पटना: बिहार सरकार के मंत्री आलोक कुमार मेहता (Minister Alok Kumar Mehta) ने पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि बीजेपी सियासत में विकास के मुद्दों को भूलती जा रही है. मंदिर के पुजारी को ऐसा लग रहा है सत्ता पर बैठाने के फिराक में है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का उदाहरण देख लीजिए. कल तक मंदिर में घंटा बजाने वाले लोग जाकर सियासत कर रहे हैं और लोगों को घंटा बजाना सिखाया जा रहा है.
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"बीजेपी सियासत में विकास के मुद्दों को भूलता जा रहा है और सारे मंदिर के पुजारी को ऐसा लग रहा है सत्ता पर बैठाने के फिराक में है. उत्तर प्रदेश का उदाहरण देख लीजिए. कल तक मंदिर में घंटा बजाने वाले लोग जाकर सियासत कर रहे हैं और लोगों को घंटा बजाना सिखाया जा रहा है. जिस बहुमुखी विकास के लिए जनता ने उनको वोट दिया था, उससे उनको कंसंट्रेट करना चाहिए. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए, किसी ने किसी वजह से या किसी परिस्थिति में कुछ बोल दिया तो वो लकीर खींची नहीं जानी चाहिए. बल्कि उसको बहस का हिस्सा माना जाना चाहिए."- आलोक कुमार मेहता, मंत्री, बिहार सरकार
सेना पर नहीं होनी चाहिए राजनीति: सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आलोक मेहता ने कहा कि 'फेक न्यूज लगातार दिखाए जाते रहे हैं कि इस पर हमला हुआ, इतने आतंकवादियों को मार गिराया गया, जबकि पता चलता है कि देश के जवान मार गिराए जा रहे हैं और उसका बदला लेने की बात कह कर के जनता में स्टिमुलेशन पैदा करने की कोशिश हो रही है. उन्माद के आधार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरे सेना को है और हमें गर्व है अपनी सेना पर, उसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.
किसी पर भी हो सकता है डिसीप्लिनरी एक्शन: राजद नेता और पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह को पार्टी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आलोक मेहता ने कहा 'इसमें शिकायत किस बात की है. अगर कोई पार्टी के अनुरूप कार्य नहीं करेंगे तो डिसीप्लिनरी एक्शन हो सकता है पार्टी में, कोई भी हो. मंत्री आलोक मेहता ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा साथ ही सुधाकर सिंह को जिस तरह का नोटिस पार्टी ने दिया है, उसको उन्होंने उचित ठहराया.