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शिक्षक-छात्र अनुपात में बिहार की स्थिति काफी खराब, शिक्षा मंत्री बोले- जल्द होगा सुधार

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक बिहार के 67.94 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात सही नहीं है. जबकि 77.86 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात खराब है.

शिक्षक-छात्र अनुपात में बिहार की स्थिति खराब
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Published : Sep 1, 2019, 12:27 PM IST

पटना: जिले के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. पिछली बार शिक्षा विभाग ने करीब 1 लाख शिक्षकों की बहाली की थी. लेकिन कई चरणों में चली चयन प्रक्रिया में सालों लग गए. एक बार फिर सरकार शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 18 सितंबर से आवेदन देने का शिड्यूल जारी कर दिया गया है.

बिहार में 38 छात्रों पर हैं एक शिक्षक
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 38 छात्रों पर एक शिक्षक हैं. जबकि दिल्ली में यह अनुपात बिहार से बेहतर है. जहां 35 छात्रों के मुकाबले एक शिक्षक है. शिक्षक-छात्र अनुपात के मामले में देश में टॉप पर सिक्किम है, जहां हर 4 छात्र पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं.

rjd leader
चितरंजन गगन, राजद नेता

प्राइमरी स्कूलों में 38 छात्रों पर है एक शिक्षक
बता दें शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात निर्धारित की गई है. इसके मुताबिक प्रारंभिक कक्षा 1 से 5 तक के लिए 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए. जबकि उच्च प्राथमिक स्कूल में 6 से 8 कक्षा तक कम से कम 35 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए. लेकिन बिहार के आंकड़ों पर गौर करें, तो प्राइमरी स्कूलों में 38 छात्रों पर एक शिक्षक है. इसके साथ ही मिडिल स्कूलों में 39 छात्रों पर एक शिक्षक है.

education minister
कृष्ण नंदन वर्मा, शिक्षा मंत्री

77.86 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात है खराब
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक बिहार के 67.94 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात सही नहीं है. जबकि 77.86 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात खराब है. वहीं, झारखंड में 50.28% प्राथमिक स्कूल और 64.24% मिडिल स्कूल हैं, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात खराब है. पूरे देश की बात करें, तो देश में 26.45% प्राथमिक स्कूल और 31.7% मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात सही नहीं है.

शिक्षक-छात्र अनुपात में बिहार की स्थिति पर रिर्पोट

बीपीएससी के जरिए होती थी शिक्षकों की बहाली
इस मामले पर राजद ने निशाना साधते हुए कहा है कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में शिक्षा की दुर्गति हो गई है. उन्होंने कहा कि लालू यादव के समय यह अनुपात काफी बेहतर था. बेहतर शिक्षक थे और शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के जरिए होती थी. वहीं, इस पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा है कि बिहार में बड़ी संख्या में शिक्षकों का नियोजन हुआ है और एक बार फिर एक लाख से ज्यादा शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद स्थिति सुधर जाएगी.

पटना: जिले के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. पिछली बार शिक्षा विभाग ने करीब 1 लाख शिक्षकों की बहाली की थी. लेकिन कई चरणों में चली चयन प्रक्रिया में सालों लग गए. एक बार फिर सरकार शिक्षक बहाली की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 18 सितंबर से आवेदन देने का शिड्यूल जारी कर दिया गया है.

बिहार में 38 छात्रों पर हैं एक शिक्षक
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 38 छात्रों पर एक शिक्षक हैं. जबकि दिल्ली में यह अनुपात बिहार से बेहतर है. जहां 35 छात्रों के मुकाबले एक शिक्षक है. शिक्षक-छात्र अनुपात के मामले में देश में टॉप पर सिक्किम है, जहां हर 4 छात्र पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं.

rjd leader
चितरंजन गगन, राजद नेता

प्राइमरी स्कूलों में 38 छात्रों पर है एक शिक्षक
बता दें शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात निर्धारित की गई है. इसके मुताबिक प्रारंभिक कक्षा 1 से 5 तक के लिए 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए. जबकि उच्च प्राथमिक स्कूल में 6 से 8 कक्षा तक कम से कम 35 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए. लेकिन बिहार के आंकड़ों पर गौर करें, तो प्राइमरी स्कूलों में 38 छात्रों पर एक शिक्षक है. इसके साथ ही मिडिल स्कूलों में 39 छात्रों पर एक शिक्षक है.

