पटनाः एमएलसी टुन्ना पांडे के ट्विटर से शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अभी थमा भी नहीं है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बिहार के कानून व्यवस्था पर प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि अल्पसंख्यक समाज के द्वारा दलित समाज के लोगों पर लगातार अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे मामले में प्रशासन दोषी को सजा दिलाने की वजह दोनों पक्षों को जेल भेज देते हैं.
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संजय जायसवाल का फेसबुक पोस्टः
'रामगढ़वा के धनगढ़वा गांव में सूचना मिली कि दलित समाज के लोगों के रास्ते को कुछ अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने ईंट की दिवाल बनाकर बंद कर दिया है. मेरी पलनवा थाना प्रभारी से बात हुई और उनके साथ अंचलाधिकारी ने स्वयं स्थान पर जाकर दिक्कत का निदान कर दिया.
विगत कुछ दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई है. शुरुआत ढाका से हुई जहां सहनी फिर नोनिया और उसके बाद पासवान समाज के बरात को न केवल निकलने पर पीटा गया बल्कि जब वे बेचारे पुलिस की मदद मांगने गए तो दंगे के समय के सिद्धांत के तहत दोनों समाज के लोगों पर मुकदमा एवं गिरफ्तारी का आदेश कर पुलिस ने अपनी जिम्मेवारी की इतिश्री कर ली. इस तरह की छह से ज्यादा घटनाएं ढाका में देखी गई है और हर बार दोषी के बदले दोनों समाज को जेल भेज दिया गया. रामगढ़वा में प्रशासन ने बहुत ही धैर्य से इस मुद्दे को सुलझाया इसलिए उनका साधुवाद.
ये घटनाएं अचानक किशनगंज और पूर्णिया जिले में भी बढ़ गई हैं. वायसी में जो दलितों पर अत्याचार हुआ उसपर भी सरकार ने संज्ञान लेकर वहां के दलितों को इंसाफ दिलाया.
प्रशासन को हर जगह चौकसी की जरूरत है. जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस तरह की घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेकर निदान कर दिया जाता है तो भविष्य में स्थितियां हाथ से नहीं निकलती है, पर जब जिला प्रशासन एक तरफ खड़ा होकर निर्दोषों को भी दंड देने लगता है तो समाज में बहुत गलत संदेश जाता है.
चुनाव के पश्चात पश्चिम बंगाल में जिस तरह दलितों पर अत्याचार हुआ है वैसा केवल 1947 के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन दलित कानून मंत्री योगेंद्र नाथ मंडल के कहने पर जो दलित आज के बांग्लादेश में रह गए थे उन पर ही देखने को मिला था.'
संजय जायसवाल के इस पोस्ट के बाद बिहार की राजनीति में एक बार बयानबाजी शुरू हो गई है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने वीडियो जारी कर कहा - 'बिहार में नीतीश कुमार के शासन में क्राइम के साथ कभी समझौता नहीं किया गया है. उनके प्रयासों का नतीजा है कि बिहार में सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल हमेशा बना रहा है. क्रिमिनल की कोई जाति या धर्म नहीं होता है. घटना कोई भी हो पुलिस प्रशासन की पैनी नजर है. अपराध करके अपराधी छिप नहीं सकता है, कार्रवाई होना तय है.'
'लोकसभा सांसद और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बहुत जरूरी मुद्दे को उठाया है. बिहार के कई हिस्सों में दलितों पर अत्याचार हो रहा है. एक खास समुदाय की ओर से उन्हें टारगेट कर हमला किया जा रहा है और हमला करने वाला समुदाय बहुत आक्रमक है. प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्ती से निपटना चाहिए.' - अखिलेश प्रसाद सिंह, बीजेपी प्रवक्ता