पटना: शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के विवाद को लेकर अभी भी बिहार में सियासत जारी है. शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर अपने कार्यालय नहीं जा रहे हैं और उसको लेकर भाजपा प्रवक्ता रामसागर सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने चंद्रशेखर के आप्त सचिव की डिग्री पर सवाल उठाया है. ऐसे में शिक्षा मंत्री डर गए हैं.
डिग्री पर सवाल उठने का शिक्षा मंत्री को डर-BJP: बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह ने कहा कि डिग्री पर सवाल उठने से शिक्षा मंत्री पूरी तरह से घबरा गए हैं. यही कारण है वह अपने कार्यालय नहीं जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री को ऐसा लग रहा है कि उनकी डिग्री पर भी सवाल पूछ सकते है. केके पाठक ऐसे आईएएस अधिकारी हैं कि वह कभी भी उनकी डिग्री पर सवाल उठा सकते हैं.
"उन्हें इस बात का डर हो गया है कि कभी भी अपर मुख्य सचिव उनकी डिग्री को लेकर भी सवाल उठा सकते हैं. शिक्षा विभाग में जिस तरह की स्थिति बनी हुई थी उसमें सुधार करने की कोशिश केके पाठक कर रहे हैं. आम जनता भी इसकी सराहना कर रही है. जो पढ़े लिखे लोग हैं काफी खुश हैं कि शिक्षा विभाग की जो स्थिति थी उसमें सुधार किया जा रहा है."- रामसागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
रामसागर ने की केके पाठक के काम की तारीफ: बीजेपी प्रवक्ता ने केके पाठक की जमकर सराहना की है, लेकिन सुशील मोदी ने केके पाठक की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए हमला किया था. इस पूरे प्रकरण पर पार्टी की एक राय बनती नहीं दिख रही है. रामसागर सिंह ने कहा कि केके पाठक लगातार विद्यालयों का दौरा कर रहे हैं. शिक्षकों को समझा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा उपस्थिति छात्रों की होनी चाहिए. शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर जो गाइडलाइन उन्होंने जारी किया है काबिल-ए-तारीफ है.
"हम समझते हैं कि उनके शिक्षा विभाग में आने से बिहार के शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा. शिक्षा मंत्री उनका विरोध कर रहे हैं क्योंकि विभाग में जो घोटाले घपले हुए हैं, वह सामने आ रहे हैं. जून के महीने में जो ट्रांसफर पोस्टिंग होता है उसमें भी कहीं ना कहीं विभागीय अधिकारी ने शिक्षा मंत्री का नहीं चलने दिया है."-रामसागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर फिर हमला: बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को लेकर बयानबाजी की थी और उसके दोहा चौपाई को गाते रहते थे. अब शिक्षा मंत्री ने जो कारनामा शिक्षा विभाग में मंत्री रहते हुए किया है कहीं ना कहीं उसको उजागर होना है. इसी डर से वह लगातार आईएएस अधिकारी केके पाठक पर हमलावर हैं.
सुशील मोदी ने केके पाठक पर किया था तीखा प्रहार: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की राय रामसागर सिंह से बिल्कुल अलग है. सुशील मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार ने बदजुबान अधिकारियों को आरजेडी के मंत्रियों के लिए रखा है. केके पाठक किसी भी विभाग में छह महीने से ज्यादा नहीं टिक पाते हैं. नौकरशाह इस तरह से मंत्री की बेइज्जती करे बर्दाश्त से बाहर है.
पूरा मामला: शिक्षा मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच घमासान मचा है. आप्त सचिव को पीत पत्र जारी करने के बाद से मामला और गरमा गया. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों को अपने आवास पर बुलाया और बात की. चंद्रशेखर ने नीतीश कुमार के साथ ही लालू यादव से भी मुलाकात की थी. इसके बाद से शिक्षा मंत्री ने अपने कार्यालय से दूरी बना ली है.