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बिहार को JDU मुक्त.. भारत को BJP मुक्त बनाने का दोनों पार्टियों का फार्मूला, यहां जानें - ईटीवी भारत न्यूज

एक तरफ बीजेपी 'जेडीयू मुक्त बिहार' (JDU Mukt Bihar) की बात कह रही है तो वहीं दूसरी ओर जदयू भी 'बीजेपी मुक्त भारत' (BJP Mukt Bharat ) बनाने के मिशन में जुटी है. ऐसे में दोनों पुराने दोस्तों का नया दुश्मनी का फॉर्मूला क्या है आगे पढ़ें.

BJP Mukt Bharat
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Published : Sep 6, 2022, 2:18 PM IST

Updated : Sep 6, 2022, 2:47 PM IST

पटना: बिहार की सियासत (Politcs Of Bihar) ने करवट ले ली है. बिहार से देश की सियासत को दिशा देने की तैयारी शुरू हो गई है. कभी एक फ्रंट पर रहने वाले भाजपा और जदयू एक दूसरे के लिए जानी दुश्मन बन चुके हैं. अब दोनों दल एक दूसरे को राजनीति के मैदान से बाहर करने में जुटे हैं.

पढ़ें- भाजपा मुक्त देश बनाने की मुहिम को लेकर बिहार में सियासी संग्राम

कांग्रेस मुक्त नारे ने बढ़ाया सियासी पारा: भाजपा और जदयू के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है. बिहार में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एनडीए को बड़ा झटका दिया और वह महागठबंधन का हिस्सा बन गए. आठ दलों के महागठबंधन को मूर्त रूप लेता देख नीतीश कुमार का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया. नीतीश राष्ट्रीय राजनीति में दस्तक देने के लिए तैयार हो गए. सियासत के बदले दौर में भाजपा और जदयू के बीच तल्खी काफी बढ़ चुकी है. भाजपा जहां कांग्रेस मुक्त भारत के नारों के साथ सियासत को मूर्त रूप दे रही थी. वहीं जदयू ने भाजपा मुक्त भारत का नारा देकर सबको चौंका दिया.

क्या है BJP-JDU का एक्शन प्लान?: जदयू के स्टैंड के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया और देश को जदयू मुक्त बनाने के लिए कदम बढ़ा दिया है. पहले तो भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के एकमात्र विधायक को भाजपा में शामिल करा लिया और उसके 1 हफ्ते बाद ही मणिपुर में जदयू के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए. देश में सियासत के नए रंग देखने को मिल रहे हैं. दल मुक्त व्यवस्था करने की बात की जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि राजनीतिक दलों के पास एक्शन प्लान क्या है?

जदयू का प्लान: जदयू ने भाजपा मुक्त भारत का नारा दिया है. प्लान के तहत जदयू बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में भाजपा को 50 सीटों पर हराना चाहती है. तीन राज्यों में 50 का आंकड़ा कम कर जदयू भाजपा को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम कर रही है. बिहार से भाजपा के 17 सांसद हैं तो झारखंड से भाजपा के 11 सांसद हैं. पश्चिम बंगाल से भाजपा के 18 सांसद हैं. कुल मिलाकर तीन राज्यों में भाजपा के 46 सांसद हैं. इन तीन राज्यों में भाजपा को 40 से 50 सीटों पर शिकस्त देने की तैयारी है.

बीजेपी ने आरसीपी सिंह को किया आगे: इधर भाजपा भी जदयू मुक्त भारत बनाने के लिए रणनीति पर काम कर रही है. पार्टी ने पहले जदयू को अरुणाचल प्रदेश में झटका दिया और फिर मणिपुर में झटका दिया. अब तैयारी बिहार में है. आरसीपी सिंह के जरिए भाजपा बिहार में भी बड़ा खेल करने की तैयारी में है.

"हमारे नेता देशभर के दौरे पर निकल चुके हैं. हम देश को भाजपा मुक्त बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में हम भाजपा को 50 सीटों पर अगर झटका दे देते हैं तो वह सत्ता से बाहर हो जाएगी. हम मान लेंगे कि देश भाजपा मुक्त हो गया."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

"जदयू का बिहार से बाहर वैसे तो वजूद नहीं है लेकिन जो भी लोग इनके साथ थे वह इनकी नीतियों की वजह से पार्टी छोड़ रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में इनके लोगों ने इन्हें छोड़ दिया है, वह हमारे साथ आ गए. बिहार में भी आरसीपी सिंह तैयार हैं. यहां भी उन्हें बड़ा झटका लगने वाला है."- संजय टाइगर, भाजपा प्रवक्ता

"लोकतंत्र को दल मुक्त नहीं किया जा सकता है. यह लोकतांत्रिक प्रणाली की विकृति है. भाजपा और जदयू दोनों ओर से दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन व्यवहारिक तौर पर ऐसा संभव नहीं है. हां इतना तो तय है कि दोनों दल एक दूसरे को कमजोर करने में लगी हुई है."- कौशलेंद्र पैदाइशी, वरिष्ठ पत्रकार

पटना: बिहार की सियासत (Politcs Of Bihar) ने करवट ले ली है. बिहार से देश की सियासत को दिशा देने की तैयारी शुरू हो गई है. कभी एक फ्रंट पर रहने वाले भाजपा और जदयू एक दूसरे के लिए जानी दुश्मन बन चुके हैं. अब दोनों दल एक दूसरे को राजनीति के मैदान से बाहर करने में जुटे हैं.

