पटना: चिराग पासवान (Chirag Paswan) के विरोध के बावजूद पशुपति पारस (Pashupati Paras) को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) में शामिल कर लिया गया है. हालांकि एलजेपी (LJP) कोटे से उनके मंत्री बनने पर चिराग ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इधर, बीजेपी ने उनके इस कदम पर आपत्ति जताई है. प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा (BJP Leader Vinod Sharma) ने कहा कि किसी को मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है.
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एलजेपी संसदीय दल के नेता पशुपति पारस ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली. उन्हें खाद्य प्रसंस्करण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं, चिराग पासवान की ओर से उन्हें मंत्री बनाने का विरोध करने पर बीजेपी ने उन पर हमला बोला है. प्रवक्ता विनोद शर्मा ने कहा कि पशुपति पारस के साथ 4 अन्य सांसदों का भी समर्थन हासिल है. उन्होंने हमारे साथ आने का फैसला किया है, जिसका हमलोग स्वागत करते हैं.
विनोद शर्मा ने कहा किसी को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करना पीएम मोदी का विशेषाधिकार है. लिहाजा वो किसी को भी अपनी कैबिनेट में मंत्री बना सकते हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री के फैसले पर आपत्ति दर्ज करने का कोई मतलब नहीं है.
"किसी सांसद को तो छोड़िए किसी साधारण व्यक्ति को भी प्रधानमंत्री 6 महीने के लिए मंत्री बना सकते हैं. चिराग की आपत्ति का मतलब समझ से परे है. जहां तक सवाल है असली एलजेपी के दावे का तो उन्हें चुनाव आयोग के निर्णय का इंतजार करना चाहिए"- विनोद शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि चिराग का दावा है कि उनका गुट ही असली एलजेपी है. जबकि अभी तक चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई डिसीजन नहीं लिया है, लिहाजा चिराग को इंतजार करना चाहिए. अभी की स्थिति में चिराग के दावे में हमें दम नजर नहीं आता है.
याद दिलाएं कि पिछले दिनों पशुपति पारस की अगुवाई में एलजेपी के 5 सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी थी. बाद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से पारस को पार्टी संसदीय दल के नए नेता के रूप में मान्यता भी मिल गई थी. वहीं पार्टी पर दोनों गुट अपना-अपना दावा जता रहा है.
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आपको बताएं कि बुधवार को मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में बिहार से हाजीपुर के एलजेपी सांसद पशुपति पारस और जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह को जगह मिली है. जबकि आरके सिंह को प्रमोशन देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वहीं रविशकंर प्रसाद की छुट्टी कर दी गई है.