पटना: बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए शिक्षकों को बड़ा टास्क दिया गया है. बिहार शिक्षा विभाग के नए निर्देश (Bihar Education Department Notification) के मुताबिक अब शिक्षक शराबियों को पकड़ेंगे. स्कूल में शराब का सेवन ना हो, इसका ख्याल भी रखेंगे. इस नए फरमान से शिक्षक काफी परेशान हैं. इस मुद्दे पर अब भाजपा नेता ने भी आपत्ति जाहिर की है. नवल किशोर यादव ने बिहार सरकार पर चौतरफा हमला बोला है.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को मुहिम का रूप दे चुके हैं. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए सीएम नीतीश कुमार समाज सुधार यात्रा भी कर रहे हैं. शिक्षा विभाग में शिक्षकों और प्रधानाचार्य के लिए एक आदेश निर्गत किया है, जिसमें कहा गया है कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए शिक्षक लोगों को जागरूक करें. अगर कोई शराब पीता दिखे तो उसके बारे में प्रशासन को बताएं.
शिक्षा विभाग के फरमान को जदयू की सहयोगी पार्टी भाजपा नेता ही मानने से इंकार कर रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. भाजपा नेता ने कहा है कि शिक्षा विभाग सिर्फ शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य लेना चाहती है और उन्हें लगातार ऐसे कार्यों में लगाया जा रहा है.
'शिक्षक समाज के प्रबुद्ध वर्ग में आते हैं. वे शराबबंदी को लेकर लोगों को जागरूक कर सकते हैं. उनके लिए यह बाध्यकारी नहीं है कि वह शराबबंदी को सफल बनाने के लिए काम करें. आम लोगों की तरह शिक्षकों से भी यह उम्मीद की जाती है कि सरकार की मुहिम में वह बढ़-चढ़कर भूमिका निभाएं.' -विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री
'शिक्षा विभाग का यह तुगलकी फरमान है. बिहार सरकार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कामों में लगाना चाहती है. इससे पहले भी बोरा बेचने से लेकर शौचालय की रखवाली करने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी जा चुकी है. अब शराबियों को पकड़वाने की जिम्मेदारी दी जा रही है. हमने शिक्षकों से अनुरोध किया है कि वह शिक्षा विभाग के आदेश को मानने से इंकार करें.' -नवल किशोर यादव, विधान पार्षद
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