पटना: बिहार में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया है. उसको (Politics intensified on the details of the property) लेकर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी ने कहा है कि सरकार की जो संपत्ति का ब्यौरा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दिया है. वह कहां तक ठीक है. यह राज्य की जनता भी जानती है. जब वे 28 साल के थे तब उनके पास अकूत संपत्ति थी. अब वह उपमुख्यमंत्री है उनके संपत्ति कितने कम संपत्ति करोड़ में दिखाया गया है.
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सभी मंत्री अपनी संपत्ति का दिया ब्यौरा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह परिपाटी शुरू की है. सभी मंत्री अपनी संपत्ति का ब्यौरा देते हैं. अच्छी बात है कि जिस तरह संपत्ति का ब्यौरा नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शरीक मंत्रियों ने दिया है. हमारे हिसाब से ठीक नहीं है. हाथी के जैसे दांत दिखाने के कुछ और होता है. खाने का कुछ और होता है. वैसे ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी के संपति ब्यौरा देखने से लगता है. उन्होंने कहा की एक बात और ध्यान देने वाली है की इस गरीब राज्य में मुख्यमंत्री से ज्यादा धनवान उपमुख्यमंत्री है.
"संपत्ति के विवरण देने के मामले में कुछ लोग बहुत कुछ छुपाते हैं और जब ईडी का रेड होता है. कुछ से कुछ बयान देते हैं लेकिन लोगों को याद रखना चाहिए कि नरेंद्र मोदी की सरकार केंद्र में है. इनकम टैक्स और ईडी अपना काम कर रही है. ऐसे हालात में अगर कोई भी अपनी संपत्ति के विवरण छुपाते हैं वो छुपने वाला नहीं होता है." -मिथिलेश तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष, बीजेपी
नीतीश कुमार ने यह परिपाटी शुरू की थी : 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने एक नई परंपरा शुरू की थी, जहां हर साल के पहले दिन वो खुद और अपने कैबिनेट के सभी मंत्रियों के संपत्ति का ब्यौरा आम जनता के सामने पेश करते हैं. इसी परंपरा को एक बार फिर दोहराते हुए नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया.