पटना: सरकार ने कानून में संशोधन कर पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह समेत कुल 27 लोगो की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया है. इसके बाद से ही बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी नेता लगातार सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार आनंद मोहन सिंह की आड़ में अन्य 26 कुख्यात अपराधियों को रिहा कर रही है. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व बीजेपी नेता जनक राम ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार जिस बिहार को जंगल राज से निकालकर सुशासन राज्य में लेकर आए थे, उसे एक बार फिर से वहीं ले गए हैं. नीतीश ने अपने बड़े भाई से मिलकर एक कानून में संशोधन कर बिहार को फिर से जंगल राज की ओर धकेल दिया है.
पढ़ें- Bihar Politics: 'नीतीश कुमार बिहार में कर रहे हैं गुंडा राज स्थापित'- विजय सिन्हा
बोले जनक राम- 'कानून संशोधन के फैसले पर पुनर्विचार करें नीतीश': पूर्व मंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता जनक राम ने कहा कि जिसे जनता सुशासन के नाम से जानती थी, उनके द्वारा कानून में संशोधन कर ऐसे फैसले लिए गए. दुर्दांत अपराधियों को रिहा कर कर रहे हैं. ऐसे में वह बिहार को 90 के दशक में वापस ले जा रहे हैं. आईएएस एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री को कानून संशोधन के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए एक लेटर दिया गया है, इस पर पूर्व मंत्री जनक राम ने कहा कि यह बिल्कुल सही कदम है. मेरा भी मानना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पर दोबारा सोचने की जरूरत है.
"नीतीश कुमार अपने बड़े भाई से मिलकर सुशासन राज्य को जंगलराज बना रहे हैं. सत्ता की चकाचौंध में जदयू और राजद इस फैसले को सही मान रहे हों लेकिन वह लोग अपनी अंतरात्मा से पूछे तो वह भी कहेंगे कि यह गलत फैसला है. नीतीश कुमार के इस फैसले से बिहार के जेलों में जो अपराधी, हत्यारे, बलात्कारी बंद हैं, अब वो लोग भी आसानी से बाहर निकल जाएंगे. नीतीश कुमार के जेल में सिर्फ गरीब, दलित और असहाय लोग हो बंद रहेंगे, जिन्होंने शराब पीने का जुर्म किया है."- जनक राम, पूर्व मंत्री, बिहार