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Atiq Ahmad: 'अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाने वाले को दी जाय फांसी की सजा'- बोले बीजेपी विधायक

जुमे की नमाज के बाद आज पटना में अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगे. योगी-मोदी के विरोध में नारेबाजी की गई. उसको लेकर सियासत शुरू हो गयी है. बीजेपी की तरफ से नीतीश सरकार पर निशाना साधा गया, जिस पर जदयू की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई. जदयू ने कहा कि यह सही नहीं है.

बीजेपी विधायक
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Published : Apr 21, 2023, 4:05 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 6:36 PM IST

अतीक अहमद के समर्थन में लगे नारे पर भाजपा-जदयू की प्रतिक्रिया.

पटनाः बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जिस तरह खुले आम पटना की सड़कों पर अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए (slogans raised in favor of mafia atiq ahmed) गए हैं वो कहीं से भी उचित नहीं है. भाजपा विधायक ने ऐसा नारा लगाने वालों के लिए फांसी की सजा और एनकाउंटर करवाने की मांग की. उन्होंने नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा. आरोप लगाया कि तुष्टीकरण को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ये सब करवा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः Bihar News: पटना में जुम्मे की नमाज के बाद 'अतीक अहमद अमर रहे' के लगे नारे

"जिस तरह खुले आम पटना की सड़कों पर अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए गए हैं वो कहीं से भी उचित नहीं है. ऐसे नारा लगाने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए. ऐसे लोगों का सरेआम एनकाउंटर करने की जरूरत है, यही उनकी सजा होनी चहिए"- हरिभूषण ठाकुर बचौल, बीजेपी विधायक

'नीतीश कुमार चुपचाप देख रहे हैं' : बचौल ने कहा कि अतीक अहमद क्या था इसको कौन नहीं जानता है. उसको लेकर बिहार में माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. जिससे ऐसे नारे लगाने की बात ये भूल जाय. उन्होंने कहा कि शुरू से ही हम कह रहे थे बिहार में पीएफआई मॉडल को आगे बढ़ाने का काम हो रहा है. अब सच्चाई सामने आ गई है और नीतीश कुमार चुपचाप देख रहे हैं.

यूपी मॉडल की वकालतः भाजपा विधायक ने कहा कि बिहार की जनता को कभी भी पीएफआई मॉडल पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी मॉडल अपनाकर ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो सकती है. यहां भी ऐसे लोगों के घर पर बुलडोजर चलना जरूरी है. जब तक ऐसा नहीं होगा ऐसे लोग ऐसे ही देश द्रोही नारे लगाते रहेंगे.

अपराधी का जाति-धर्म नहीं होता- JDU : जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि अतीक अहमद और उसके लोग दुर्दांत अपराधी थे. ऐसे लोगों को कानून के हिसाब से कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन जिस प्रकार से पुलिस की मौजूदगी में उसकी हत्या हुई गैरकानूनी है. इसका समर्थन हम लोग नहीं करते हैं. लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग उसके समर्थन में बोलते हैं यह भी स्वीकार नहीं है. इससे समाज में नकारात्मक संदेश जाता है. हर किसी को यह समझना चाहिए कि अपराधी की कोई जाति और कोई धर्म नहीं होता है. हर किसी को ऐसे लोगों का कड़े स्वर में विरोध करना चाहिए.

अतीक अहमद के समर्थन में लगे नारे पर भाजपा-जदयू की प्रतिक्रिया.

पटनाः बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि जिस तरह खुले आम पटना की सड़कों पर अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए (slogans raised in favor of mafia atiq ahmed) गए हैं वो कहीं से भी उचित नहीं है. भाजपा विधायक ने ऐसा नारा लगाने वालों के लिए फांसी की सजा और एनकाउंटर करवाने की मांग की. उन्होंने नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा. आरोप लगाया कि तुष्टीकरण को लेकर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ये सब करवा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः Bihar News: पटना में जुम्मे की नमाज के बाद 'अतीक अहमद अमर रहे' के लगे नारे

"जिस तरह खुले आम पटना की सड़कों पर अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए गए हैं वो कहीं से भी उचित नहीं है. ऐसे नारा लगाने वालों को फांसी की सजा होनी चाहिए. ऐसे लोगों का सरेआम एनकाउंटर करने की जरूरत है, यही उनकी सजा होनी चहिए"- हरिभूषण ठाकुर बचौल, बीजेपी विधायक

'नीतीश कुमार चुपचाप देख रहे हैं' : बचौल ने कहा कि अतीक अहमद क्या था इसको कौन नहीं जानता है. उसको लेकर बिहार में माहौल बनाया जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. जिससे ऐसे नारे लगाने की बात ये भूल जाय. उन्होंने कहा कि शुरू से ही हम कह रहे थे बिहार में पीएफआई मॉडल को आगे बढ़ाने का काम हो रहा है. अब सच्चाई सामने आ गई है और नीतीश कुमार चुपचाप देख रहे हैं.

यूपी मॉडल की वकालतः भाजपा विधायक ने कहा कि बिहार की जनता को कभी भी पीएफआई मॉडल पसंद नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपी मॉडल अपनाकर ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो सकती है. यहां भी ऐसे लोगों के घर पर बुलडोजर चलना जरूरी है. जब तक ऐसा नहीं होगा ऐसे लोग ऐसे ही देश द्रोही नारे लगाते रहेंगे.

अपराधी का जाति-धर्म नहीं होता- JDU : जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि अतीक अहमद और उसके लोग दुर्दांत अपराधी थे. ऐसे लोगों को कानून के हिसाब से कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी, लेकिन जिस प्रकार से पुलिस की मौजूदगी में उसकी हत्या हुई गैरकानूनी है. इसका समर्थन हम लोग नहीं करते हैं. लेकिन दूसरी तरफ कुछ लोग उसके समर्थन में बोलते हैं यह भी स्वीकार नहीं है. इससे समाज में नकारात्मक संदेश जाता है. हर किसी को यह समझना चाहिए कि अपराधी की कोई जाति और कोई धर्म नहीं होता है. हर किसी को ऐसे लोगों का कड़े स्वर में विरोध करना चाहिए.

Last Updated : Apr 21, 2023, 6:36 PM IST
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