पटनाः महागठबंधन की सरकार बनते ही बिहार में सियासी (Politics Of Bihar) भूचाल आया हुआ है. बीजेपी दागी मंत्री (Tainted Minister In Bihar) के मुद्दे पर जहां महागठबंधन सरकार को घेरने में जुटी है. वहीं, अवैध संपत्ति के मामले पर महागठबंधन बीजेपी को घेरने में जुटा है. बीजेपी के लोग सरकार में मंत्री बने कार्तिक कुमार और सुधाकर कुमार और रामानंद यादव के दागी होने को लेकर उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ लेसी सिंह को लेकर खुद जेडीयू विधायक बीमा भारती ही बगावत पर उतर आईं हैं. इन्हीं सब विवादों के बीच महागठबंधन की नई सरकार घिरती नजर आ रही है और नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ता जा रहा है.
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दागी मंत्री के सवाल पर भाजपा हमलावर: नीतीश कुमार का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ महागठबंधन का हिस्सा बनना बीजेपी को रास नहीं आ रहा है. सरकार बदलते ही बिहार में जबरदस्त सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी नेता सुशील मोदी दागी मंत्रियों के सवाल पर हमलावर हैं. सुशील मोदी ने रामानंद यादव, सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव और कार्तिक सिंह के मसले पर सरकार को चौतरफा घेरा है. सुधाकर सिंह को लेकर सुशील मोदी ने संवाददाता सम्मेलन कर सरकार को बेनकाब करने की कोशिश की है तो उधर राजद भी बीजेपी पर हमलावर है. पार्टी की ओर से नेताओं ने भाजपा नेताओं की संपत्ति को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
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अवैध संपत्ति को लेकर राजद के निशाने पर बीजेपीः बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि बीजेपी नेताओं ने अवैध संपत्ति अर्जित नहीं की है, जो दागी हैं वहीं अवैध संपत्ति अर्जित करते हैं. राजद में दागी नेताओं की भरमार है अगर बीजेपी नेताओं के बारे में कोई सबूत है तो आरोप लगाने वालों को सामने लाना चाहिए. वहीं, हम पार्टी ने सरकार का बचाव किया है प्रदेश प्रवक्ता विजय यादव ने कहा है कि भाजपा में दागियों की भरमार है उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. बीजेपी कोटे के कई मंत्री और पूर्व मंत्री गंभीर आरोपों से घिरे हैं. सुशील मोदी अपने मकसद में कामयाब होने वाले नहीं हैं.
"भाजपा को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. सबसे पहले वो अपनी पार्टी में झांक कर देखें कई दागी मंत्री भरे पड़े हैं. केंद्रीय मंत्रीमंडल में झांक कर देखें कि उनके कितने दागी हैं. महागठबंधन की सरकार बनना सुशील मोदी को पच नहीं रहा है, इसलिए ये लोग जानबूझ कर हल्ला कर कर रहें कि ये लोग झुक जाएगा और फिर नीतीश कुमार मेरे साथ आ जाएंगे"- विजय यादव, प्रदेश प्रवक्ता, हम
"ये लोग सरकार में रहें या विपक्ष में दागी ही रहे हैं. दागी रहे हैं इसलिए संपत्ति भी इन्हीं के पास है. सत्ता में रहकर भी भाजपा नेताओं ने अवैध संपत्ति अर्जित नहीं की है, जो दागी हैं वहीं अवैध संपत्ति अर्जित करते हैं. राजद में दागी नेताओं की भरमार है अगर भाजपा नेताओं के बारे में कोई सबूत है तो आरोप लगाने वालों को सामने लाना चाहिए"- अरविंद सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
सुशील मोदी आंकड़ों के खेल में माहिरः वहीं, राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि भाजपा और राजद आमने सामने है. दागी नेताओं के सवाल पर भाजपा नीतीश कुमार को घेरने में जुटी है. पिछली बार सुशील मोदी अपने मिशन में कामयाब हुए थे, इस बार उन्हें कितनी सफलता मिलती है यह देखने वाली बात होगी. दागी मंत्रियों का सवाल बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता साबित हो रहा है. सुशील मोदी आंकड़ों के खेल में माहिर हैं, 2017 में भी उन्होंने इसी का सहारा लेकर सरकार गिराई थी. अब नीतीश सम्मान के सवाल पर आरजेडी के साथ आएं, इसलिए दोबारा बीजेपी उन्हें घेरने की कोशिश में है और ये नई सरकार के लिए बड़ी मुश्किल बन सकती है.
पहले भी सुशील मोदी बन चुके हैं गेम चेंजर: आपको बता दें कि 2017 में सुशील मोदी के प्रयासों से नीतीश कुमार एनडीए में वापस आए थे. सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को महागठबंधन के जबड़े से बाहर निकाला था. सुशील मोदी की रणनीतिक कौशल का लोग लोहा मानते हैं. उनकी रणनीतिक कौशल को देखते हुए संकट की स्थिति में केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें आगे किया और गठबंधन टूटने के बाद सुशील मोदी हमलावर हो गए हैं. उन्होंने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर चौतरफा हमला बोलना शुरू कर दिया है.
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