education minister
कृष्ण नंदन वर्मा, शिक्षा मंत्री

77.86 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात है खराब
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक बिहार के 67.94 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात सही नहीं है. जबकि 77.86 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात खराब है. वहीं, झारखंड में 50.28% प्राथमिक स्कूल और 64.24% मिडिल स्कूल हैं, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात खराब है. पूरे देश की बात करें, तो देश में 26.45% प्राथमिक स्कूल और 31.7% मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात सही नहीं है.

शिक्षक-छात्र अनुपात में बिहार की स्थिति पर रिर्पोट

बीपीएससी के जरिए होती थी शिक्षकों की बहाली
इस मामले पर राजद ने निशाना साधते हुए कहा है कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में शिक्षा की दुर्गति हो गई है. उन्होंने कहा कि लालू यादव के समय यह अनुपात काफी बेहतर था. बेहतर शिक्षक थे और शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के जरिए होती थी. वहीं, इस पर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा है कि बिहार में बड़ी संख्या में शिक्षकों का नियोजन हुआ है और एक बार फिर एक लाख से ज्यादा शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया चल रही है, जिसके बाद स्थिति सुधर जाएगी.

Intro:बिहार के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। बिहार के करीब 68 परसेंट प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्र शिक्षक अनुपात अत्यंत खराब है जबकि करीब 78 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में भी छात्र और शिक्षक अनुपात खराब है। पटना से एक खास रिपोर्ट


Body:केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 38 छात्रों पर एक शिक्षक है जबकि दिल्ली में यह अनुपात बिहार से बेहतर है जहां 35 छात्रों के मुकाबले एक शिक्षक है। शिक्षक छात्र अनुपात के मामले में देश में टॉप पर सिक्किम है जहां हर 4 छात्र पर एक शिक्षक उपलब्ध है ।
आपको बता दें शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात निर्धारित किया गया है। इसके मुताबिक प्रारंभिक कक्षा 1 से 5 तक के लिए 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए जबकि उच्च प्राथमिक स्कूल में 6 से 8 कक्षा तक कम से कम 35 छात्रों पर एक होना चाहिए। लेकिन बिहार के आंकड़ों पर गौर करें बिहार में प्राइमरी स्कूलों में 38 छात्रों पर एक शिक्षक है और मिडिल स्कूलों में 39 छात्रों पर एक शिक्षक है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक बिहार के 67.94 प्रतिशत प्राथमिक स्कूलों में छात्र और शिक्षक का अनुपात सही नहीं है। जबकि 77.86 प्रतिशत मिडिल स्कूलों में छात्र शिक्षक अनुपात खराब है। वहीं झारखंड में 50.28% प्राथमिक स्कूल और 64.24% मिडिल स्कूल हैं जहां छात्र शिक्षक अनुपात खराब है। पूरे देश की बात करें तो देश में 26.45% प्राथमिक स्कूल और 31.7% स्कूल ऐसे हैं जहां खराब छात्र शिक्षक अनुपात है।
बिहार की खराब स्थिति पर राजद ने निशाना साधा है और कहा है कि एनडीए के शासनकाल में बिहार में शिक्षा की दुर्गति हो गई है । वहीं लालू यादव के समय यह अनुपात काफी बेहतर था, बेहतर शिक्षक थे और शिक्षकों की बहाली बीपीएससी के जरिए होती थी। इधर शिक्षा मंत्री ने कहा बिहार में बड़ी संख्या में पहले शिक्षकों का नियोजन हुआ है और एक बार फिर एक लाख से ज्यादा शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया चल रही है जिसके बाद स्थिति सुधरेगी।


Conclusion:चितरंजन गगन राजद नेता
कृष्ण नंदन वर्मा शिक्षा मंत्री बिहार
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