पटना : लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है. वैसे-वैसे नेताओं की बेचैनी भी बढ़ रही है. सीट शेयरिंग से पहले ही जदयू के अंदर घमासान मच गया है. सीतामढ़ी सीट को लेकर जदयू नेताओं ने बगावत कर दी है और नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है. भाजपा ने हालात पर चुटकी ली है. सीतामढ़ी लोकसभा सीट फिलहाल हॉट केक बना हुआ है. सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम फैसला तो नहीं हुआ है, लेकिन जदयू ने सीतामढ़ी लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है.
सीतामढ़ी के जेडीयू नेताओं में विरोध : जेडीयू देवेश चंद्र ठाकुर को मैदान में उतरने की तैयारी में है. इन सब के बीच सीतामढ़ी के स्थानीय नेताओं का विरोध भी शुरू हो गया है. सीतामढ़ी के कई पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों ने नेतृत्व के फैसले के खिलाफ बगावत कर दी है और देवेश चंद्र ठाकुर की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं. विरोध करने वालों में विधान पार्षद रामेश्वर महतो, पूर्व विधायक रंजू गीता समेत कई नेताओं का नाम शामिल हैं.
नीतीश कुमार ने किया था देवेश चंद्र ठाकुर के नाम का ऐलान : दरअसल, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के नाम का ऐलान किया था. भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा है कि सीतामढ़ी लोकसभा सीट को लेकर जदयू में घमासान है. कई नेताओं ने नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया है.
"सीतामढ़ी लोकसभा सीट इंडी गठबंधन के लिए लिटमस साबित होने वाला है. देवेश चन्द्र ठाकुर की उम्मीदवारी को खारिज कर महागठबन्धन नेता नीतीश कुमार को औकात बताने का काम कर रहे हैं. जदयू के अंदर कभी भी विस्फोट हो सकता है और ऐसी स्थिति में पार्टी का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा".- प्रभाकर मिश्रा, प्रवक्ता, बीजेपी
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