पटना : तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी के नेता दयानिधि मारन द्वारा यूपी और बिहार के लोगों पर विवादित बयान पर सुशील मोदी ने हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि ''अगर विपक्षी दलों में साहत है तो वे सनातन धर्म, राष्ट्रभाषा हिन्दी और बिहार के मेहनती लोगों के विरुद्ध घोर अपमान का भाव रखने वाले द्रमुक मुनेत्र कडगम को इंडिया गठबंधन से बाहर करके दिखाएं.''
उत्तर भारतीयों के विरुद्ध राजनीति तेज : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के निर्माण उद्योग में लगे बिहार के हजारों लोगों को 'टायलेट साफईकर्मी' बताने वाला द्रमुक नेता दयानिधि मारन का बयान आपत्तिजनक और निंदनीय है. समाज में भाषा और प्रांत के आधार पर नफरत फैलाने वाले ऐसे बयान पर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को चुप रहने के बजाय मुख्यमंत्री स्टालिन से बात कर द्रमुक पर दबाव बढ़ाना चाहिए.
''तमिलनाडु में कांग्रेस उस द्रमुक के साथ सत्ता में है, जिसने वहां राहुल गांधी की "मोहब्बत की दुकान" में बिहारियों और उत्तर भारतीय लोगों के लिए नफरत का माल भर दिया है.''- सुशील कुमार मोदी, बीजेपी राज्यसभा सांसद
सुशील मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि तीन हिंदी भाषी प्रदेशों में भाजपा की विजय और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भारत को उत्तर-दक्षिण में बांटने की राजनीति को सुनियोजित ढंग से हवा दी जा रही है. मारन का बयान उसी राजनीति का हिस्सा है.
तेजस्वी यादव भी कर चुके हैं मारन के बयान की निंदा : बता दें कि दयानिधि मारन के बयान का विरोध तेजस्वी यादव ने भी किया और उसे निंदनीय बताया था. तेजस्वी यादव ने कहा था कि यूपी और बिहार के लोगों की वजह से ही सब कुछ चल रहा है नहीं तो सबकुछ ठप हो जाता. दयानिधि मारन के बयान पर बीजेपी हमलावर है.
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