पटना : बिहार में विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर घमासान मचा हुआ है. जब से नीतीश कैबिनेट ने केंद्र से विशेष राज्य के दर्जे के लिए अनुशंसा की है, तब से ये बयानबाजी रुक नहीं रही. वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बयान दिया था कि केंद्र सरकार की हिस्सेदारी लगातार घट रही है. इसी बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने केंद्र की हिस्सेदारी घटने वाले बयान को चुनौती दी.
यूपीए Vs एनडीए के 10 साल : सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस-लालू प्रसाद वाली यूपीए सरकार के दस साल की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को 10 लाख करोड़ ज्यादा की मदद की. सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद के साथ जाते ही उन्हें केंद्र का भेदभाव नजर आने लगता है. सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 4.5 गुना अधिक राशि और सहायता अनुदान के तौर पर 5.5 गुना अधिक धन राशि मिली. अधिक अनुदान और सहायता के अलावा प्रधानमंत्री ने बिहार को 1.5 लाख करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज भी दिया.
सहायता अनुदान में 5.5% की बढ़ोतरी : सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस-लालू की यूपीए सरकार के दौरान (2004-2014) केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में बिहार को 1,06759 करोड़ रुपये मिले, जबकि इसी मद में एनडीए सरकार के दौरान (2014-2024) 4,57311 करोड़ रुपये मिले. केंद्र में कांग्रेस-राजद सरकार के 10 साल में बिहार को सहायता अनुदान के रूप में 54749 करोड़ रुपये मिले, जबकि नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान 270965 करोड़ रुपये मिले. सहायता अनुदान में 5.5 गुना वृद्धि करना क्या हकमारी है?
''यूपीए सरकार के समय बिहार को कुल 1 लाख 61 हजार करोड़ की मदद मिली. जबकि एनडीए सरकार में सात गुना बढ़ कर यही केंद्रीय सहायता 7 लाख 28 हजार करोड़ हो गई.
जब जनता भाजपा को सरकार चलाने का मौका देगी, तब हम बिना विशेष दर्जा के ही बिहार को विकसित राज्य बना कर एक मॉडल प्रस्तुत करेंगे.''- सुशील मोदी, सांसद, बीजेपी
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