पढ़ें- भाजपा मुक्त देश बनाने की मुहिम को लेकर बिहार में सियासी संग्राम

कांग्रेस मुक्त नारे ने बढ़ाया सियासी पारा: भाजपा और जदयू के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती जा रही है. बिहार में नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने एनडीए को बड़ा झटका दिया और वह महागठबंधन का हिस्सा बन गए. आठ दलों के महागठबंधन को मूर्त रूप लेता देख नीतीश कुमार का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया. नीतीश राष्ट्रीय राजनीति में दस्तक देने के लिए तैयार हो गए. सियासत के बदले दौर में भाजपा और जदयू के बीच तल्खी काफी बढ़ चुकी है. भाजपा जहां कांग्रेस मुक्त भारत के नारों के साथ सियासत को मूर्त रूप दे रही थी. वहीं जदयू ने भाजपा मुक्त भारत का नारा देकर सबको चौंका दिया.

क्या है BJP-JDU का एक्शन प्लान?: जदयू के स्टैंड के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया और देश को जदयू मुक्त बनाने के लिए कदम बढ़ा दिया है. पहले तो भाजपा ने अरुणाचल प्रदेश में जदयू के एकमात्र विधायक को भाजपा में शामिल करा लिया और उसके 1 हफ्ते बाद ही मणिपुर में जदयू के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए. देश में सियासत के नए रंग देखने को मिल रहे हैं. दल मुक्त व्यवस्था करने की बात की जा रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि राजनीतिक दलों के पास एक्शन प्लान क्या है?

जदयू का प्लान: जदयू ने भाजपा मुक्त भारत का नारा दिया है. प्लान के तहत जदयू बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में भाजपा को 50 सीटों पर हराना चाहती है. तीन राज्यों में 50 का आंकड़ा कम कर जदयू भाजपा को सत्ता से बाहर करने की रणनीति पर काम कर रही है. बिहार से भाजपा के 17 सांसद हैं तो झारखंड से भाजपा के 11 सांसद हैं. पश्चिम बंगाल से भाजपा के 18 सांसद हैं. कुल मिलाकर तीन राज्यों में भाजपा के 46 सांसद हैं. इन तीन राज्यों में भाजपा को 40 से 50 सीटों पर शिकस्त देने की तैयारी है.

बीजेपी ने आरसीपी सिंह को किया आगे: इधर भाजपा भी जदयू मुक्त भारत बनाने के लिए रणनीति पर काम कर रही है. पार्टी ने पहले जदयू को अरुणाचल प्रदेश में झटका दिया और फिर मणिपुर में झटका दिया. अब तैयारी बिहार में है. आरसीपी सिंह के जरिए भाजपा बिहार में भी बड़ा खेल करने की तैयारी में है.

"हमारे नेता देशभर के दौरे पर निकल चुके हैं. हम देश को भाजपा मुक्त बनाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में हम भाजपा को 50 सीटों पर अगर झटका दे देते हैं तो वह सत्ता से बाहर हो जाएगी. हम मान लेंगे कि देश भाजपा मुक्त हो गया."- अरविंद निषाद, जदयू प्रवक्ता

"जदयू का बिहार से बाहर वैसे तो वजूद नहीं है लेकिन जो भी लोग इनके साथ थे वह इनकी नीतियों की वजह से पार्टी छोड़ रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में इनके लोगों ने इन्हें छोड़ दिया है, वह हमारे साथ आ गए. बिहार में भी आरसीपी सिंह तैयार हैं. यहां भी उन्हें बड़ा झटका लगने वाला है."- संजय टाइगर, भाजपा प्रवक्ता

"लोकतंत्र को दल मुक्त नहीं किया जा सकता है. यह लोकतांत्रिक प्रणाली की विकृति है. भाजपा और जदयू दोनों ओर से दावे तो किए जा रहे हैं लेकिन व्यवहारिक तौर पर ऐसा संभव नहीं है. हां इतना तो तय है कि दोनों दल एक दूसरे को कमजोर करने में लगी हुई है."- कौशलेंद्र पैदाइशी, वरिष्ठ पत्रकार

Last Updated : Sep 6, 2022, 2:47 PM IST
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