आगे आईआरटीसी में तेजस्वी पर भी आरोप पत्र दाखिल होंगे. फिर लालू परिवार को जेल यात्रा कराकर नीतीश कुमार बड़ी चालाकी से सत्ता और राजद पर कब्जा कर लेंगे. सटा कर मारने की कला के नीतीश कुमार माहिर खिलाड़ी रहे हैं. अलग अलग समय में अनेकों विरोधियों को अपने साथ मिलाकर उसकी राजनीतिक लीला समाप्त कर दी है."- डॉ राम सागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता

'सटाकर मारते हैं सीएम नीतीश कुमार': राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, हेमा सहित अन्य लोगों के विरूद्ध सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दिया है. जिस दिन नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच गठबंधन हुआ उसी समय हमलोगों ने सार्वजनिक रूप से यह आशंका जाहिर की थी कि मोदी सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल इनके विरुद्ध कर सकती है. हमारी आशंका सही साबित हुई है. लेकिन इन कार्रवाइयों से हम दबने वाले नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान विरोधी कट्टर पंथी ताकतों को सत्ता से अपदस्थ करने के लिए हम और मजबूत संकल्प और ताकत के साथ अपने अभियान को आगे बढ़ायेंगे.

रेल मंत्री रहते घोटाला करने का आरोप : आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था. लालू यादव के अलावा, उनके परिवार के सदस्यों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है. बता दें कि साल 2004 से साल 2009 के बीच लालू रेलमंत्री थे.

लालू के ठिकानों पर हुई थी छापेमारी : ये मामला सबसे पहले तब उजागर हुआ था जब एक साथ लालू यादव के कई ठिकानों पर सीबीआई ने रेड डाला था. यही नहीं उनके करीबीयों के ठिकानों को भी खंगाला गया था. जिसको लेकर जमकर बवाल भी हुआ था.


कैसे लालू परिवार को मिला लाभ?: अज्ञात सरकारी सेवकों और गैर सरकारी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. दरअसल आरोप है कि साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने कई लोगों को ग्रुप डी की नौकरी दिया और इसके एवज में जमीन लिखवाई थी. यह नौकरियां मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर जोन में दिलाई गई थी.


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