पटना: बजट सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को भाजपा विधायक संजय सरावगी ने विधानसभा में मिथिलाक्षर के संरक्षण की मांग की. उन्होंने ध्यानाकर्षण के तहत मैथिली भाषा की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में शुरू कराने की मांग की.
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सरावगी ने कहा कि मैथिली भाषा की अपनी लिपि है. यह भाषा संविधान के अष्टम अनुसूची में है. अन्य भाषाएं जो संविधान के इस अनुसूची में हैं उनकी पढ़ाई सरकारी स्कूलों में कराई जाती है. बिहार में भी मैथिली भाषा की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में होनी चाहिए. असमी हो या बंगाली, संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में होती है तो फिर मैथिली की पढ़ाई सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं होती?
"मैथिली लिपि बहुत पुरानी लिपि है. इसका संरक्षण होना चाहिए. मैथिली भाषा की लिपि के संरक्षण के लिए सरकार को सोचना चाहिए. 5 करोड़ मिथिलावासियों की इच्छा है कि सरकारी स्कूलों में फिर से मैथिली की पढ़ाई शुरू की जाए."- संजय सरावगी, भाजपा विधायक